SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF 10TH ANNUAL CELEBRATION OF RAJ IAS STUDY GROUP AT CHANDIGARH ON 10.06.2025.

राज आईएएस स्टडी ग्रुप द्वारा सिविल सेवा परीक्षार्थियों हेतु आयोजित ‘शुभकामना समारोह’ के अवसर पर

राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 10.06.2025, मंगलवारसमयः सुबह 12:10 बजेस्थानः चंडीगढ़

 

नमस्कार!

आज का यह अवसर दो दृष्टियों से मेरे लिए विशेष है, एक ओर हम राज आईएएस स्टडी ग्रुप की 10 वर्षों की गौरवशाली यात्रा का उत्सव मना रहे हैं, और दूसरी ओर मुझे आप सभी जैसे प्रेरणास्पद, प्रतिबद्ध और राष्ट्र-निर्माण की भावना से ओतप्रोत युवाओं से सीधे संवाद करने का अवसर मिल रहा है। 

सबसे पहले, मैं राज आईएएस स्टडी ग्रुप को अपनी 10 वर्षों की प्रेरणादायक और सफल यात्रा के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। 

राज आईएएस स्टडी ग्रुप, जिसकी स्थापना 2015 में हुई थी, ने चंडीगढ़, जालंधर, होशियारपुर और इंदौर शाखाओं के माध्यम से अब तक 2,000 से अधिक सफल अभ्यर्थी सिविल सेवाओं में दिए हैं जो देशभर में विभिन्न उच्च पदों पर कार्यरत हैं।

हर्ष का विषय है कि यहाँ शिक्षा सिर्फ पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि नैतिक मूल्यों और चरित्र निर्माण पर भी ज़ोर दिया जाता है। शिक्षक और छात्र के बीच एक प्राचीन गुरुकुल जैसी पवित्र और सार्थक संबंध भावना देखने को मिलती है।

मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह संस्था भविष्य में भी इसी परंपरा को बनाए रखते हुए, निरंतर उत्कृष्टता की ओर अग्रसर रहेगी और राष्ट्र निर्माण की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी।

प्रिय छात्रो,

आप अपने जीवन के एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर हैं, जहाँ आप देश की प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं। यह एक दृष्टिकोण है, एक सोच है, ‘‘निजी सफलता से परे जाकर सार्वजनिक उत्तरदायित्व निभाने का जज़्बा।’’

हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कहा थाः ‘‘सपने वो नहीं जो हम सोते वक्त देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।’’ आपके सपने भी वही हैं, राष्ट्र की सेवा में कुछ विशेष करने के, और हर नागरिक के जीवन को बेहतर बनाने के।

बच्चो! संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) या राज्य सिविल सेवा की राह कठिन जरूर है, लेकिन यह आपकी आत्मिक, मानसिक और बौद्धिक परिपक्वता का एक अनुपम अवसर भी है। आपको कई बार ऐसा लगेगा कि मंज़िल दूर है, पर याद रखिए, ‘‘संघर्ष जितना बड़ा होता है, सफलता उतनी ही गौरवपूर्ण होती है।’’

सिविल सेवा की तैयारी राष्ट्र सेवा के प्रति प्रतिबद्धता, असफलताओं से उबरने की क्षमता और देशप्रेम को प्रबल करती है, जिससे अभ्यर्थी एक संवेदनशील और प्रभावी लोकसेवक बनने की दिशा में अग्रसर होते हैं।

इस सेवा के माध्यम से आपको समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने, न्याय और समानता सुनिश्चित करने, तथा भारतीय संस्कृति की महान परंपराओं को आगे बढ़ाने का अवसर मिलता है। 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा प्रस्तुत ‘कर्मयोगी’ की परिकल्पना केवल एक कार्यशील व्यक्ति की नहीं, बल्कि ऐसे लोकसेवक की है जो निष्काम भाव से, निःस्वार्थ उद्देश्य के साथ और पूर्ण समर्पण भाव से राष्ट्र सेवा के लिए तत्पर रहता है। यह दृष्टिकोण हमें यह सिखाता है कि हमारे कार्यों का केंद्रबिंदु व्यक्तिगत लाभ नहीं, बल्कि जनहित और राष्ट्रहित होना चाहिए।

मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ कि आप सिविल सर्वेंट बनें, केवल एक ब्यूरोक्रेट नहीं। इन दोनों के बीच आकाश-पाताल का अंतर होता है। एक सच्चा लोकसेवक जनता के दुख-दर्द को समझता है, उनके साथ संवेदना के साथ जुड़ता है, जबकि एक पारंपरिक नौकरशाह केवल फाइलों और प्रक्रियाओं तक सीमित रहता है।

याद रखिए, आपकी सफलता का पैमाना यह नहीं है कि आप कितनी बड़ी कुर्सी पर बैठे हैं, बल्कि यह है कि समाज का सबसे गरीब और कमजोर व्यक्ति आप तक कितनी आसानी से पहुँच सकता है। 

महात्मा गांधी जी ने कहा थाः ‘‘जब भी आप संदेह में हों, तो सबसे गरीब और कमजोर व्यक्ति का चेहरा याद करिए और खुद से पूछिए कि आपका निर्णय उसके लिए कितना उपयोगी है।’’

मेरे युवा साथियो,

आज के युग में हमें "Minimum Government, Maximum Governance" के सिद्धांत को न केवल समझना, बल्कि उसे अपने प्रशासनिक दृष्टिकोण में आत्मसात भी करना होगा। इस सिद्धांत का सार यही है कि सरकार की भूमिका अनावश्यक नियंत्रण की बजाय, प्रभावी सेवा प्रदाता की होनी चाहिए। 

डिजिटल इंडिया के माध्यम से नागरिक सेवाओं को सीधे जनता के दरवाजे तक पहुंचाया जा रहा है। ‘‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’’ जैसी योजनाएं न केवल भ्रष्टाचार को समाप्त कर रही हैं, बल्कि प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंदों को देश के किसी भी कोने में उनका हक सुनिश्चित कर रही हैं। 

इसके साथ ही, जन धन, आधार और मोबाइल (JAM) की त्रिमूर्ति ने लाभार्थी को सीधे योजना से जोड़कर पारदर्शिता और जवाबदेही को नया आयाम दिया है। यह मॉडल आज के उत्तरदायी प्रशासन का आधार बन चुका है, जिसे हमें और अधिक प्रभावशाली बनाना होगा।

साथियो,

डिजिटल युग में सोशल मीडिया के कारण विद्यार्थियों को भारी ध्यान भटकाव का सामना करना पड़ रहा है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि वे अध्ययन के दौरान मोबाइल साइलेंट रखें, सोशल मीडिया का उपयोग सीमित और शिक्षाप्रद रखें, और समय-समय पर डिजिटल डिटॉक्स अपनाएं।

विद्यार्थियों के सामने आज जागरूकता की कमी और शिक्षा के व्यावसायीकरण जैसी गंभीर चुनौतियाँ हैं। मुझे यह जानकर हर्ष हुआ कि इस दिशा में राज मल्होत्रा जी की बेटी सादगी मल्होत्रा द्वारा शुरू किया गया ‘‘शिक्षा भविष्यवान’’ प्लेटफॉर्म एक सराहनीय पहल है, जो छात्रों को उनकी क्षमताओं, रुचियों और उपयुक्त करियर विकल्पों से परिचित कराकर उन्हें सशक्त बनाता है। 

वहीं शिक्षा के व्यावसायीकरण से बचने के लिए विद्यार्थियों को प्रामाणिक संस्थानों का चयन करना चाहिए और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।

प्रिय छात्रो,

सफलता की ओर पहला कदम हमेशा सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास से भरा होता है। यह दो गुण न केवल आपकी क्षमता को निखारते हैं, बल्कि मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी आपको आगे बढ़ने की शक्ति देते हैं।

जब भी आप जीवन में किसी चुनौती का सामना करें, उसे केवल एक कठिनाई के रूप में न देखें, बल्कि उसे एक अवसर के रूप में देखें। हर चुनौती में आपके लिए कुछ नया सीखने और बेहतर बनने का मौका छिपा होता है।

मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह आपकी उत्पादकता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाता है।

रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाना आपकी तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह समझें कि हर परीक्षा की अपनी विशेष संरचना और मांग होती है। परीक्षा के पैटर्न को समझें, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण करें और उन विषयों पर अधिक ध्यान केंद्रित करें, जिनका परीक्षा में अधिक महत्व है।

अभ्यास को अपने दिनचर्या का एक अनिवार्य हिस्सा बनाएं। जितना अधिक आप मॉक टेस्ट और प्रश्नपत्र हल करेंगे, उतना ही आप अपनी कमजोरियों को समझ पाएंगे और उन्हें सुधारने का अवसर मिलेगा। निरंतर अभ्यास से आपकी आत्मविश्वास बढ़ेगा और परीक्षा में समय प्रबंधन की आपकी क्षमता में सुधार होगा।

इसके साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि आप अपनी सोच को सकारात्मक रखें। कभी भी असफलता से हतोत्साहित न हों। असफलता आपके सीखने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है और यह आपको बेहतर बनने के लिए प्रेरित करती है।

याद रखें कि सफलता केवल मंज़िल तक पहुँचने का नाम नहीं है, बल्कि यह यात्रा के दौरान सीखी गई चीजों और आपके द्वारा दिखाए गए समर्पण का प्रतीक है। आप अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए पूरी लगन और मेहनत से जुट जाएं। 

मुझे पूर्ण आशा है कि आप सबका प्रयास अवश्य ही सफलता दिलाएगा और आप सब अपने परिवार और पूरे समाज को गौरवान्वित करेंगे। आपकी सफलता नए भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और भारतीय सभ्यता और संस्कृति को विश्व मंच पर और अधिक सम्मान दिलाएगी।

आप लोगों की इस परीक्षा के लिए तैयार करने में जो भूमिका राज आईएएस स्टडी ग्रुप द्वारा निभाई जा रही है वह अत्यंत सराहनीय है जिसके लिए मैं इस संस्था के प्रधान श्री राज मल्होत्रा जी तथा संस्थान की समस्त टीम विशेष कर सभी शिक्षकों को साधुवाद देता हूँ। 

मेरा पूर्ण विश्वास है कि आप सब इस सिविल सेवा परीक्षा में अवश्य उत्तीर्ण होंगे और अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। इस महत्वपूर्ण यात्रा में मैं आपसे कहना चाहता हूं कि जब आप इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल कर देश सेवा के मार्ग पर आगे बढ़ें, तो हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को जरूर याद रखें।

अंत में, मैं आपसे बस यही कहना चाहूंगाः ‘‘स्वयं पर विश्वास रखें, अपने मूल्यों से कभी समझौता न करें, और देशहित को हमेशा सर्वोपरि रखें।’’

आप सभी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।

धन्यवाद, 

जय हिन्द!