SPEECH OF PUNJAB GOVERNOR AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF DISTRIBUTION OF APPOINTMENT LETTERS TO TGT AT CHANDIGARH ON 05.06.2025.

चंडीगढ़ के शिक्षा विभाग में टीजीटी शिक्षकों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के अवसर पर राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन
दिनांकः 05.06.2025, गुरूवारसमयः दोपहर 12:00 बजेस्थानः चंडीगढ़

      

नमस्कार!

सर्वप्रथम, मैं आज प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT) के रूप में नियुक्ति पत्र पाने वाले समस्त युवाओं को और उनके परिवारजनों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ।

आज का यह शुभ अवसर हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण, गर्वपूर्ण और प्रेरणादायक है, क्योंकि आज हम शिक्षक रूपी समाज के उस अनमोल स्तंभ को औपचारिक रूप से नियुक्त कर रहे हैं, जो राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में केंद्रीय भूमिका निभाता है।

आप में यह सामर्थ्य है कि आप सामान्य छात्रों को असाधारण व्यक्तित्व में ढाल सकें। एक शिक्षक की दृष्टि, उसकी प्रेरणा और उसका विश्वास ही किसी बच्चे को वैज्ञानिक, समाजसेवी, नेता या राष्ट्रभक्त बना सकता है। यह दायित्व जितना सम्मानजनक है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी है।

इसलिए आज का यह अवसर केवल नियुक्ति पत्र देने का औपचारिक क्षण नहीं है, यह उस मिशन की शुरुआत है जिसमें आप नई पीढ़ी को आकार देने जा रहे हैं, एक ऐसा कार्य, जो दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ता है और जिसे समाज युगों तक स्मरण करता है। 

प्रिय नवनियुक्त शिक्षको,

आज आप लोगों को शिक्षा विभाग में बतौर शिक्षक नियुक्त किया गया है। यह आपकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम है कि आप भर्ती प्रक्रिया में उत्तीर्ण हुए हैं। आप भाग्यशाली हैं कि आपको अमृतकाल में देश की सेवा करने का सुनहरा अवसर मिल रहा है।

आप देश का वर्तमान एवं भविष्य, दोनों हैं। वर्तमान में हम जो कार्य करते हैं, वे हमारे देश के भविष्य का निर्माण करते हैं। युवा और शिक्षक वर्तमान समय में अपनी मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा से देश के हर क्षेत्र में प्रगति सुनिश्चित कर सकते हैं।

मुझे बताया गया है कि चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के 111 विद्यालयों में डेढ़ लाख विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जिनमें माध्यमिक व उच्च कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या 62021 है। इनके लिए विद्यालयों में  2442 टी.जी.टी. के स्वीकृत पद हैं। इनमें से 693 रिक्तपदों पर 200 टी.जी.टी. को आज नियुक्ति पत्र प्रदान किए जा रहे हैं।

देवियो और सज्जनो,

चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से यह सतत प्रयास रहा है कि योग्यतम उम्मीदवारों को पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त किया जाए, ताकि हमारे स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस प्रक्रिया का हिस्सा बनकर आप सभी ने न केवल अपनी योग्यता सिद्ध की है, बल्कि बच्चों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी भी अपने कंधों पर ली है।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का एक प्रसिद्ध कथन हैः ‘‘शिक्षक एक राष्ट्र की रीढ़ होते हैं।’’

आपके शब्द, आपका व्यवहार, आपकी प्रेरणा, ये सब मिलकर किसी छात्र के जीवन की दिशा तय कर सकते हैं। अतः आपके कार्य में उत्कृष्टता, करुणा और निरंतर सीखते रहने की भावना अत्यंत आवश्यक है।

शिक्षक विद्यार्थियों को केवल पाठ्यक्रम का ज्ञान नहीं देते, बल्कि उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में जागरूक और कुशल बनाते हैं। शिक्षक केवल मार्गदर्शन का कार्य ही नहीं करते बल्कि समाज के निर्माण और विकास का आधार भी होते हैं। वे न केवल ज्ञान के प्रकाशक होते हैं, बल्कि नैतिकता, अनुशासन, और मूल्यों के संवाहक भी होते हैं। 

शिक्षक हमारे समाज को शिक्षित और सशक्त बनाते हैं, जिससे एक मजबूत और प्रगतिशील राष्ट्र का निर्माण होता है।

आपकी मेहनत और समर्पण के बिना एक समृद्ध और सशक्त समाज की कल्पना करना असंभव है। इसलिए, समाज में शिक्षक का सम्मान और योगदान अमूल्य है।

शिक्षक आज बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं, उनकी सोच और चरित्र को गढ़ रहे हैं। यह कार्य समाज पर तुरंत प्रभाव डालता है और एक सकारात्मक बदलाव लाता है।

आपके द्वारा दी गई शिक्षा और नैतिकता के पाठ एक बच्चे के जीवनभर साथ रहते हैं। यही बच्चे कल के नेता, वैज्ञानिक, शिक्षक, और समाज के अन्य महत्वपूर्ण स्तंभ बनते हैं।

आज हम जो कुछ भी हैं, वह हमारी पिछली पीढ़ियों के प्रयासों का परिणाम है। इसी तरह, जो आप आज करेंगे, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए आदर्श और मार्गदर्शक बनेगा।

प्रिय नवनियुक्त शिक्षको,

सरकारी सेवा में प्रवेश किसी मंज़िल का अंत नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की एक नई यात्रा की शुरुआत है। इस सेवा का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत स्थिरता प्राप्त करना नहीं, बल्कि समाज के प्रति अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करना है। अब आपके कंधों पर भावी पीढ़ियों के चरित्र, सोच और भविष्य को आकार देने की जिम्मेदारी है।

महात्मा गांधी जी ने कहा था, ‘‘शिक्षा का उद्देश्य चरित्र निर्माण है।’’

आपका कार्य केवल विषय पढ़ाना नहीं, बल्कि बच्चों में मूल्य, दृष्टिकोण और आत्मबल का विकास करना भी है।

आज, जब दुनिया तीव्र गति से बदल रही है, शिक्षा के क्षेत्र में भी नवाचार, प्रौद्योगिकी और समावेशिता की आवश्यकता है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी नवीन तकनीकों और शिक्षण पद्धतियों को अपनाकर अपने कक्षा-कक्ष को ज्ञान का केंद्र, प्रेरणा का स्रोत और नवाचार का मंच बनाएंगे।

मैं यह भी अपेक्षा करता हूँ कि आप राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाले टीचर्स एक्सचेंज प्रोग्राम और टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम्स में नियमित रूप से भाग लें। ये कार्यक्रम आपको वैश्विक शिक्षण दृष्टिकोण से परिचित कराते हैं और आपके ज्ञान तथा कौशल को नवीनतम प्रथाओं से समृद्ध करते हैं।

ऐसे अनुभवों से न केवल आपके व्यक्तित्व में परिपक्वता आती है, बल्कि यह हमारे छात्रों को भी वैश्विक सोच और प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करता है। याद रखें, एक शिक्षक जब सीखना बंद कर देता है, तो वह सिखाना भी बंद कर देता है।

साथियो,

आप जिस भी विद्यालय में कार्यरत हों, वहाँ के परिणाम निजी संस्थानों से उत्कृष्ट हों, यह लक्ष्य होना चाहिए। आपके पास न केवल विषय विशेषज्ञता है, बल्कि दृढ़ निष्ठा, प्रभावी शिक्षण क्षमता और राष्ट्रीय शिक्षा नीतियों का समर्थन प्राप्त है। यदि आप अपने विद्यार्थियों के साथ संवादशील, समर्पित और संवेदनशील रहेंगे, तो निश्चित ही आपके विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की नई ऊँचाइयाँ प्राप्त होंगी।

जैसा कि आप जानते हैं, नई शिक्षा नीति 2020 लागू की जा चुकी है, जो शिक्षा को अधिक समावेशी, लचीला, कौशल-आधारित और प्रौद्योगिकी-संचालित बनाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम है। यह नीति न केवल छात्रों के सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करती है, बल्कि शिक्षकों को एक मार्गदर्शक, प्रेरक और नवाचारकर्ता के रूप में स्थान देती है।

इस परिप्रेक्ष्य में, आप सभी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपके व्यवहार, निर्णय और दृष्टिकोण से ही यह नीति जमीनी स्तर पर सफल होगी। आपका कार्य अब केवल पाठ्यक्रम पूरा करना नहीं, बल्कि बच्चों को मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना भी है।

अब समय है कि आप अपने ज्ञान, संवेदनशीलता और समर्पण से न केवल चंडीगढ़ को गौरवान्वित करें, बल्कि इस देश को एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर करने में अग्रणी भूमिका निभाएं। उत्कृष्टता को अपना मानक बनाएं, और हर दिन अपने विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करें।

आपके हर निर्णय में सत्य, पारदर्शिता और ईमानदारी होनी चाहिए। यह तीन मूल्य आपको न केवल एक उत्कृष्ट शिक्षक, बल्कि एक आदर्श नागरिक भी बनाएंगे।

और अंत में, समय की पाबंदी को अपने व्यक्तित्व का अभिन्न अंग बनाएं। समय का सम्मान केवल अनुशासन नहीं, यह आपके पेशे के प्रति सम्मान का प्रतीक है।

मित्रो,

आप सभी को जो नियुक्ति पत्र आज सौंपे गये हैं, वे केवल एक नौकरी का अवसर नहीं हैं, बल्कि यह एक जिम्मेदारी है। यह जिम्मेदारी है हमारे देश के बच्चों को सही दिशा देने की। आपका हर शब्द, हर कदम, और हर प्रयास उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डालेगा।

आज का यह कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि हम शिक्षा के विकास के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं। यह नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से पूरी की गई है, और हमें विश्वास है कि आप सभी इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगे।

आज का युग ज्ञान आधारित समाज का है। चंडीगढ़ को ‘नॉलेज सिटी’ के रूप में विकसित करने की दिशा में यह नियुक्तियाँ एक महत्वपूर्ण कदम हैं। हम चाहते हैं कि हमारे स्कूलों में ऐसा वातावरण हो जहाँ बच्चों की जिज्ञासा को पंख मिलें, जहाँ पाठ्यपुस्तकें केवल सूचनाएँ न हों, बल्कि सोचने, समझने और सृजन करने का माध्यम बनें।

मैं आप सभी से यह अपेक्षा करता हूँ कि आप हर बच्चे को उसकी क्षमता के अनुसार विकसित करने का प्रयास करेंगे। हमें ऐसे शिक्षकों की आवश्यकता है जो छात्रों को अंक देने से पहले उन्हें आत्मविश्वास देना जानते हों।

स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था, ‘‘यदि कोई राष्ट्र को सशक्त बनाना चाहता है, तो सबसे पहले उसकी शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना होगा।’’

आपके माध्यम से यही संकल्प चरितार्थ होगा। आप सभी आने वाले वर्षों में चंडीगढ़ की शिक्षण गुणवत्ता और राष्ट्र की प्रगति में अपना अभूतपूर्व योगदान देंगे, ऐसा मेरा विश्वास है।

आप सभी को एक सफल, सम्मानित और प्रेरक शिक्षकीय जीवन के लिए मेरी ओर से शुभकामनाएं।

अंत में, मैं पुनः आप सभी को बधाई देता हूँ और अपील करता हूँ कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा, सेवा-भाव और ईमानदारी से निभाएं। चंडीगढ़ प्रशासन सदैव आपके सहयोग में तत्पर रहेगा।

धन्यवाद, 

जय हिन्द!