SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF FELICITATION CEREMONY OF SCHOLARSHIP WINNERS AT CHANDIGARH ON MARCH 25, 2025.

चंडीगढ़ के खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति वितरण समारोह के अवसर पर

माननीय राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 25.03.2025,  मंगलवारसमयः सुबह 10:15 बजेस्थानः चंडीगढ़

     

नमस्कार!

आज इस गौरवपूर्ण अवसर पर आप सभी के बीच उपस्थित होकर मुझे अत्यंत हर्ष हो रहा है। यह सम्मान समारोह उन होनहार खिलाड़ियों को समर्पित है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और अनुशासन के बल पर खेल जगत में सफलता प्राप्त की है और आज छात्रवृत्ति प्राप्त कर अपने उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर हो रहे हैं।

मैं उन सभी खिलाड़ियों को हार्दिक बधाई देता हूँ, जिन्होंने यह प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति अर्जित की है।

इस सफलता के पीछे खिलाड़ियों के साथ-साथ उनके माता-पिता, कोच और शिक्षकों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। मैं उन सभी को भी हृदय से बधाई देता हूँ, जिनके सहयोग और मार्गदर्शन ने इन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

आप सभी खिलाड़ी न केवल हमारे शहर बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय हैं। आपकी उपलब्धियाँ यह सिद्ध करती हैं कि निरंतर परिश्रम और दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

भगवद गीता में कहा गया हैः

‘‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।’’

अर्थात, हमें अपने कार्य पर पूरा ध्यान देना चाहिए और फल की चिंता किए बिना पूरी निष्ठा से प्रयास करना चाहिए। आप सभी खिलाड़ियों ने इसी भावना के साथ अपने खेल में श्रेष्ठता प्राप्त की है और आज इस सम्मान के हकदार बने हैं।

देवियो और सज्जनो,

मुझे बताया गया है कि वर्ष 2023-24 के लिए अंडर-14, अंडर-19 और अंडर-23 आयु वर्ग के कुल 2,394 खिलाड़ियों को 10 करोड़ 18 लाख 98 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। 

बड़े गर्व और हर्ष का विषय है कि 1991 में स्थापित हमारी यह छात्रवृत्ति योजना प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आई है। 

हालांकि, यह छात्रवृत्ति योजना प्रतिवर्ष दी जाती रही है, लेकिन इसके अन्तर्गत दी जाने वाली राशि वर्ष 2017 से एकसमान ही थी। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए और खिलाड़ियों की बढ़ती आवश्यकताओं को समझते हुए, विभाग ने 29 अगस्त 2023 को नई खेल नीति लागू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। 

इस नीति के तहत छात्रवृत्ति राशि को 7 से 10 गुना तक बढ़ाया गया है, जिससे हमारे युवा खिलाड़ियों को अधिक संसाधन और बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध होंगी और उनको खेल को करियर के रूप में अपनाने का आत्मविश्वास भी प्राप्त होगा। 

देवियो और सज्जनो,

छात्रवृत्तियाँ समाज के सभी वर्गों को समान अवसर उपलब्ध कराने का एक महत्वपूर्ण साधन हैं। वे केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं होतीं, बल्कि यह एक सशक्त माध्यम हैं, जो प्रतिभाशाली विद्यार्थियों या खिलाड़ियों को उनके सपनों को साकार करने और अपने कौशल को निखारने का अवसर प्रदान करती हैं।

आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में शिक्षा और खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए संसाधनों की आवश्यकता होती है। दुर्भाग्यवश, समाज के कुछ वर्ग आर्थिक बाधाओं के कारण अपनी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग नहीं कर पाते। ऐसे में छात्रवृत्ति कार्यक्रम आर्थिक रूप से कमजोर, मगर प्रतिभाशाली बच्चों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का द्वार खोलते हैं।

जब होनहार खिलाड़ी अपने कौशल के बल पर उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं, तो वे समाज और देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि योग्य खिलाड़ी केवल आर्थिक सीमाओं के कारण अपने लक्ष्यों से वंचित न रह जाएँ।

देवियो और सज्जनो,

इस अवसर पर मैं चंडीगढ़ प्रशासन के खेल विभाग को हार्दिक बधाई देना चाहता हूँ, जिन्होंने खेलों को बढ़ावा देने और जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने में निरंतर कार्य किया है। 

खेल विभाग युवा प्रतिभाओं की पहचान करने और उन्हें निखारने के लिए प्रतिबद्ध रहा है, जिससे विश्वस्तरीय एथलीट तैयार करने में महत्वपूर्ण योगदान मिला है।

आने वाले वर्षों में यह छात्रवृत्ति योजना विकलांग खिलाड़ियों, ट्रांसजेंडर एथलीटों और समाज के उपेक्षित प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भी समान अवसर प्रदान करेगी, जिससे प्रत्येक इच्छुक खिलाड़ी को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित मंच मिल सकेगा।

हम सभी जानते हैं कि चंडीगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का उत्कृष्ट खेल बुनियादी ढांचा उपलब्ध है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारा प्रयास है कि शहर में खेलों को और अधिक बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजनों का नियमित रूप से आयोजन किया जाए।

देवियो और सज्जनो, 

हमें गर्व है कि चंडीगढ़ में रहने वाले और चंडीगढ़ में ही अपनी अंतिम सांस लेने वाले बलबीर सिंह सीनियर का भारतीय हॉकी के उत्थान में योगदान न केवल स्वर्ण पदकों की संख्या से मापा जाता है, बल्कि उनके खेल के प्रति समर्पण, रणनीतिक कौशल, और नेतृत्व क्षमता के कारण भी उन्हें भारतीय हॉकी के इतिहास में विशेष स्थान प्राप्त है।

चंडीगढ़ के खेल कौशल के कई और शानदार उदाहरण हैं जिनमें फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह, 1983 का क्रिकेट विश्व कप जिताने वाले कपिल देव, युवराज सिंह, गोल्फ खिलाड़ी जीव मिल्खा सिंह और निशानेबाजी में हमारे ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा शामिल हैं।

हॉकी चंडीगढ़ ने भी कई ओलंपियन और अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी दिए हैं जिनमें बलजीत सिंह, दीपक ठाकुर, राजपाल सिंह, इंद्रजीत सिंह, रूपिंदर पाल सिंह, गुरजंट सिंह, मनिंदर, संजय, आदि शामिल हैं और जूनियर श्रेणियों में अमनदीप, अर्शदीप सिंह, सुखमन सिंह और अंगदबीर सिंह शामिल हैं।

इसके अलावा मनिंदर सिंह, अमनदीप, रोहित, बिक्रमजीत सिंह और अंकुश चंडीगढ़ के उभरते हुए युवा अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं।

हमारे लिए यह भी गर्व की बात है कि निशानेबाजी में पदक जीतने वाली मनु भाकर और सरबजोत सिंह का नाता भी चंडीगढ़ से है।

देवियो और सज्जनों,

खेल पुरातन काल से ही भारत की सभ्यता का हिस्सा रहे हैं। रामायण काल हो, महाभारत काल हो या वेदों-पुराणों का समय हो खेल प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से जनजीवन का हिस्सा रहे हैं। खेल केवल मनोरंजन के लिए नहीं खेले जाते थे बल्कि शारीरिक व मानसिक स्फूर्ति के विकास का साधन थे।

घुड़सवारी, तलवारबाजी, तिरंदाजी, कुश्ती, मल्लखम्भ, रथों की दौड़, तैराकी, चौसर इत्यादी खेलों का प्राचीन भारत में प्रचलन था। अर्जुन, एकलव्य, भीम, गुरू द्रोणाचार्य, कौन नहीं परिचित इन नामों से!

आधुनिक युग में खेलों का महत्व अभूतपूर्व रूप से बढ़ गया है। यह केवल शारीरिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं रहा, बल्कि मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज खेलों को करियर, अनुशासन, नेतृत्व और टीम वर्क का प्रतीक माना जाता है।

विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भारत के बढ़ते प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि खेल अब केवल एक शौक नहीं, बल्कि एक उज्ज्वल भविष्य की नींव बन सकते हैं।

सरकार और विभिन्न संस्थानों द्वारा खेल सुविधाओं को उन्नत करने, खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता देने और आधुनिक प्रशिक्षण देने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

इसके अलावा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत खेलों को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाना इस बात का संकेत है कि खेल अब शिक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुके हैं। 

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बढ़ती खेल प्रतिष्ठा, ओलंपिक्स, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में हमारे खिलाड़ियों की उत्कृष्ट उपलब्धियाँ इस तथ्य को और भी पुष्ट करती हैं कि खेल किसी भी देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। 

मित्रों,

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कई अवसरों पर कहा है, ‘‘खेल एक ऐसी सॉफ्ट पावर है, जो दुनिया का ध्यान भारत की ओर आकर्षित कर सकती है।’’ खेलों में वह शक्ति है, जो किसी भी राष्ट्र को वैश्विक मंच पर खेल महाशक्ति के रूप में प्रतिष्ठित कर सकती है।

खेलों में सफलता के साथ राष्ट्रीय गौरव जुड़ा है और इसमें देश को जाति, पंथ, धर्म से परे देश को एक सूत्र में बांधने और एक खुशहाल और स्वस्थ समाज के निर्माण करने की क्षमता होती है।

साथियो,

हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है पिछले तकरीबन एक दशक में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं। साल 2014 के मुकाबले देश का खेल बजट लगभग 3 गुना बढ़ाया गया है। 

खेलो इंडिया जैसी योजनाओं के तहत युवा खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। पूरे देश में आधुनिक खेल बुनियादी ढांचा उपलब्ध करवाया जा रहा है, ताकि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें और वे अपनी प्रतिभा को निखार सकें। 

अब जब हम माननीय प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत 2047 की राह पर अग्रसर हैं तो मेरा पूर्ण विश्वास है कि 2047 तक हम खेल के क्षेत्र में भी विश्व गुरू बनेंगे और यह आप जैसे हमारे युवा खिलाड़ियों के संकल्प और समर्पण के चलते ही संभव हो पाएगा।

प्रिय खिलाड़ियो, 

यह उपलब्धि आपके जीवन की एक महत्वपूर्ण सीढ़ी है, लेकिन यह अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। आपको अपनी इस सफलता को और ऊँचाइयों तक ले जाना है और समाज व देश के विकास में अपना योगदान देना है।

‘‘उत्तिष्ठत जागृत प्राप्य वरान्निबोधत।’’ (कठोपनिषद्)

अर्थात, उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक अपने लक्ष्य को प्राप्त न कर लो।

अंत में, मैं पुनः सभी छात्रवृत्ति पाने वाले खिलाड़ियों को हार्दिक बधाई देता हूँ और आशा करता हूँ कि वे इसी लगन और मेहनत के साथ आगे बढ़ते रहें। आपके सपने केवल आपके नहीं हैं, बल्कि वे हमारे समाज और देश के उज्ज्वल भविष्य से जुड़े हुए हैं।

आइए, हम सभी मिलकर इस मिशन में सहभागी बनें और अपने भविष्य के चैंपियनों का समर्थन करें, ताकि चंडीगढ़ जैसा एक छोटा केंद्रशासित प्रदेश भी खेलों के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी अमिट छाप छोड़ सके।

आप सभी को ढेरों शुभकामनाएँ!

धन्यवाद,

जय हिन्द!