Speech of Punjab Governor and Administrator, UT, Chandigarh, Shri Gulab Chand Kataria on the occasion of launching of special Punjab Red cross Blood Donation drive in all districts of Punjab at Chandigarh on May 9, 2025.
- by Admin
- 2025-05-10 11:40
रेड क्रॉस द्वारा राज्यव्यापी रक्तदान शिविर के अवसर पर राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन दिनांकः 09.05.2025, शुक्रवार समयः सुबह 11:00 बजे स्थानः चंडीगढ़
नमस्कार!
मुझे यह अत्यंत हर्ष और गर्व का विषय प्रतीत हो रहा है कि आज पंजाब रेड क्रॉस सोसाइटी के राज्य मुख्यालय से हम राज्यभर में एक ‘‘विशेष रक्तदान अभियान’’ की शुरुआत कर रहे हैं, जो सभी जिलों में एक साथ आयोजित किया जा रहा है।
यह अभियान न केवल रक्तदान को प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन है, जो हमारे समाज में परस्पर सहयोग और मानवीय संवेदनाओं को और अधिक सशक्त करता है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बनी तनावपूर्ण स्थिति के चलते, और पंजाब एक सीमावर्ती राज्य होने के कारण, किसी भी संभावित आपातकाल की स्थिति में जरूरतमंदों की देखभाल के लिए स्टेट रेड क्रॉस की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।
आज पंजाब के 23 जिलों में स्थित सभी जिला रेड क्रॉस शाखाएं अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष रक्तदान शिविर आयोजित कर रही हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तुरंत सेवाएं प्रदान की जा सकें।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि पंजाब स्टेट रेड क्रॉस तथा इसकी सभी जिला शाखाएं स्वयंसेवकों और प्राथमिक उपचार प्रशिक्षित कर्मियों का डाटाबेस भी अपडेट कर रही हैं, ताकि किसी भी गंभीर स्थिति में समय पर और प्रभावी सेवाएं प्रदान की जा सकें।
साथियो,
रेड क्रॉस सोसाइटी एक ऐसा वैश्विक संगठन है जो मानवता की सेवा को अपना परम धर्म मानता है। यह केवल एक संस्था नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो आपदा, युद्ध, बीमारी, या किसी भी प्रकार के संकट की घड़ी में बिना किसी भेदभाव के ज़रूरतमंदों की सहायता करता है।
विश्व के 192 देशों में मानवसेवा के प्रति समर्पित रेड क्रॉस की स्थापना 1863 में स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा में, हेनरी ड्यूनेंट नामक एक उदार हृदय व्यक्ति की प्रेरणा से हुई थी।
इटली के सोलफेरिनो युद्ध में घायल सैनिकों की दशा देखकर उन्होंने यह संकल्प लिया कि युद्ध के मैदान में भी मानवता की सेवा की जानी चाहिए। इसी सोच ने रेड क्रॉस आंदोलन की नींव रखी।
भारत में इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना 1920 में की गई थी। इसका उद्देश्य युद्ध, आपदाओं, और स्वास्थ्य संकट के समय लोगों को त्वरित और निष्पक्ष सहायता प्रदान करना था।
आज यह संस्था न केवल भारत में बल्कि विश्व भर में एक अत्यंत विश्वसनीय और सम्मानित सेवा संगठन के रूप में स्थापित हो चुकी है।
पंजाब में रेड क्रॉस सोसाइटी की भूमिका विशेष रूप से उल्लेखनीय रही है। चाहे वह बाढ़, महामारी, सड़क दुर्घटनाएं, या किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा हो, पंजाब रेड क्रॉस हमेशा अग्रिम पंक्ति में खड़ी दिखाई देती है।
यह संस्था न केवल तत्काल राहत प्रदान करती है, बल्कि समाज के कमजोर, बीमार, वृद्ध और जरूरतमंद वर्गों तक सतत सेवा पहुंचाने का कार्य करती है।
मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक सेवा, एकता और सार्वभौमिकता इस संस्था के सिद्धांत हैं, इसकी आत्मा हैं। यही मूल्य इसे बाकी संगठनों से अलग और श्रेष्ठ बनाते हैं। इन सिद्धांतों को आत्मसात करके रेड क्रॉस ने सेवा को ही धर्म बना लिया है।
देवियो और सज्जनो,
इस समय जब संपूर्ण देश और विशेष रूप से पंजाब नशे की गंभीर समस्या से जूझ रहा है, जिसे हमारी सीमाओं के पार से हमारे समाज पर थोपा जा रहा है, सरकार ने इस खतरे के खिलाफ एक निर्णायक अभियान ‘‘युद्ध नशे विरुद्ध’’ शुरू किया है।
मुझे यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि पंजाब रेड क्रॉस इस व्यापक नशा विरोधी अभियान में अग्रिम पंक्ति में खड़ा होकर सराहनीय भूमिका निभा रहा है।
इस अवसर पर, मैं आप सभी से अपील करता हूँ कि आप पीड़ित मानवता की सेवा के इस पुनीत कार्य में रेड क्रॉस का साथ दें और गांव-गांव, गली-गली तक ज़रूरतमंदों तक राहत और सेवा पहुँचाने के संकल्प में सहभागी बनें।
देवियो और सज्जनो,
आज जब हम एक राज्यव्यापी रक्तदान शिविर का आयोजन कर रहे हैं, तो यह केवल एक चिकित्सा या सेवा कार्यक्रम भर नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक जागरूकता और मानवता की सशक्त अभिव्यक्ति भी है।
यह आयोजन उस सामूहिक चेतना का प्रतीक है, जिसमें समाज का हर वर्ग अपने दायित्व को समझते हुए आगे आ रहा है, किसी अनजान के जीवन को बचाने के लिए।
यह रक्तदान शिविर इस बात का भी प्रमाण है कि पंजाब की धरती केवल वीरता और बलिदान की भूमि ही नहीं, बल्कि सेवा, सहानुभूति और संवेदना की भी भूमि है। यहां का प्रत्येक नागरिक, चाहे वह युवा हो या बुजुर्ग, जब यह सुनता है कि किसी को रक्त की आवश्यकता है, तो वह बिना किसी स्वार्थ के आगे आता है।
यह आयोजन हमें यह भी याद दिलाता है कि जब हम एक बूंद रक्त दान करते हैं, तो हम केवल शरीर का हिस्सा नहीं देते, बल्कि किसी को जीवन, किसी माँ को संतान, किसी बच्चे को पिता, और किसी परिवार को उसकी पूरी दुनिया लौटा सकते हैं। रक्तदान, वास्तव में, जीवन का दान है, जिसे किसी जाति, धर्म, वर्ग या सीमा में नहीं बांधा जा सकता।
मित्रो,
रक्तदान वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है और रक्तदान करने का कारण बहुत सीधा है, ‘‘यह जीवन बचाता है।’’
जैसा कि आप सभी भली-भांति जानते हैं, हर दिन, हर दो सेकंड में किसी न किसी को रक्त की आवश्यकता होती है। चूँकि रक्त को शरीर के बाहर कृत्रिम रूप से तैयार नहीं किया जा सकता और इसकी एक सीमित अवधि तक ही उपयोगिता रहती है, इसलिए रक्त की आपूर्ति को निरंतर बनाए रखने के लिए उदार रक्तदाताओं की आवश्यकता बनी रहती है।
हर स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए, विशेष रूप से युवाओं को।
भारत एक ‘‘युवा देश’’ है, यहाँ युवाओं की संख्या विश्व में सबसे अधिक है। ऐसे में, देश को स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी कि हमारे देश में रक्त की कमी के कारण किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो, सबसे अधिक युवाओं के कंधों पर है।
साथियो,
हमारे महान राष्ट्र की परंपरा हमेशा से ‘‘देने’’ की रही है। भारत का इतिहास बलिदान और परोपकार की अनगिनत गाथाओं से भरा पड़ा है।
महर्षि दधीचि ने इन्द्र के मांगने पर अपने शरीर की हड्डीयां तक दान कर दी थीं, जिससे वज्र का निर्माण हुआ। राजा शिवि ने कबूतर की रक्षा के लिए अपने शरीर का मांस काटकर तराज़ू पर रख दिया तो भगवान श्री राम के पूर्वज राजा दलीप गाय की रक्षा के लिए स्वयं को बलिदान करने के लिए तैयार हो गए।
मानवता की भलाई के लिए सिद्धार्थ ने राजपाट त्याग दिया और वो गौतम बुद्ध हो गए। गुरू गोबिन्द सिंह ने देश व धर्म की रक्षा के लिए अपना पूरा परिवार कुर्बान कर दिया।
इसलिए, दानवीरता के मार्ग पर बढ़ते हुए हम भी रक्तदान के लिए आगे आएं ताकि आपका और हमारा खून किसी की रगों में जीवन बनकर दौड़े और रक्त की कमी से कोई जान न जाए।
साथियो,
हम सब जानते हैं कि किसी भी संघर्ष या आपदा के समय सबसे अधिक आवश्यकता होती है त्वरित चिकित्सा सहायता और रक्त की उपलब्धता की। ऐसे में यह राज्यव्यापी रक्तदान अभियान एक प्रकार से राष्ट्रीय सुरक्षा में सहयोग का अप्रत्यक्ष लेकिन सशक्त माध्यम बन जाता है।
मैं आज ऑनलाईन माध्यम से उपस्थित सभी युवाओं, स्वयंसेवी संगठनों, चिकित्सा कर्मियों और आम नागरिकों से आह्वान करता हूँ कि वे इस अभियान को केवल एक आयोजन न मानें, बल्कि इसे एक निरंतर चलने वाला राष्ट्रीय कर्तव्य समझें।
रक्तदान के माध्यम से हम मानवता की सेवा तो कर ही रहे हैं, साथ ही हम अपने देश की आंतरिक शक्ति को भी सुदृढ़ कर रहे हैं।
रक्तदान को “जीवनदान” यूँ ही नहीं कहा जाता। एक यूनिट रक्त किसी जरूरतमंद मरीज के जीवन की डोर को फिर से थाम सकता है। यह वह पुण्य कर्म है, जो बिना किसी जाति, धर्म, वर्ग या विचारधारा के भेदभाव के, केवल मानवता के नाम पर किया जाता है।
पंजाब, जिसकी पहचान साहस, सेवा और त्याग की भूमि के रूप में है, आज एक बार फिर यह सिद्ध कर रहा है कि जब बात मानव सेवा की होती है, तो हम सभी एकजुट होकर सबसे आगे खड़े होते हैं।
मैं सभी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, स्वयंसेवी संगठनों, औद्योगिक संस्थाओं और प्रशासनिक इकाइयों से आग्रह करता हूँ कि वे इस जनआंदोलन का हिस्सा बनें और रक्तदान के महत्व को जन-जन तक पहुँचाने में रेड क्रॉस का साथ दें।
मैं इस अवसर पर पंजाब रेड क्रॉस के सभी अधिकारियों, जिला इकाइयों, स्वैच्छिक संगठनों, मेडिकल टीमों और उन सभी रक्तदाताओं को हृदय से धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने इस महान कार्य में सहयोग दिया है और इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बना दिया है।
आइए हम संकल्प लें कि रक्तदान को केवल एक अवसर नहीं, बल्कि अपने जीवन का नियमित हिस्सा बनाएंगे। क्योंकि जब भी आप रक्तदान करते हैं, आप न केवल किसी का जीवन बचाते हैं, बल्कि समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व का भी निर्वहन करते हैं।
अंत में, मैं यही कहना चाहूंगा कि “रक्तदान एक महादान है, यह न धर्म देखता है, न जात-पात, यह केवल इंसानियत को जीवित रखता है।”
आप सभी को इस पुनीत प्रयास में सहभागिता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
धन्यवाद,
जय हिंद!