Speech of Punjab Governor and Administrator, UT, Chandigarh, Shri Gulab Chand Kataria on the occasion of foundation Day of Sikkim, Goa, Telangana, and West Bengal Celebrated at Punjab Raj Bhavan on June 20, 2025.

सिक्किम, गोवा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस के अवसर पर

राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 20.06.2025, शुक्रवार

समयः शाम 5:00 बजे

स्थानः पंजाब राजभवन

नमस्कार!

आज का यह अवसर अत्यंत गौरवपूर्ण और आनंदमय है, जब हम यहाँ पंजाब राज भवन में सिक्किम, गोवा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल राज्यों के स्थापना दिवस को उत्साहपूर्वक मना रहे हैं। मैं इस अवसर पर इन चारों राज्यों के नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देता हूँ।

भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से 

‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ अभियान के अंतर्गत देशभर के सभी राजभवनों में विभिन्न राज्यों के स्थापना दिवसों को उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। 

इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से सांस्कृतिक विविधता को नज़दीक से जानने और समझने का अवसर मिलता है। ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ का यह संकल्प भारत की आत्मा को जीवंत रूप में प्रतिबिंबित करता है, एक ऐसा भारत जो अनेकता में एकता का प्रतीक है।

सिक्किमः- 

सिक्किम वर्ष 1975 में भारतीय गणराज्य का पूर्ण राज्य बना। सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों, जिन्हें अक्सर ‘‘पूर्वोत्तर के अष्ट-रत्न’’ कहा जाता है, में से एक है। 

यहाँ लेप्चा, भूटिया, नेपाली, लिम्बु और अन्य समुदायों के लोग वर्षों से आपसी सहयोग और सौहार्द के साथ रह रहे हैं। सिक्किम को अक्सर ‘धरती का स्वर्ग’ कहा जाता है।

सिक्किम में स्थित विश्व की तीसरी सबसे ऊंची पर्वतचोटी कंचनजंगा (28169 फुट) यहां की सुंदरता में चार चांद लगाती है। साथ ही राज्य में 200 से अधिक मोनेस्ट्री हैं। 

सिक्किम के लोकप्रिय दर्शनीय स्थलों में कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान, शांत और दर्शनीय तीस्ता नदी, दुनिया की सबसे ऊंची झीलों में से एक गुरुडोंगमार झील, ज़ुलुक, लाचुंग, लाचेन और युमथांग घाटी आदि शामिल हैं। 

राज्य का लगभग 35 प्रतिशत क्षेत्रफल कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आता है, जो यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी मान्यता प्राप्त है।

इसे देश का पहला पूर्णतः जैविक राज्य होने का गौरव प्राप्त है। 

इस प्रदेश ने बाइचुंग भूटिया और निर्मल छेत्री जैसे फुटबॉल खिलाड़ी, और तरुणदीप रॉय जैसे तीरंदाज भारत को दिए हैं। हिंदी सिनेमा के प्रतिष्ठित अभिनेता डैनी डेन्जोंगपा भी सिक्किम से ही हैं।

सिक्किम अपने शानदार मुखौटा नृत्यों के लिए प्रसिद्ध है, जो समारोहों और उत्सवों के अवसरों पर किए जाते हैं। सिक्किम में सबसे कम प्लास्टिक का कचरा उत्पन्न होता है।

सम्पूर्ण भारत में बड़ी इलायची की सबसे अधिक उपज सिक्किम में होती है।

गोवाः-

गोवा 30 मई, 1987 को केंद्र शासित प्रदेश से भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना। देश की आज़ादी के बाद 14 वर्षों तक गोवा पुर्तगालियों के कब्जे में रहा और 19 दिसंबर 1961 को आज़ाद हुआ। पुर्तगालियों ने सन 1510 से 1961 तक यानि 451 सालों तक गोवा में राज किया था।

गोवा स्थापना दिवस पर हम गोवा मुक्ति संग्राम के 31 शहीद सत्याग्रहियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिनमें पंजाब के लुधियाना के करनैल सिंह बेनीपाल का बलिदान विशेष रूप से स्मरणीय है। 

15 अगस्त 1955 को गोवा सीमा पर सहोद्रा देवी राय पर गोली चलाए जाने का विरोध करते हुए उन्होंने वीरता से आगे आकर कहा कि यदि गोली चलानी है तो उन्हें मारो, और वहीं शहीद हो गए। उनका यह बलिदान भारत की एकता, अखंडता और नारी सम्मान की मिसाल है।

गोवा में दो स्वतंत्रता दिवस मनाये जाते हैं। 15 अगस्त के अलावा 19 दिसंबर को भी गोवा की स्वतंत्रता का जश्न मनाया जाता है।

इसकी प्राकृतिक सुंदरता और जीवंत समुद्र तटों के कारण इसे ‘बीच कैपिटल ऑफ इंडिया’ कहा जाता है। गोवा दुनियाभर के सैलानियों में इतना लोकप्रिय है कि यहां हर साल आने वाले पर्यटकों की संख्या राज्य की जनसंख्या से अधिक होती है।

शायद ही आप में से कोई जानता हो कि गोवा में भारत का पहला प्रिंटिंग प्रेस और एशिया के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेजों में से एक गोवा मेडिकल कॉलेज स्थित है।

यही नहीं देश का सबसे पहला इंग्लिश मीडियम स्कूल St. Joseph's High School भी गोवा राज्य में ही बना था।

गोवा के निकट बोगमालो में स्थित नौसेना उड्डयन संग्रहालय एशिया में एकमात्र सैन्य संग्रहालय है।

गोवा के व्यंजनों की खासियत है कि ये सदी दर सदी पुर्तगाली, अरब, ब्राजीलियाई, अफ्रीकी, फ्रेंच, कोंकणी, मालाबारी, मलेशियाई और चीनी जैसी विभिन्न संस्कृतियों के मेल से विकसित हुए हैं।

गोवा ने देश को भारत रत्न लता मंगेशकर, आशा भोसले, डॉ आर ए माशेलकर, संगीतकार रेमो फर्नांडीस, कार्टूनिस्ट मारियो मिरांडा और कई अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तित्व दिए हैं।

एक छोटा राज्य होने के बावजूद गोवा ने जल-क्रीड़ाओं, खनन, कृषि, मसाला उत्पादन और सांस्कृतिक समृद्धि में उल्लेखनीय प्रगति की है। स्कूबा डाइविंग, पैरासेलिंग, वाटर स्कूटर जैसे साहसिक खेल गोवा को रोमांचप्रिय लोगों के लिए स्वर्ग बनाते हैं।

तेलंगानाः-

तेलंगाना का गठन 2014 में हुआ। तेलंगाना शब्द त्रिलिंग देश अर्थात ‘‘तीन लिंगों की भूमि’’ से बना है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां कालेश्वरम (वर्तमान में तेलंगाना में), श्रीशैलम और द्रक्षरामा (दोनों वर्तमान में आंध्र प्रदेश में) तीन महत्वपूर्ण शैव मंदिर स्थित थे।

इस राज्य पर हिन्दू राजाओं के साथ-साथ मुस्लिम राजाओं ने भी लंबे समय तक राज किया। इस कारण तेलंगाना में मिश्रित संस्कृति देखने को मिलती है।

इस राज्य में ऐतिहासिक धरोहरें जैसे हैदराबाद का चारमीनार, वारंगल का किला, और करीमनगर का एल्गंडल किला और धार्मिक स्थलों का भी अद्भुत संगम है जैसे श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर, वेमुलावाड़ा का राजराजेश्वर मंदिर आदि, जो श्रद्धालुओं के लिए अत्यन्त पवित्र माने जाते हैं।

इस क्षेत्र ने कई महान हस्तियों को जन्म दिया है, जैसे - पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ज़ाकिर हुसैन, पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव, तेलुगू कवि कालोजी नारायण राव, क्रिकेटर मोहम्मद अज़हरुद्दीन, खिलाड़ी सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल, पी.वी. सिंधु और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला।

तेलंगाना के हैदराबादी व्यंजन अपनी विशेषता के कारण UNESCO creative city of gastronomy के तौर पर घोषित हैं।

तेलंगाना की हैदराबादी बिरयानी अपनी विशिष्टता के कारण देशभर के सभी होटलों और रेस्टोरेंट्स की व्यंजन-सूचियों में शामिल है।

चारमीनार, फलकनुमा पैलेस, चौमहल्ला पैलेस, वारंगल फोर्ट, थाउजेंड  पिलर  टेम्पल और भोंगिर फोर्ट पर्यटकों के लिए आकार्षण का केन्द्र हैं।

हैदराबाद के निकट स्थित ऐतिहासिक शहर गोलकुंडा हीरे के व्यापार का केंद्र है। कोहिनूर, होप डायमंड, ड्रेसडेन ग्रीन और ओरलोव जैसे विश्वविख्यात हीरे, गोलकुंडा की खदानों से ही निकले थे।

तेलंगाना की गौरवशाली लोक परंपराओं में ओग्गु डोल्लू नृत्य एक अत्यंत प्रभावशाली और ऊर्जावान कला रूप है। इस नृत्य में कलाकार ढोल की गूंजती हुई लय पर भगवान शिव की महिमा का स्तुति-गान करते हैं।

पश्चिम बंगालः-

आज ही के दिन वर्ष 1956 को पश्चिम बंगाल राज्य का उदय हुआ था। यह एक ऐसी भूमि है जहाँ गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियाँ मिलती हैं, जो एक जीती जागती सभ्यता की अनुपम मिसाल है जो युगों से फलती-फूलती रही है।

यह भूमि है अमर स्वतंत्रता सेनानी विपिन चंद्र पाल, अरविंद घोष, राश-बिहारी बोस, मातंगिनी हाज़रा और कन्हैयालाल दत्त की जिन्होंने वतन के वास्ते अपनी जान कुर्बान कर दी।

पंजाब और पश्चिम बंगाल में यह समानता तो ज़रूर है कि दोनों ही प्रदेश वीरों की जन्मभूमि हैं।

चाहे मात्र 18 वर्ष की अल्पायु में भारत माता के लिए फांसी पर चढ़ जाने वाले बंगाल के वीर खुदीराम बोस हों या फिर पंजाब के शूरवीर शहीद भगत सिंह (23 वर्ष की आयु में शहीद हुए) और मदनलाला ढींगरा (26 वर्ष की आयु में शहीद हुए) हों, इनके बलिदानों ने देश के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा और दशा प्रदान की। 

इसी तरह बिपिन चन्द्र पाल का ज़िक्र करते हुए लाल-बाल-पाल की उस तिकड़ी का स्मरण होता है जिसमें बिपिन चन्द्र पाल के साथ पंजाब-केसरी लाला लाजपत राय भी थे।

भारत-माता के गौरव गान तथा स्वाधीनता-संग्राम के मंत्र के रूप में, हमारा राष्ट्र-गीत ‘वंदे मातरम्’ बंगाल की धरती से निकला। 

इसी बंग-भूमि के सपूत, गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने देशवासियों को ‘जन-गण-मन’ के राष्ट्र-गान का उपहार दिया है। इनकी रचना गीतांजलि के लिए इन्हें विश्व प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

बंगाल की यही धरती ‘जय हिन्द’ का राष्ट्रीय जन घोष करने वाले उत्कल व बंग के संगम-स्वरूप, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रमुख कर्म-स्थली भी रही है।

यह भूमि है वेदान्त का पाठ सिखाने वाले महान संत स्वामी विवेकानंद की और भक्ति का मार्ग दिखाने वाले चैतन्य महाप्रभु की।

आधुनिक इतिहास में भारतीय नव-जागरण की ज्योति प्रकाशित करने वाले राजा राममोहन राय और ईश्वर चन्द्र विद्यासागर भी बंगाल के सपूत हैं।

जगदीश चंद्र बोस, पी.सी.रे, एस.एन. बोस और मेघनाद साहा जैसे अनगिनत वैज्ञानिकों ने इस पुण्य भूमि को ज्ञान और विज्ञान से सींचा है।

देश की राजनीति को मार्गदर्शन देने वाले देशबन्धु चितरंजन दास और डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे बंगाल के सपूतों के नाम का स्वतः स्मरण हो जाता है। भारत रत्न, भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी इसी राज्य से हैं।

इसने अशोक कुमार, किशोर कुमार, आर डी बर्मन, राखी, शर्मिला टैगोर, बासु चटर्जी, उत्तम कुमार, मिथुन चक्रवर्ती और अन्य लोकप्रिय फिल्म सितारों और कलाकारों को जन्म दिया है।

क्रिकेट और फुटबॉल यहाँ के लोगों का पसंदीदा खेल हैं। पूर्व क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली इसी प्रदेश के हैं।

पर्यटन की दृष्टि से भी बंगाल अहम स्थान रखता है। हावड़ा ब्रिज और विक्टोरिया मेमोरियल कोलकता की पहचान हैं।

विश्व प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्र दार्जिलिंग का घुम रेलवे स्टेशन, दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे स्टेशन है जो यूनेस्को विश्व धरोहर दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे का हिस्सा है।

यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित सुंदरबन को Royal Bengal Tiger जैसी वैश्विक रूप से लुप्त होती प्रजातियों के निवास स्थान के लिए विश्व भर में सराहा जाता है।

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकता एक ऐतिहासिक शहर है। ब्रिटिश काल में कलकत्ता भारत का सबसे विकसित नगर था और कभी यह ब्रिटिश भारत की राजधानी हुआ करता था।

कोलकाता में कई ऐतिहासिक स्थल, कालीघाट जैसे मंदिर, अर्मेनियाई चर्च, मस्जिद, शांतिनिकेतन और विक्टोरिया मेमोरियल जैसे ब्रिटिश स्मारक हैं। 

पश्चिम बंगाल में असंख्य त्योहार मनाए जाते हैं। नवरात्रि में दुर्गा पूजा बंगाल का प्रमुख त्योहार है।

बंगाल के इतिहास में अनेक प्रतापी सम्राट हुए हैं। अनेक महान राजा और महाराजा हुए हैं। गुप्त, मौर्य, पाल, सेन सम्राटों ने बंगाल की संस्कृति को संजोया और इसकी विरासत को आगे बढ़ाया।

1757 के प्लासी की लड़ाई से लेकर 1946 में भारतीय नौसेना के विद्रोह तक के संघर्ष में बंगाल का महान योगदान रहा।

बंगाल की विलक्षणता की सूची इतनी लंबी है, कि सबका एक साथ उल्लेख करना संभव ही नहीं है।

साथियो,

भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जहाँ हर कुछ सौ किलोमीटर पर भाषा बदलती है, वेशभूषा में विविधता आती है, खानपान का स्वाद अलग होता है, लेकिन जो कभी नहीं बदलता, वह है हमारी एकता की भावना। 

सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे महानायक ने इसी एकता के सूत्र में भारत को पिरोने का ऐतिहासिक कार्य किया। उनकी दूरदर्शिता, संकल्प और नेतृत्व के कारण ही आज हम एक अखंड भारत के रूप में संगठित खड़े हैं। 

हमें यह भली-भांति समझना होगा कि भले ही हम भौगोलिक, भाषायी या सांस्कृतिक रूप से अलग दिखें, लेकिन हमारी आत्मा एक है, हम सब भारत माता की संतानें हैं। 

साथियो,

हम सभी भारतीयों का यह कर्तव्य है कि हर प्रकार के आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होकर, राष्ट्र सर्वोपरि की भावना को और सशक्त करें। आइए, हम यह संकल्प लें कि हम न केवल ‘एक भारत’ बनाएंगे, बल्कि ‘श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण के लिए भी प्रतिबद्ध होकर कार्य करेंगे। 

अंत में, सिक्किम, गोवा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस पर मैं इन सुंदर राज्यों के नागरिकों को हार्दिक बधाई देता हूँ। मेरी शुभकामनाएँ हैं कि ये तीनों राज्य नवाचार, विकास और सांस्कृतिक गरिमा के पथ पर निरंतर अग्रसर रहें और विश्व मंच पर भारत की पहचान को और अधिक सशक्त करें। 

धन्यवाद, 

जय हिन्द!