SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF LAUNCHING OF CHANDIGARH STARTUP POLICY, 2025 AT PUNJAB RAJ BHAVAN, CHANDIGARH ON 29.04.2025.

‘चंडीगढ़ स्टार्टअप पॉलिसी-2025’ के शुभारंभ के अवसर पर

राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 29.04.2025,  मंगलवारसमयः सुबह 11:00 बजेस्थानः पंजाब राजभवन

 

नमस्कार!

आज का यह अवसर हम सभी के लिए अत्यंत गर्व और आशावाद का क्षण है, क्योंकि आज हम ‘चंडीगढ़ स्टार्टअप पॉलिसी 2025’ का औपचारिक शुभारंभ कर रहे हैं। यह एक दूरदर्शी कदम है, जिसका उद्देश्य चंडीगढ़ को नवाचार, उद्यमिता और सतत आर्थिक विकास के उभरते हुए केंद्र के रूप में स्थापित करना है।

चंडीगढ़ शहर अपनी स्थापना के समय से ही अपने नवाचार, सुनियोजित शहरी डिजाइन, और प्रगतिशील दृष्टिकोण के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध रहा है। 

मशहूर वास्तुकार ली कॉर्बूजियर द्वारा निर्मित यह शहर न केवल आधुनिकता और व्यवस्था का प्रतीक है, बल्कि यह शहर अपनी जीवंत संस्कृति, शिक्षित युवा आबादी, और उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे के साथ हमेशा से नए विचारों और रचनात्मकता का केंद्र रहा है।

इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए, चंडीगढ़ प्रशासन नई स्टार्टअप नीति लागू करने जा रहा है, जिसका उद्देश्य नवाचार, उद्यमशीलता और युवाओं की रचनात्मक क्षमताओं को प्रोत्साहित करना है।

यह नीति चंडीगढ़ शहर को न केवल एक व्यापारिक केंद्र के रूप में स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त करेगी, बल्कि इसे एक ‘स्टार्टअप हब’ के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की भी क्षमता रखती है।

युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने, स्टार्टअप्स को आवश्यक सहयोग प्रदान करने, अनुकूल निवेश वातावरण तैयार करने और नवाचार आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए यह नीति अनेक ठोस उपायों की पेशकश करती है।

मैं समझता हूं कि चंडीगढ़ प्रशासन का यह प्रयास निश्चित रूप से आने वाले समय में रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा और आर्थिक प्रगति के नए क्षितिज खोलेगा।

देवियो और सज्जनो,

हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में वर्ष 2016 में स्टार्टअप इंडिया योजना की शुरुआत की गई थी जिसका उद्देश्य भारत में नवाचार को प्रोत्साहित करना, युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रेरित करना, और स्टार्टअप्स के लिए एक ऐसा वातावरण तैयार करना था जहाँ वे बिना अनावश्यक बाधाओं के तेजी से विकसित हो सकें।

स्टार्टअप इंडिया योजना ने पारंपरिक नौकरियों के पीछे दौड़ने की मानसिकता से आगे बढ़कर ‘स्वयं के लिए रोजगार सृजन’ और ‘रोजगार प्रदान करने’ वाली सोच को बढ़ावा दिया। इसके अंतर्गत स्टार्टअप्स को पंजीकरण की सरल प्रक्रिया, कर में छूट, निवेश के लिए फंडिंग सहायता, इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना और मेंटरशिप सपोर्ट जैसे अनेक प्रोत्साहन दिए गए।

इस पहल ने देशभर के युवाओं को अपने विचारों को व्यावसायिक वास्तविकता में बदलने का अवसर दिया। आज इसका परिणाम हम सबके सामने है, आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है, और हर क्षेत्र में भारतीय स्टार्टअप्स नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।

देवियो और सज्जनो,

आज भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में ‘‘उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग’’ (डीपीआईआईटी) में पंजीकृत 1.25 लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न शामिल हैं, जो समस्या-समाधान और रोजगार सृजन की मजबूत संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं। 

भारत में स्टार्टअप क्षेत्र न केवल नवाचार को प्रोत्साहन दे रहा है, बल्कि जमीनी स्तर पर परिवर्तन को भी सक्षम बना रहा है, climate-tech से लेकर ed-tech, और health-tech से लेकर agri-tech तक।

इस राष्ट्रीय परिदृश्य में, चंडीगढ़ में अपार अप्रयुक्त संभावनाएं मौजूद हैं। हमारा शहर पंजाब विश्वविद्यालय, पीजीआईएमईआर, और पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे प्रमुख संस्थानों, विविध और कुशल युवा आबादी, और उत्कृष्ट भौतिक बुनियादी ढांचे का घर है। ये सभी कारक मिलकर चंडीगढ़ को एक अद्वितीय लाभ प्रदान करते हैं, जिससे यह भारतीय स्टार्टअप मिशन को समर्थन देने वाला एक टियर-2 इनोवेशन इंजन बन सकता है।

देवियो और सज्जनो,

इस चंडीगढ़ स्टार्टअप नीति 2025 को समस्त हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है जो एक स्पष्ट, कार्य-उन्मुख ढांचे को दर्शाती है। 

यदि इस नई स्टार्टअप नीति की प्रमुख विशेषताओं की बात करें, तो यह नीति व्यापक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अंतर्गत 2 लाख रुपये तक के विचार अनुदान (Idea Grant) से लेकर 12 लाख रुपये तक के व्यावसायीकरण अनुदान (Commercialization Grant) तक का प्रावधान किया गया है, ताकि नवाचार के हर स्तर पर स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिल सके।

इसके अतिरिक्त, नीति के तहत इनक्यूबेशन समर्थन, विशेषज्ञ मेंटरशिप, और वैश्विक मंचों पर प्रदर्शन के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि स्टार्टअप्स को एक समग्र विकास यात्रा का अनुभव हो और वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सकें।

महत्वपूर्ण बात यह है कि इस नीति के अंतर्गत सरकारी एवं निजी संस्थानों में इनक्यूबेटरों के सृजन और सशक्तिकरण के लिए भी समर्पित वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे नवाचार आधारित इकोसिस्टम को मजबूती मिलेगी। साथ ही, प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि स्टार्टअप्स को आधुनिक संसाधनों और सुविधाओं का लाभ मिल सके।

इस नीति की एक अन्य उल्लेखनीय विशेषता इसका सामाजिक समावेशी दृष्टिकोण है। महिलाओं और ट्रांसजेंडर नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिससे यह नीति न केवल आर्थिक विकास को गति देती है, बल्कि समाज में समानता और विविधता को भी सशक्त करती है।

व्यापार सुगमता (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देने हेतु ‘‘स्टार्ट-इन-चंडीगढ़’’ नामक एक समर्पित पोर्टल की स्थापना की गई है। इस पोर्टल के माध्यम से स्टार्टअप्स को पंजीकरण, प्रमाणीकरण, मेंटर नेटवर्क और विभिन्न योजनाओं तक एक ही स्थान पर सहज और तेज़ पहुँच उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उद्यमियों का समय और प्रयास दोनों की बचत होगी।

अंततः, चंडीगढ़ प्रशासन एक सहयोगात्मक शासन मॉडल की शुरुआत कर रहा है, जिसमें व्यवसाय इनक्यूबेटर, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उद्योग संघों जैसे सी.आई.आई., पी.एच.डी.सी.सी.आ.ई., टाई, और एसोचैम, तथा स्थानीय शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

मैं समझता हूं कि यह मॉडल इस नई स्टार्टअप नीति के कार्यान्वयन को अधिक प्रभावी, गतिशील और सर्वसमावेशी बनाएगा, और चंडीगढ़ को उद्यमिता का एक अग्रणी केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 

देवियो और सज्जनो,

आज जब हमारा देश 2047 तक एक विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य की ओर तेज़ी से अग्रसर है, ऐसे में इस नई स्टार्टअप नीति का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। 

बीते कुछ दशकों में हमने देखा है कि भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी एक सशक्त पहचान बनाई है। बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों ने विश्व को दिखाया कि भारतीय नवाचार और तकनीकी कौशल की कोई सीमा नहीं है। 

आज हम भारत में नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति के एक नए स्वर्णिम युग के साक्षी बन रहे हैं। युवा उद्यमी न केवल पारंपरिक समस्याओं का अभिनव समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए नए उत्पाद और सेवाएं भी विकसित कर रहे हैं।

भारत की यह ऊर्जा और रचनात्मकता अब एक नई औद्योगिक क्रांति का स्वरूप ले रही है। चाहे स्वास्थ्य क्षेत्र हो, शिक्षा, कृषि, पर्यावरण या अंतरिक्ष अनुसंधान, हर क्षेत्र में भारतीय स्टार्टअप्स नए मानदंड स्थापित कर रहे हैं।

बीते वर्षों में, हमारे इंजीनियर्स, वैज्ञानिक और टेक्नोक्रेट्स ने वैश्विक मंचों पर भारत का नाम ऊँचा किया है। इसी क्षमता के आधार पर हमने एक सशक्त डिजिटल अर्थव्यवस्था की नींव रखी है, एक ऐसी अर्थव्यवस्था जो आज डिजिटल भुगतान, ई-कॉमर्स, फिनटेक, हेल्थटेक और एडटेक जैसे क्षेत्रों में दुनिया के लिए एक मॉडल बन चुकी है।

भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ने न केवल हमारे व्यापार और उद्योगों को नया आयाम दिया है, बल्कि देश के दूर-दराज़ के गाँवों तक भी अवसरों के द्वार खोल दिए हैं। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों ने नवाचार को एक जनांदोलन का रूप दिया है।

देवियो और सज्जनो,

भारत आज अगर वैश्विक स्टार्टअप जगत में एक नई उम्मीद, एक नई ताकत के रूप में उभरा है, तो यह कोई संयोग नहीं है। इसके पीछे एक दूरदर्शी सोच, एक स्पष्ट विजन और समय पर लिए गए सटीक निर्णयों की एक लंबी यात्रा है।

भारत ने यह समझ लिया था कि 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था ज्ञान, नवाचार और उद्यमिता के स्तंभों पर टिकेगी। इसी सोच के साथ देश ने सही समय पर स्टार्टअप्स के विकास को नीति निर्माण के केंद्र में रखा। स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया, अटल इनोवेशन मिशन, और मेक इन इंडिया जैसी पहलों ने भारत में नवाचार को संस्थागत रूप से समर्थन देना शुरू किया।

सरल रजिस्ट्रेशन प्रक्रियाएं, टैक्स में रियायतें, फंडिंग सपोर्ट, इन्क्यूबेशन सेंटर्स, और मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी नीतियों ने एक ऐसा माहौल तैयार किया, जहाँ विचार केवल विचार नहीं रहे, बल्कि सफल उद्यमों में बदलने लगे।

आज भारत में स्टार्टअप्स न केवल बड़े शहरों तक सीमित हैं, बल्कि छोटे शहरों और कस्बों से भी विश्व स्तर पर सफल ब्रांड बनकर उभर रहे हैं। यह सब एक दूरदर्शी नीति, निरंतर समर्थन, और युवा शक्ति में विश्वास का परिणाम है।

देवियो और सज्जनो,

भारत की युवा शक्ति का सामर्थ्य आज न केवल देश के भीतर बल्कि पूरी दुनिया भर में एक नई आशा और ऊर्जा का प्रतीक बन चुका है। इसी अपार सामर्थ्य पर विश्वास करते हुए देश ने एक मजबूत और जीवंत Startup Ecosystem के निर्माण की दिशा में अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।

हालांकि, यह राह शुरू में आसान नहीं थी। जब भारत ने स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने का संकल्प लिया था, तब इस विचार पर भरोसा करने वाले लोग बहुत कम थे। पारंपरिक सोच गहरी जड़ें जमाए हुए थी। पढ़ाई का मतलब था एक अच्छी नौकरी पाना, और नौकरी का मतलब अक्सर एक स्थिर सरकारी सेवा में स्थान प्राप्त करना। उद्यमिता को जोखिम भरा और असुरक्षित माना जाता था।

लेकिन समय के साथ, इस सोच में एक गहरी और महत्वपूर्ण क्रांति आई। देश के युवाओं ने अपनी प्रतिभा, अपने सपनों और अपनी इच्छाशक्ति के बल पर यह साबित कर दिया कि वे न केवल नौकरी पाने वाले बन सकते हैं, बल्कि रोजगार सृजित करने वाले भी बन सकते हैं।

सरकार ने भी इस बदलाव को सही दिशा देने के लिए सक्रिय पहल की। स्टार्टअप इंडिया अभियान, फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स, सीड फंड स्कीम, और स्टार्टअप एक्सेलेरेशन प्रोग्राम्स जैसे कदमों ने युवाओं को अपने विचारों को साकार करने के लिए ज़मीन और अवसर दोनों प्रदान किए।

 

आज भारत में स्टार्टअप केवल बिज़नेस का एक नया तरीका नहीं है, बल्कि यह एक मानसिकता बन गई है, एक ऐसी सोच जो जोखिम लेने से नहीं डरती, जो विफलता को भी सीखने का अवसर मानती है, और जो दुनिया को भारत के नवाचार की ताकत दिखाने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह परिवर्तन इस बात का प्रमाण है कि जब देश अपनी युवा शक्ति पर भरोसा करता है और उन्हें अवसर देता है, तो वे असंभव को भी संभव कर दिखाते हैं।

देवियो और सज्जनो,

हमारा लक्ष्य सरल लेकिन महत्वाकांक्षी है। हम अगले 5 वर्षों में कम से कम 200 नए स्टार्टअप्स के विकास को सुगम बनाना चाहते हैं और एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देना चाहते हैं, जहां जोखिम लेना, रचनात्मकता, और समस्या-समाधान को पुरस्कृत और सम्मानित किया जाए।

मैं उद्योग विभाग, विशेषज्ञ भागीदारों, हितधारकों, और इस नीति को आकार देने वाले प्रत्येक योगदानकर्ता का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। 

मुझे विश्वास है कि हमारे स्टार्टअप समुदाय के सामूहिक संकल्प के साथ चंडीगढ़ पूरे देश के लिए एक आदर्श नवाचार केन्द्र के रूप में उभरेगा।

आइए, हम मिलकर निर्माण करें, नवाचार करें, और नेतृत्व करें।

धन्यवाद,

जय हिंद!