SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF FIRST ANNUAL CELEBRATION OF SARATHI AT PGIMER CHANDIGARH ON 05.05.2025.
- by Admin
- 2025-05-05 19:30
पीजीआई में ‘सारथी’ परियोजना की पहली वर्षगांठ पर राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधनदिनांकः 05.05.2025, सोमवार समयः सुबह 11:00 बजे स्थानः पीजीआई चंडीगढ़
नमस्कार!
आज इस विशेष अवसर पर, जब हम पी.जी.आई. की ‘सारथी’ परियोजना की पहली वर्षगांठ मना रहे हैं, मुझे अत्याधिक गर्व और खुशी हो रही है कि मैं इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बन सका हूँ।
मेरा पी.जी.आई. का हर एक दौरा मेरे लिए हमेशा एक अत्यंत सुखद अनुभव होता है। यह न केवल भारत का बल्कि पूरे विश्व का एक अग्रणी चिकित्सा संस्थान है जो चंडीगढ़ और आसपास के राज्यों के लोगों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है। यहां तक कि यह संस्थान पड़ोसी देशों के रोगियों को भी अपनी सेवाओं से लाभान्वित कर रहा है।
1962 में स्थापित होने के बाद से ही पी.जी.आई. ने न केवल रोगी देखभाल, बल्कि चिकित्सा अनुसंधान और शिक्षण के क्षेत्र में भी अद्वितीय कार्य किया है। पिछले कई दशकों में, इस संस्थान ने चिकित्सा विज्ञान के लगभग सभी क्षेत्रों में विशेषज्ञों और सुपर स्पेशलिस्टों की एक बड़ी संख्या को प्रशिक्षित और विकसित किया है।
पी.जी.आई. के पूर्व छात्र आज विश्वभर में अपनी विशेषज्ञता के लिए पहचाने जाते हैं और अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों एवं पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
इस उपलब्धि का बहुत बड़ा श्रेय पी.जी.आई. के प्रतिभाशाली और समर्पित संकाय सदस्यों को जाता है, जिन्होंने न केवल छात्रों को शिक्षा दी, बल्कि उन्हें कड़ी मेहनत, निष्ठा और ईमानदारी के पथ पर चलने के लिए प्रेरित और मार्गदर्शित भी किया। इसी कार्य संस्कृति और नैतिक मूल्यों ने उन्हें इतना सशक्त और सम्मानजनक बनाया है।
देवियो और सज्जनो,
पी.जी.आई. ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता को नई ऊँचाइयों तक ले जाते हुए ‘सारथी’ परियोजना की शुरुआत एक वर्ष पूर्व एक महान उद्देश्य के साथ की थी। आज, अपनी पहली वर्षगांठ के अवसर पर यह परियोजना न केवल सफलता की एक प्रेरणादायक मिसाल बन चुकी है, बल्कि इसके सकारात्मक प्रभाव समाज के हर वर्ग में गहराई से महसूस किए जा रहे हैं।
एक ऐसे समय में जब स्वास्थ्य सेवाएं, रोगियों की निरंतर बढ़ती संख्या के कारण लगातार दबाव में हैं, नवाचारपूर्ण समाधान की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।
ऐसे में प्रोजेक्ट ‘सारथी’ एक आशा की किरण बनकर उभरा है, जिसे पी.जी.आई. में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से तैयार किया गया है।
हर साल लाखों रोगियों की देखभाल करने वाले पी.जी.आई. पर अभूतपूर्व दबाव बना हुआ है। प्रोजेक्ट सारथी इस भार को कम करने के साथ-साथ छात्रों को स्वास्थ्य प्रणाली का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करता है।
रोगियों की सहायता और मार्गदर्शन की प्रक्रिया में छात्रों को शामिल करके यह परियोजना जीवन कौशलों को विकसित करती है और सहानुभूति तथा सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को प्रोत्साहित करती है।
देवियो और सज्जनो,
मुझे ज्ञात हुआ है कि प्रोजेक्ट ‘सारथी’ की प्रेरणा अमेरिका के डेट्रॉइट स्थित हेनरी फोर्ड हेल्थ हॉस्पिटल में देखे गए एक सफल स्वयंसेवी मॉडल से ली गई, जिसे वर्तमान में पीजीआई, चंडीगढ़ में उप-निदेशक (प्रशासन) के पद पर कार्यरत श्री पंकज राय ने अक्टूबर 2019 में University of Chicago Booth School of Business में "Marketing Analytics to Drive Growth" पर प्रशिक्षण के दौरान अनुभव किया।
श्री राय ने देखा कि ऐसे मॉडल को पी.जी.आई. जैसी संस्था में अपनाना अत्यंत उपयोगी हो सकता है, जहां प्रतिवर्ष 30 लाख से अधिक रोगी केवल ओपीडी में आते हैं।
इस अत्यधिक रोगी भार के बीच तत्काल स्टाफ बढ़ाए बिना सेवा की गुणवत्ता को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती थी। इसी सोच के साथ स्थानीय शैक्षणिक संस्थानों के एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) स्वयंसेवकों को अस्पताल की सेवाओं से जोड़ने की योजना बनी।
इस परियोजना का नाम ‘सारथी’ रखा गया, जो संस्कृत में मार्गदर्शक या रथचालक को दर्शाता है, जोकि अस्पताल की जटिलताओं में मरीजों को सही मार्ग दिखाने का प्रतीक है।
पी.जी.आई. द्वारा शुरु की गई ‘सारथी’ परियोजना का पहला और महत्वपूर्ण उद्देश्य मरीजों के प्रबंधन में सुधार करना है। इस पहल के माध्यम से, अस्पताल की संचालन प्रक्रिया को और अधिक सुसंगत और प्रभावशाली बनाने का प्रयास किया गया है।
इससे मरीजों को त्वरित और बेहतर देखभाल मिल रही है, अस्पताल की सेवाओं में अधिक समन्वय और गुणवत्ता आई है। इसके अतिरिक्त, अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों को भी अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने का अवसर मिल रहा है, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार हो रहा है।
इस परियोजना का एक अन्य प्रमुख उद्देश्य छात्रों को एक संरक्षित तरीके से व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अवसर प्रदान करना है। पी.जी.आई. के अंतर्गत आयोजित इस परियोजना ने छात्रों को न केवल उनके शैक्षिक जीवन में मदद की है, बल्कि उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में भी एक मजबूत नींव रखने का अवसर प्रदान किया है।
मैं समझता हूं कि छात्रों को उनके भविष्य की सेवाओं के लिए तैयार करने और उन्हें जीवन में व्यावहारिक समस्याओं का सामना करने के लिए सक्षम बनाने में इस परियोजना का महत्वपूर्ण योगदान है।
इस परियोजना का एक और महत्वपूर्ण लक्ष्य छात्रों को न केवल चिकित्सा क्षेत्र में सजग करना है, बल्कि उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करना भी है।
यह पहल छात्रों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग जैसे नकारात्मक व्यवहारों से दूर रखने और उन्हें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने में मदद कर रही है।
यह कदम न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन में सुधार लाने के लिए अपितु समग्र समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक सार्थक प्रयास सिद्ध हो रहा है।
देवियो और सज्जनो,
मैं समझता हूं कि ‘सारथी’ का उद्देश्य महज एक चिकित्सा सेवा ही नहीं, बल्कि एक व्यापक सामाजिक और नैतिक उत्थान के उद्देश्य की पूर्ति करना भी है।
यह हम सभी के लिए एक मिसाल है कि हम समाज के हर वर्ग तक मदद पहुँचा सकते हैं, बशर्ते हम अपनी सोच और प्रयास सही दिशा में रखें। अंगदान और जीवन के प्रति आशावादिता को बढ़ावा देने की दिशा में यह पहल अद्वितीय है।
यह एक साल पी.जी.आई. द्वारा ‘सारथी’ परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए किए गए अथक प्रयासों और समर्पण का प्रमाण है। एक वर्ष में यह परियोजना न केवल मेडिकल देखभाल के स्तर को बेहतर बनाने में सफल रही है, बल्कि इसके माध्यम से जो सामाजिक परिवर्तन आया है, वह अत्याधिक सुखद और सराहनीय है।
सारथी परियोजना ने केवल स्वास्थय सेवा को ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को एक बेहतर दिशा दिखायी है, और यह समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बनती है कि हम इस बदलाव को और भी आगे बढ़ाएं।
मैं पी.जी.आई. के निदेशक, प्रशासनिक अधिकारियों, चिकित्सकों, कर्मचारियों और ‘सारथी’ के समर्पित कार्यकर्ताओं को इस सफलता के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ।
यह सफलता आपके निरंतर परिश्रम और समर्पण का परिणाम है। इस महान प्रयास को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार और मेरी टीम हमेशा आपकी मदद करने के लिए तत्पर रहेगी।
मैं पूरे विश्वास के साथ यह कह सकता हूँ कि इस प्रकार के प्रयासों से केवल चिकित्सा के क्षेत्र में नहीं, बल्कि समाज में भी बदलाव आता है। ऐसे आयोजनों और पहलुओं से ही हम एक स्वस्थ और खुशहाल समाज की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
मैं आप सभी लोगों से आग्रह करता हूँ कि आप इसी प्रकार उत्कृष्ट कार्य करते रहें और संस्थान के साथ-साथ देश का नाम भी गौरवपूर्ण रूप से ऊँचा करें।
देवियो और सज्जनो,
मैं पूरी दृढ़ता से मानता हूँ कि भारतीय डॉक्टर किसी से कम नहीं हैं। भारतीय डॉक्टरों ने समय-समय पर अपनी प्रतिभा, निपुणता और मानवीय संवेदनाओं से यह सिद्ध किया है कि वे न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी अनुकरणीय कार्य कर सकते हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय डॉक्टरों का दृष्टिकोण केवल तकनीकी नहीं, बल्कि सेवा-भावना से प्रेरित होता है। वे रोगी को केवल एक ‘केस’ नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के रूप में देखते हैं, जो करुणा, समझ और समर्पण का पात्र है। यही विशेषता उन्हें दूसरों से अलग और श्रेष्ठ बनाती है।
मैं केवल इतना कहना चाहूँगा कि चिकित्सा एक ऐसा पेशा है जिसे समाज में अत्यंत सम्मान प्राप्त है। डॉक्टर जीवनदाता होते हैं, जिन्हें ईश्वर के समकक्ष स्थान दिया जाता है।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारा चिकित्सा समुदाय उस विश्वास और आस्था की रक्षा करेगा जो लोगों ने उन पर की है। आप सभी को राष्ट्र की सेवा का सशक्त माध्यम बनने का अवसर मिला है, आप लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
देवियो और सज्जनो,
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में कई क्रांतिकारी सुधार हुए हैं, जो सिर्फ ढांचागत नहीं बल्कि दृष्टिकोण में भी परिवर्तन लाए हैं।
आयुष्मान भारत योजना ने लाखों गरीब परिवारों को 5 लाख रूपये तक का मुफ्त इलाज देकर आर्थिक सुरक्षा दी है, जबकि जन औषधि केंद्रों ने सस्ती दवाइयों की पहुँच सुनिश्चित की है। स्वच्छ भारत, फिट इंडिया और आंतर्राष्ट्रीय योग दिवस जैसे अभियानों ने स्वास्थ्य को जनआंदोलन का रूप दिया है।
इसके अलावा कोविड-19 के दौरान स्वदेशी वैक्सीन और टिकाकरण अभियान से भारत ने आत्मनिर्भरता का परिचय दिया, जबकि डिजिटल हेल्थ मिशन से स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक व पारदर्शी बनाया गया। नए एम्स की स्थापना से गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएँ देश के कोने-कोने तक पहुँची हैं, और मातृत्व व बाल स्वास्थ्य योजनाओं ने सामाजिक सुरक्षा को मजबूत किया है।
इन सभी पहलों के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी जी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एक स्वस्थ भारत ही आत्मनिर्भर और विकसित भारत की नींव है। विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब भारत का प्रत्येक नागरिक शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ और सशक्त होगा, जब हमारा भारत फिट इंडिया होगा।
यह फिट इंडिया अभियान हर डॉक्टर, हर स्वास्थ्यकर्मी, हर चिकित्सक, हर सेवाभावी संस्था और हर स्वास्थ्यप्रेमी व्यक्ति की निष्ठा, समर्पण और कर्मठता पर आधारित है। एक बीमार समाज न तो उत्पादन कर सकता है, न रक्षा कर सकता है, न नवाचार कर सकता है।
इसलिए जब आप, हमारे चिकित्सा योद्धा, दिन-रात रोगियों की सेवा करते हैं, जब आप निवारक चिकित्सा को बढ़ावा देते हैं, स्वास्थ्य शिक्षा देते हैं, जागरूकता फैलाते हैं, तब आप केवल एक व्यक्ति को ठीक नहीं कर रहे होते, बल्कि 2047 के विकसित भारत की नींव रख रहे होते हैं।
आपका समर्पण 24X7 चलता है। आप छुट्टियों को नहीं देखते, आप मौसम नहीं देखते, आप थकान नहीं देखते। आपके लिए हर रोगी एक नई जिम्मेदारी है, हर जीवन एक नई उम्मीद।
इसलिए, विकसित भारत का सपना आपके प्रयासों से ही फलीभूत हो सकता है। आप न केवल रोगों का इलाज कर रहे हैं, बल्कि एक स्वस्थ, समर्थ और सशक्त राष्ट्र की रचना में लगे हुए हैं।
मित्रों, यह याद रखें, जीवन का उद्देश्य केवल सुखी होना नहीं है, बल्कि उपयोगी बनना है, आदरणीय बनना है, करुणाशील बनना है और यह सुनिश्चित करना है कि आपके जीवन से कोई फर्क पड़े, और वह फर्क अच्छा हो।
एक बार फिर ‘सारथी’ परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए आप सबको बधाई और सबका हृदय से धन्यवाद, और भविष्य में इस परियोजना के लिए मेरी शुभकामनाएँ।
हम सभी मिलकर आगे बढ़ें, और ‘सारथी’ परियोजना को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में अपना योगदान दें, ऐसी मेरी कामना है।
धन्यवाद,
जय हिंद!