Speech of Punjab Governor and Administrator, UT, Chandigarh, Shri Gulab Chand Kataria on the occasion of inauguration the prestigious "STONE 360" Midterm CUE 2025 two days conference of the North Zone Chapter of the Urological Society of India at AIIMS B
- by Admin
- 2025-04-19 22:10
एम्स बठिंडा में यूरोलॉजी वर्कशॉप के अवसर पर
राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन
दिनांकः 19.04.2025, शनिवार
समयः दोपहर 12:30 बजे
स्थानः बठिंडा
नमस्कार!
आज मुझे अत्यंत हर्ष और गर्व हो रहा है कि मैं एम्स बठिंडा में आयोजित 'STONE 360 Degrees' थीम के साथ यूरोलॉजी लाइव ऑपरेटिव वर्कशॉप के उद्घाटन समारोह के इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हूँ। यह आयोजन न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि सेवा, शिक्षा और अनुसंधान के समन्वय का एक अद्वितीय उदाहरण भी है।
आज एक बार फिर एम्स बठिंडा में उपस्थित होना वास्तव में मेरे लिए सौभाग्य की बात है। पिछली बार मैं इस संस्थान के दीक्षांत समारोह के लिए भारत के माननीय राष्ट्रपति के साथ आया था।
‘‘यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया’’ के उत्तरी क्षेत्रीय अध्याय के प्रतिष्ठित तत्वावधान में एम्स बठिंडा में आयोजित यह ‘लाइव ऑपरेटिव वर्कशॉप’ केवल एक अकादमिक आयोजन नहीं, बल्कि ज्ञान, सेवा और मानवता का एक सजीव उत्सव है।
जब मैं इस सभागार में, अपने जीवन का प्रत्येक क्षण रोगियों के उपचार और नित नए समाधान की खोज में समर्पित करने वाले यूरोलॉजी के क्षेत्र के कुछ सर्वाधिक निपुण और समर्पित विशेषज्ञों को एकत्रित देखता हूँ, तो मुझे करुणा, निष्ठा, उत्कृष्टता और मानवता की निःस्वार्थ सेवा के उन मूलभूत सिद्धांतों की गूंज सुनाई देती है जो चिकित्सा पेशे की आत्मा हैं।
यह पल न केवल एम्स बठिंडा या यूरोलॉजिकल सोसाइटी के लिए, बल्कि सम्पूर्ण भारतीय चिकित्सा समुदाय के लिए गर्व और प्रेरणा का एक उज्ज्वल क्षण है।
यह वर्कशॉप इसलिए विशेष है क्योंकि इसमें पथरी से संबंधित सभी प्रकार की सर्जरीज़ को लाइव प्रदर्शित किया जाएगा। यह न केवल चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए एक अनूठा शिक्षण अवसर है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि हम आधुनिक तकनीकों और नवाचारों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा को किस प्रकार बेहतर बना सकते हैं।
पथरी की बीमारी, जिसे आम भाषा में गुर्दे की पथरी कहा जाता है, आज हमारे देश में एक आम समस्या बन गई है। ऐसे में, इस वर्कशॉप का आयोजन एक स्वागत योग्य कदम है, जो इस समस्या के समाधान के लिए नवीनतम तकनीकों और उपचार विधियों को सामने लाएगा। एम्स बठिंडा जैसे संस्थान इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।
यह वर्कशॉप न केवल तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान करेगी, बल्कि युवा चिकित्सकों और छात्रों को भी प्रेरित करेगी कि वे इस क्षेत्र में और अधिक शोध और नवाचार करें।
यह पहल मुझे उस समय के हमारे प्रिय प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के दृष्टिकोण से एम्स की स्थापना की याद दिलाती है, जिन्होंने एक से अधिक एम्स की स्थापना करके हमारे समाज के सबसे वंचित वर्गों के लिए भी सुलभ, उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा का सपना देखा था।
उनके इस दृष्टिकोण को हमारे वर्तमान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा संशोधित एम्स अधिनियम, 1954 के तहत प्रत्येक राज्य में एक एम्स स्थापित करने के दूरगामी निर्णय द्वारा पूरी तरह से कार्यान्वित किया गया। इस निर्णय ने पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल, प्रशिक्षण और अनुसंधान तक पहुँच के विस्तार की नींव रखी।
देवियो और सज्जनो,
दिसंबर 2019 में अपने औपचारिक उद्घाटन के बाद से, एम्स बठिंडा केवल एक चिकित्सा संस्थान नहीं रहा, बल्कि यह पंजाब के हजारों परिवारों के लिए स्वास्थ्य का एक सशक्त आश्रय, आशा की एक किरण बन गया है।
अपनी समर्पित सेवाओं के माध्यम से इस संस्थान ने न केवल पंजाब, बल्कि हरियाणा और राजस्थान जैसे पड़ोसी राज्यों में भी लोगों का विश्वास अर्जित किया है।
मुझे यह जानकर गहरी पीड़ा हुई कि एम्स बठिंडा के अस्तित्व में आने से पहले, इस क्षेत्र के लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए बीकानेर तक की यात्रा करनी पड़ती थी।
अक्सर यह यात्रा तब होती थी जब मरीज की हालत अत्यंत नाज़ुक होती, और इस दुखद यात्रा को ही लोगों ने ‘‘कैंसर ट्रेन’’ का नाम दे दिया था। उस ट्रेन में सिर्फ़ मरीज नहीं थे, बल्कि उनके साथ चल रहे होते थे दर्द, चिंता और सुलभ चिकित्सा सेवा की गहरी लालसा।
आज, मैं गर्व और भावुकता के साथ कह सकता हूँ कि वह कैंसर ट्रेन अब अपने सबसे ज़रूरी गंतव्य पर पहुँच गई है, एम्स बठिंडा में। यह केवल एक भौगोलिक परिवर्तन नहीं है, बल्कि एक युगांतकारी बदलाव का प्रतीक है। यह इस बात का सशक्त अनुस्मारक है कि हम कितनी दूर आ गए हैं, और अब हर जीवन को गरिमा, देखभाल और सम्मान के साथ उपचार का अधिकार प्राप्त है।
इस संस्था का प्रभाव संख्याओं में स्पष्ट रूप से झलकता है। अब तक 20 लाख से अधिक रोगियों को ओपीडी में सेवा दी गई, 93 हजार से अधिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया और 55 हजार से अधिक को आपातकालीन स्थिति में इलाज दिया गया।
यह संस्थान यहाँ के विभिन्न विभागों और संकायों की अथक मेहनत और समर्पण से निर्मित हुआ है। मुझे यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई है कि एम्स बठिंडा में यूरोलॉजी और किडनी प्रत्यारोपण विभाग समर्पण, नवाचार और रोगी सेवा में उत्कृष्टता का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन चुका है।
यह जानकर मेरा दिल प्रशंसा से भर जाता है कि विभाग ने यूरोलॉजिकल कैंसर से जूझ रहे 500 से अधिक रोगियों और किडनी की पथरी से पीड़ित सबसे कम उम्र से लेकर बुजुर्गों तक 2 हजार से अधिक व्यक्तियों का ऑपरेशन किया है।
और सबसे उल्लेखनीय उपलब्धि यह है कि यहाँ एम्स बठिंडा में सरकारी क्षेत्र में किडनी प्रत्यारोपण की सफल शुरुआत हुई है, जो पीजीआई चंडीगढ़ के बाद इस पूरे क्षेत्र में पहला प्रयास है। यह मात्र एक चिकित्सकीय उपलब्धि नहीं है, बल्कि उन हजारों परिवारों के लिए जीवन की एक नई आशा है, जिनके लिए इस प्रकार का उपचार अब तक एक दूर का सपना मात्र था।
मैं इस अवसर पर विशेष रूप से डॉ. कवलजीत सिंह कौरा, प्रमुख, यूरोलॉजी और किडनी प्रत्यारोपण विभाग, एम्स, बठिंडा और उनकी समर्पित टीम की दूरदर्शिता, अथक प्रयास और करूणापूर्ण सेवा के लिए सराहना करता हूँ। उनकी अटूट प्रतिबद्धता ने न केवल क्षेत्र में यूरोलॉजी से जुड़ी सेवाओं के मानकों को बढ़ाया है, बल्कि हमारे सामूहिक विश्वास की भी पुष्टि की है कि विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा सभी के लिए सुलभ हो सकती है और होनी भी चाहिए।
आज आयोजित की जा रही स्टोन 360° वार्कशॉप अपने नाम से ही वास्तव में अनुकरणीय है। यह देश के शीर्ष यूरोलॉजी विशेषज्ञों को एक साथ लाती है, जो जरूरतमंद रोगियों के लिए 25 अत्यधिक विशिष्ट सभी प्रकार की किडनी स्टोन सर्जरी निःशुल्क कर रहे हैं। अत्याधुनिक वैश्विक तकनीक का उपयोग करते हुए, इन सर्जरी को 300 से अधिक यूरोलॉजी विशेषज्ञों द्वारा व्यक्तिगत रूप से और हजारों लोगों द्वारा वर्चुअल रूप से लाइव देखा जाएगा।
ज्ञान-साझाकरण और करुणामय सेवा का यह अनूठा संयोजन सेवा की भावना को पूरी तरह से दर्शाता है, जो हमारी भारतीय ज्ञान परंपरा में गहराई से निहित है - एक ऐसी परंपरा जहां ज्ञान केवल अर्जित नहीं किया जाता है बल्कि समाज के कल्याण के लिए निस्वार्थ रूप से साझा किया जाता है।
देवियो और सज्जनो,
किसी भी राष्ट्र की उन्नति और विकास का आधार उसके नागरिकों का स्वास्थ्य होता है। एक स्वस्थ समाज ही एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र की नींव रख सकता है। चिकित्सा सेवाओं का विस्तार और उच्च-स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता किसी भी देश की प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आज जब चिकित्सा विज्ञान में निरंतर विकास हो रहा है, तब यह आवश्यक हो जाता है कि सभी नागरिकों को सुलभ, विश्वसनीय और उन्नत स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएँ।
चिकित्सा मानवता की सेवा का सबसे श्रेष्ठ माध्यम है। डॉक्टर, नर्सें और चिकित्सा कर्मी अपने ज्ञान, अनुभव और समर्पण से लाखों लोगों की ज़िंदगी संवारते हैं। डॉक्टर का कार्य केवल एक पेशा नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति समर्पण, सेवा और त्याग का प्रतीक है। डॉक्टरों को अक्सर ‘धरती पर भगवान’ कहा जाता है, और यह उपाधि सही भी है।
अपने ज्ञान, करुणा और निस्वार्थ सेवा के माध्यम से, डॉक्टर अनगिनत जीवन में आशा और शांति लाते हैं। एक डॉक्टर केवल बीमारियों का निदान नहीं करता; वह आशा देता है, जीवन बदलता है, और अक्सर उसे बचाता है।
देवियो और सज्जनो,
हमारे आदर्श स्वामी विवेकानंद ने कहा था, “सच्चा जीवन वही है, जो दूसरों की सेवा में समर्पित हो।” यही भावना आज एम्स बठिंडा में प्रत्यक्ष रूप से परिलक्षित हो रही है। मैं समझता हूं कि आज का यह आयोजन एक मॉडल है भविष्य की चिकित्सा व्यवस्था के लिए, जहाँ सेवा, शिक्षा, अनुसंधान और तकनीक का समुचित समावेश हो।
मैं यूरोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के उत्तरी अध्याय, पंजाब यूरोलॉजी एसोसिएशन, बठिंडा यूरोलॉजी सोसाइटी और बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज़ को हार्दिक बधाई देता हूँ।
यहाँ उपस्थित सभी युवा निवासी डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों के लिए यह जीवन भर का अवसर है। आप इसका आनंद लें। जिज्ञासा के साथ सीखें, प्रश्न पूछें और इन अनुभवी पेशेवरों के जुनून को अपनी यात्रा को प्रज्वलित करने दें।
मैं इस ऐतिहासिक आयोजन की सफलतापूर्वक मेजबानी के लिए एम्स बठिंडा को हार्दिक बधाई देता हूँ। इस तरह की सार्थक और जटिल पहल के आयोजन के लिए यूरोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के उत्तरी क्षेत्र अध्याय की मैं तहे दिल से सराहना करता हूँ।
मैं यह अपील करना चाहता हूँ कि इस तरह के आयोजनों के माध्यम से हम समाज के सबसे निचले तबके तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुँचाने का प्रयास करें। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएँ न केवल शहरों तक सीमित रहें, बल्कि गाँवों और दूरदराज के क्षेत्रों तक भी पहुँचें। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम हर उस व्यक्ति तक मदद पहुँचाएँ जो पीड़ा में है, चाहे वह किसी भी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से हो।
देवियों और सज्जनों
हम अमृत काल में हैं और विकसित भारत 2047 की दिशा में एक ऐतिहासिक यात्रा पर अग्रसर हैं। ‘फिट इंडिया’ का सपना तभी पूरा होगा जब चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हमारे कुशल और समर्पित स्वास्थ्य कर्मी अपनी पूरी क्षमता और प्रतिबद्धता के साथ 24x7 इस लक्ष्य को प्राप्त करने में जुटे रहेंगे।
आपके योगदान से ही हम स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, नवाचारों को अपनाने, और रोगों की रोकथाम में सफल हो सकते हैं। इस यात्रा में सरकार, चिकित्सा संस्थान, टेक्नोलॉजी, अनुसंधान और सामाजिक सहभागिता की महत्वपूर्ण भूमिका है।
आइए, हम सभी मिलकर इस लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ें और यह सुनिश्चित करें कि 2047 का भारत न केवल आर्थिक और तकनीकी रूप से विकसित हो, बल्कि एक स्वास्थ्य-संपन्न, जागरूक और सशक्त राष्ट्र के रूप में भी स्थापित हो।
आशा करता हूं कि यह पहल भविष्य के सभी विषयों और क्षेत्रों में एक आदर्श मॉडल बने, जो न केवल चिकित्सा शिक्षा को समृद्ध करे, बल्कि अनुसंधान, विशेषज्ञ परामर्श तथा समुदाय-केन्द्रित स्वास्थ्य कार्यक्रमों को भी प्रोत्साहित करे।
इन विचारों और गहरी प्रशंसा और आशा के साथ, मैं एम्स बठिंडा में लाइव ऑपरेटिव कार्यशाला का आधिकारिक रूप से उद्घाटन करता हूँ।
धन्यवाद,
जय हिंद!