SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF DISTRIBUTION OF APPOINTMENT LETTERS TO THE JBT TEACHERS, DEPARTMENT OF EDUCATION, UT CHANDIGARH ON APRIL 1, 2025.

जेबीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के अवसर पर

राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 01.04.2025, मंगलवारसमयः दोपहर 12:00 बजेस्थानः चंडीगढ़

         

नमस्कार!

सर्वप्रथम, आज इस हर्ष व गर्व के क्षण पर, मैं सभी नवनियुक्त शिक्षकों को उनकी इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई देता हूँ। साथ ही, आपके माता-पिता और परिवारजनों को भी बधाई देता हूँ, जिनकी प्रेरणा, समर्थन और आशीर्वाद से आज आप इस मुकाम तक पहुँचे हैं।

आज जब आप अपने नियुक्ति पत्र प्राप्त कर रहे हैं, तो यह केवल एक औपचारिक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह समाज और राष्ट्र के प्रति आपकी प्रतिबद्धता का प्रमाण भी है। यह आपके लिए विश्वास का प्रमाणपत्र है, एक ऐसा प्रमाणपत्र जो यह दर्शाता है कि सरकार, समाज और देश को आप पर भरोसा है।

आपकी यह सफलता केवल एक परीक्षा पास करने तक सीमित नहीं है। यह आपके वर्षों के प्रयास, आपके माता-पिता और शिक्षकों के आशीर्वाद, तथा आपके आत्म-विश्वास और दृढ़ निश्चय का परिणाम है। 

आपने अनगिनत घंटे पढ़ाई में लगाए, कठिन परिस्थितियों का सामना किया और सभी चुनौतियों को पार कर आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं। यह केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि एक कर्तव्य, एक जिम्मेदारी और एक मिशन है, जिसे आपको पूरे समर्पण के साथ निभाना है।

यह अवसर न केवल आप सभी के जीवन में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है, बल्कि हमारे शिक्षा तंत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

आप जिस विद्यालय में नियुक्त होंगे, वहाँ के विद्यार्थियों का भविष्य अब आपके हाथों में होगा। आपके ज्ञान, आपकी मेहनत, आपके धैर्य और आपके समर्पण पर निर्भर करेगा कि वे विद्यार्थी अपने जीवन में कितना आगे बढ़ते हैं।

आपका हर निर्णय, हर शब्द और हर प्रयास भारत के भविष्य को आकार देगा। जो विद्यार्थी आपके पास पढ़ने आएंगे, वही आने वाले वर्षों में डॉक्टर, वैज्ञानिक, नेता, उद्यमी और समाजसेवी बनेंगे। उनके चरित्र और ज्ञान का आधार आप रखेंगे।

हमारे प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है, ‘‘आचार्य देवो भवः’’ अर्थात शिक्षक देवता के समान होता है। इसका अर्थ केवल आदर देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भी है कि शिक्षक को अपने ज्ञान, आचरण और व्यवहार से प्रेरणास्त्रोत बनना चाहिए।

मेरा मानना है कि एक शिक्षक सामान्य होते हुए भी मनुष्य को महान बनाने की ताक़त रखता है। शिक्षक ही वह धुरी होता है जो विद्यार्थी को सही-गलत व अच्छे-बुरे की पहचान करवाते हुए उसकी अंतर्निहित शक्तियों को विकसित करने की पृष्ठभूमि तैयार करता है।

आप देश का वर्तमान एवं भविष्य, दोनों हैं। वर्तमान में हम जो कार्य करते हैं, वे हमारे देश के भविष्य का निर्माण करते हैं। युवा और शिक्षक वर्तमान समय में अपनी मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा से देश के हर क्षेत्र में प्रगति सुनिश्चित कर सकते हैं।

मुझे बताया गया है कि चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के 111 विद्यालयों में डेढ़ लाख विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिनमें प्राथमिक कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या 41,419 है। इनके लिए विद्यालयों में 1,391 जे.बी.टी. के स्वीकृत पद हैं। इनमें से 469 रिक्त पदों पर 281 जे.बी.टी. को आज नियुक्ति पत्र प्रदान किए जा रहे हैं।

मित्रों,

शिक्षक विद्यार्थियों को केवल पाठ्यक्रम का ज्ञान नहीं देते, बल्कि उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में जागरूक और कुशल बनाते हैं। शिक्षक केवल मार्गदर्शन का कार्य ही नहीं करते बल्कि समाज के निर्माण और विकास का आधार भी होते हैं। वे केवल ज्ञान के प्रकाशक नहीं होते, बल्कि नैतिकता, अनुशासन और मूल्यों के संवाहक भी होते हैं। शिक्षक हमारे समाज को शिक्षित और सशक्त बनाते हैं, जिससे एक मजबूत और प्रगतिशील राष्ट्र का निर्माण होता है।

आपकी मेहनत और समर्पण के बिना एक समृद्ध और सशक्त समाज की कल्पना करना असंभव है। इसलिए, समाज में शिक्षक का सम्मान और योगदान अमूल्य है।

शिक्षक आज बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं, उनकी सोच और चरित्र को गढ़ रहे हैं। यह कार्य समाज पर तुरंत प्रभाव डालता है और एक सकारात्मक बदलाव लाता है। आपके द्वारा दी गई शिक्षा और नैतिकता के पाठ एक बच्चे के जीवनभर साथ रहते हैं। यही बच्चे कल के नेता, वैज्ञानिक, शिक्षक और समाज के अन्य महत्वपूर्ण स्तंभ बनते हैं।

आज हम जो कुछ भी हैं, वह हमारी पिछली पीढ़ियों के प्रयासों का परिणाम है। इसी तरह, जो आप आज करेंगे, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए आदर्श और मार्गदर्शक बनेगा।

मित्रों,

वर्तमान और भविष्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। आप वह कड़ी हैं जो आज और कल को जोड़ती है। वर्तमान में जो भी सुधार या बदलाव आप करते हैं, उसका दीर्घकालिक प्रभाव देश के भविष्य पर पड़ता है। यदि वर्तमान में आप अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाते हैं, तो आप न केवल अपना बल्कि अपने समाज और देश का भविष्य भी उज्ज्वल बनाते हैं।

आज की युवा शक्ति और शिक्षक, देश के लिए नई ऊर्जा और नवाचार का स्रोत हैं। आपका हर प्रयास देश को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। जब आपको देश के वर्तमान और भविष्य दोनों का जिम्मेदार ठहराया जाता है, तो यह आपके प्रति एक विश्वास को दर्शाता है कि आप इस भूमिका को सफलतापूर्वक निभा सकते हैं।

प्रिय नव-नियुक्त शिक्षकगणो,

सरकारी नौकरी में प्रवेश जीवन का अंतिम पड़ाव नहीं हो सकता। सरकारी नौकरी का उद्देश्य सिर्फ स्थिरता प्राप्त करना नहीं है, बल्कि समाज की सेवा करना और अपने कर्तव्यों का पालन करना है। यह एक नई यात्रा की शुरुआत है, जहाँ आप समाज को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। आपको आगे बढ़ना है, नई ऊंचाइयों को प्राप्त करना है।

आज, जब दुनिया तेजी से बदल रही है, शिक्षा के क्षेत्र में भी नवाचार और तकनीकी का समावेश ज़रूरी है। मुझे विश्वास है कि आप नई तकनीकों और पद्धतियों को अपनाकर अपने शिक्षण को और अधिक प्रभावशाली बनाएंगे। मैं आशा करता हूँ कि शैक्षणिक जीवन में आप आने वाली नई चुनौतियों का सामना अपने समर्पण और कौशल से करेंगे।

मैं चाहूंगा कि आप समय-समय पर राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले टीचर्स एक्सचेंज प्रोग्राम और टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लेना सुनिश्चित करें, ताकि आप अपने ज्ञान और कौशल को और अधिक निखार सकें।

इन कार्यक्रमों में भाग लेने से शिक्षक अन्य देशों के शिक्षण तरीकों, शैक्षिक प्रणालियों और सांस्कृतिक विविधताओं को समझ सकते हैं। यह हमारे दृष्टिकोण को विस्तृत करता है और हमें वैश्विक दृष्टिकोण से सोचने की क्षमता देता है।

शिक्षक जब अपने ज्ञान और कौशल को निरंतर निखारते हैं, तो वे शिक्षा के क्षेत्र में उच्च मानक स्थापित करते हैं और अपने छात्रों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाते हैं।

आप जिस भी स्कूल में कार्यरत हों, उस स्कूल का परिणाम निजी स्कूलों से बेहतर होना चाहिए क्योंकि आपके पास न केवल उत्कृष्ट शैक्षिक योग्यता है, बल्कि समर्पण, मेहनत और एक समर्थ शिक्षा प्रणाली भी है।

जब शिक्षक अपने कार्य में उत्कृष्टता लाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और छात्रों को पूर्ण रूप से मार्गदर्शन करते हैं, तो परिणाम हमेशा बेहतर होते हैं। यह आपके प्रयासों और समर्पण का ही परिणाम होगा कि आपके स्कूल का प्रदर्शन अन्य स्कूलों से उत्कृष्ट हो।

प्रिय शिक्षकगणो,

जैसे कि आप सभी जानते हैं कि देश में नई शिक्षा नीति (एनईपी 2020) को लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को और अधिक समावेशी, व्यावहारिक और नवाचार आधारित बनाना है। 

यह नीति छात्रों को एक समग्र, व्यावहारिक और प्रौद्योगिकी-संचालित शिक्षा प्रदान करने पर जोर देती है, जिससे वे केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू में कुशल और सक्षम बनें। इस नीति का उद्देश्य एक ऐसा पर्यावरण तैयार करना है, जो छात्रों को मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाए।

नई शिक्षा नीति में शिक्षकों को विशेष महत्व दिया गया है। इसके अंतर्गत, आपकी भूमिका और भी अहम हो जाती है, क्योंकि यह नीति छात्रों को न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाने का लक्ष्य रखती है।

इस नीति के अंतर्गत शिक्षक केवल ‘शिक्षक’ नहीं बल्कि ‘सीखने के सुगमकर्ता’ (Facilitator of Learning) के रूप में कार्य करेंगे। आपको विद्यार्थियों की जिज्ञासा को प्रोत्साहित करना है, उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है और उन्हें जीवन में बड़े लक्ष्यों के लिए प्रेरित करना है।

अब आपके पास यह सुनहरा अवसर है कि आप अपनी प्रतिभा और क्षमता का उपयोग करते हुए अपने शहर और देश को गर्व महसूस कराने में एक विशेष और महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर देश के लिए एक आदर्श बनें।

याद रखें, अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन हमेशा सकारात्मक सोच के साथ करें। अपने कार्यों में पूरी पारदर्शिता बनाए रखें और सच्चाई व ईमानदारी को अपना आधार बनाएं।

समय की पाबंदी जीवन में सफलता का मूल मंत्र है। इसलिए समय की पाबंदी को अपने काम के पहले दिन से ही सुनिश्चित करें और इसे अपने व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा बनाएं।

आज का यह कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि हम शिक्षा के विकास के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं।

मित्रो,

भारत आज अमृतकाल के दौर में है। 2047 तक का समय वह समय है जब हमारा देश स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करने की ओर अग्रसर है। इस कालखंड में देश को आत्मनिर्भर, सशक्त और वैश्विक शक्ति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण साधन है।

आप सभी को इस ऐतिहासिक कालखंड में देश की सेवा करने का अवसर मिला है, जो अत्यंत गौरव की बात है। आप जिस ज्ञान, संस्कार और प्रेरणा को अपने विद्यार्थियों में रोपित करेंगे, वही आने वाले समय में एक विकसित भारत की नींव बनेगा।

आप सभी शिक्षकों को मैं एक महत्वपूर्ण संदेश देना चाहता हूँ, ‘‘शिक्षा केवल रोजगार का साधन नहीं, बल्कि यह राष्ट्र के उत्थान का माध्यम है।’’

इस नई जिम्मेदारी को एक सेवा, एक मिशन और एक अवसर के रूप में देखें। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि यदि आप अपने कार्य को समर्पण और ईमानदारी के साथ करेंगे, तो न केवल विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल होगा, बल्कि आप स्वयं भी समाज में सम्मान और संतोष प्राप्त करेंगे।

अंत में, मैं आप सभी को बधाई देता हूँ और आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ।

आइए, हम संकल्प लें कि शिक्षा के माध्यम से हम एक सशक्त, समृद्ध और नैतिक समाज का निर्माण करेंगे!

धन्यवाद,

जय हिंद!