Speech of Punjab Governor and Administrator, UT, Chandigarh, Shri Gulab Chand Kataria on the occasion of felicitation UPSC & State Civil Services achievers at Punjab Raj Bhavan on June 27, 2025.
- by Admin
- 2025-06-28 20:15
संकल्प द्वारा सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके अभ्यर्थियों हेतु आयोजित ‘सम्मान समारोह’ के अवसर पर
राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन
दिनांकः 27.06.2025, शुक्रवार
समयः सुबह 11:00 बजे
स्थानः पंजाब राजभवन
नमस्कार!
यह मेरे लिए अत्यंत हर्ष और गर्व का विषय है कि आज मैं उन प्रतिभाशाली युवाओं को सम्मानित करने हेतु इस समारोह में उपस्थित हूं, जिन्होंने कठिन परिश्रम, संकल्प और समर्पण के साथ देश की प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।
इन सम्मानित युवाओं में से 13 अभ्यर्थियों ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की अत्यंत प्रतिष्ठित और प्रतिस्पर्धी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की है, जो कि राष्ट्र स्तर पर प्रशासनिक सेवाओं के लिए सर्वोच्च परीक्षा मानी जाती है। वहीं, 7 अभ्यर्थियों ने अलग-अलग राज्यों के लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राज्य स्तरीय प्रशासनिक सेवाओं में स्थान अर्जित किया है।
आप सभी ने केवल अपने परिवार का ही नहीं, बल्कि पंजाब और पूरे देश का मान बढ़ाया है। मैं आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
इस परीक्षा की कठिनता केवल इसके पाठ्यक्रम की विशालता में नहीं है, बल्कि यह परीक्षा मानसिक दृढ़ता, समय प्रबंधन, और आत्मानुशासन की भी कसौटी है।
इस संदर्भ में संकल्प चंडीगढ़ की भूमिका अत्यंत सराहनीय है जो की विगत अनेक वर्षों से सिविल सेवा की तैयारी में आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली युवाओं का निःशुल्क मार्गदर्शन कर रही है। समाज के वंचित वर्गों के लिए इस प्रकार की सेवाएं एक प्रेरणास्रोत हैं और हमारे सामाजिक उत्तरदायित्व की भी एक उत्कृष्ट मिसाल हैं।
वर्ष 1986 में दिल्ली में संकल्प संस्थान की स्थापना की गई थी। इसके बाद, 2007 में संस्थान की चंडीगढ़ शाखा अस्तित्व में आई, ताकि उत्तरी भारत के प्रतिभावान उम्मीदवारों को देश की प्रशासनिक सेवाओं में करियर बनाने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित किया जा सके।
अब तक इस शाखा से मार्गदर्शन प्राप्त कर कुल 133 प्रतिभावान उम्मीदवारों ने संघ लोक सेवा आयोग ¼UPSC½, पंजाब लोक सेवा आयोग ¼PPSC½, हरियाणा लोक सेवा आयोग ¼HPSC½ और हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा ¼HPAS½ की कठिन परीक्षाओं को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया है।
मैं समझता हूं कि 133 उम्मीदवारों की यह सफलता इस शाखा की गुणवत्ता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हर सफल उम्मीदवार इस शाखा के दूरदर्शी दृष्टिकोण और समर्पित प्रयासों की कहानी को दर्शाता है।
मैं इस अवसर पर चंडीगढ़ शाखा के शिक्षकों, मार्गदर्शकों, और समर्पित कर्मचारियों को भी बधाई देता हूँ, जिन्होंने इन छात्रों को सफलता की राह दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
मुझे बताया गया है की इस वर्ष से संस्था ने 12वीं के बाद ही छात्रों को नामांकित कर एक समेकित कोचिंग और मार्गदर्शन कार्यक्रम आरंभ किया है। यह दीर्घकालिक दृष्टिकोण युवाओं को न केवल अकादमिक रूप से, बल्कि मानसिक, नैतिक और सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है।
आज हमारे बीच पंजाब और हरियाणा के विभिन्न स्कूलों से आए हुए उत्साही और प्रतिभाशाली छात्र भी उपस्थित हैं। आप सभी भारत के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला हैं।
आज आपके सामने जो सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले युवा अभ्यर्थी बैठे हैं, वे न केवल अपने कठिन परिश्रम, अनुशासन और समर्पण के प्रतीक हैं, बल्कि वे आपके लिए जीवंत प्रेरणा भी हैं।
मैं आप सभी से कहना चाहता हूं कि आज ही से संकल्प लीजिए कि आप भी एक दिन इस मंच पर बैठेंगे, देश की सेवा में अपना योगदान देंगे और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाले एक सशक्त माध्यम बनेंगे।
याद रखिए, सफलता किसी विशेष वर्ग, क्षेत्र या पृष्ठभूमि की मोहताज नहीं होती, बल्कि वह केवल दृढ़ संकल्प, निरंतर अभ्यास और स्पष्ट लक्ष्य की अपेक्षा करती है। और आपके सामने आज जो उदाहरण उपस्थित हैं, वे इस बात के जीवंत प्रमाण हैं।
अतः इस अवसर को केवल एक कार्यक्रम के रूप में न लें, बल्कि इसे अपने भीतर एक प्रेरणा के दीप के रूप में जलाएं, जो आपको आगे बढ़ने, संघर्ष करने और देश सेवा की दिशा में अग्रसर रहने की ऊर्जा दे।
बड़ी सोच, कड़ी मेहनत और सही दिशा, यही सफलता की असली कुंजी है। सपने देखिए, और उन्हें साकार करने के लिए पूरी ताकत से जुट जाइए। देश को आप जैसे युवा ही आगे ले जाएंगे।
प्रिय सफल युवा अभ्यर्थियो,
सिविल सेवा का कार्य केवल एक नौकरी नहीं है, यह भारत माता की सेवा और अपने लोगों के कल्याण का सर्वोच्च माध्यम है। इस सेवा के माध्यम से आपको समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने, न्याय और समानता सुनिश्चित करने, और भारतीय संस्कृति की महान परंपराओं को आगे बढ़ाने का अवसर मिलता है।
आप केवल मात्र प्रशासनिक पदों पर आसीन होने जा रहे अधिकारी नहीं हैं, बल्कि इस राष्ट्र के भविष्य निर्माता हैं। आपसे अपेक्षा की जाती है कि जहां भी आपकी नियुक्ति हो, वहां न्याय, पारदर्शिता और जनकल्याण की भावना से कार्य करें। आपके भीतर वह संवेदना होनी चाहिए, जो आज ‘संकल्प’ जैसी संस्थाओं में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
अब जबकि आप सिविल सेवा में प्रवेश कर रहे हैं, तो आपके सामने केवल अधिकार नहीं, बल्कि अनेक दायित्व भी हैं। एक ईमानदार, संवेदनशील और प्रतिबद्ध सिविल सेवक समाज में भरोसे की नींव बनाता है। आपकी कलम से नीतियाँ बनेंगी, आपके निर्णय से जीवन बदलेंगे, और आपकी सोच से भविष्य आकार लेगा।
महात्मा गांधी ने एक बार बहुत गूढ़ और प्रेरणादायक बात कही थी। उन्होंने कहा था किः “अपने आप को जानने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप स्वयं को दूसरों की सेवा में समर्पित कर दें।”
मेरा मानना है कि यह वाक्य केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है, सेवा के माध्यम से आत्म-ज्ञान और आत्म-विकास का मार्ग।
आज जब आप सिविल सेवा के पथ पर अग्रसर होने की तैयारी में हैं, तो आपके सामने अपने आप को जानने और समझने का सबसे श्रेष्ठ अवसर राष्ट्रसेवा के रूप में उपस्थित है।
सरकारी सेवा, विशेष रूप से सिविल सेवा, केवल एक करियर नहीं है, यह एक कर्तव्यबोध, संवेदनशीलता और नेतृत्व की यात्रा है।
जब आप जन-कल्याण की भावना से कार्य करते हैं, जब आप समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाते हैं, जब आप पीड़ा में डूबे किसी नागरिक की मुस्कान बनते हैं, तब आप न केवल दूसरों की सेवा कर रहे होते हैं, बल्कि अपने भीतर के सबसे उत्कृष्ट स्वरूप से भी परिचित हो रहे होते हैं।
राष्ट्रसेवा वह दर्पण है, जिसमें देखकर आप न केवल समाज की सच्चाई, बल्कि अपने चरित्र, अपने धैर्य, अपनी करुणा और अपने मूल्यों को भी पहचान सकते हैं।
इसलिए, मैं आप सभी से कहता हूँ कि सेवा को अपना धर्म बनाइए, संवेदना को अपनी शक्ति, और राष्ट्र को अपनी प्रेरणा।
साथियो,
आज जब भारत ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर तेज़ी से अग्रसर है, तब यह आवश्यक हो जाता है कि देश का प्रशासनिक ढांचा न केवल मजबूत हो, बल्कि संवेदनशील, पारदर्शी और उत्तरदायी भी हो। इस संकल्प को साकार करने में आप जैसे अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।
आज भारत को ऐसे अधिकारियों की आवश्यकता है जो संविधान की भावना को समझते हों, जो सामाजिक न्याय और समानता को केवल शब्दों में नहीं, बल्कि व्यवहार में उतार सकें। जो केवल कार्यालयों में बैठकर फाइलें न निपटाएं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर जाकर समस्याओं की जड़ को पहचानें और समाधान दें।
‘विकसित भारत 2047’ का सपना तभी साकार होगा, जब हमारे अधिकारी मूल्य आधारित प्रशासन, प्रौद्योगिकी के कुशल उपयोग, और जन सहभागिता को अपनी कार्यशैली का हिस्सा बनाएंगे। आप परिवर्तन के वाहक हैं, आप वह उम्मीद हैं, जिसकी ओर यह देश देख रहा है।
इसलिए मेरा आप सभी से अनुरोध है कि आप अपने कर्तव्यों को न केवल दायित्व समझकर निभाएं, बल्कि एक राष्ट्रीय सेवा के रूप में देखें। क्योंकि जब आप ईमानदारी, संवेदनशीलता और दक्षता से काम करते हैं, तब केवल शासन नहीं चलता, जनता का विश्वास भी मजबूत होता है, और यही विश्वास, विकसित भारत की नींव है।
आप स्वयं उदाहरण बनें, ईमानदारी का, सेवा भाव का, और निष्पक्षता का। याद रखें, जब आप एक गाँव में किसी वृद्ध को समय पर पेंशन दिलवाते हैं, या किसी बच्ची को स्कूल में दाखिला दिलवाते हैं, या किसी गरीब किसान की ज़मीन बचाते हैं, तो आप केवल कानून का पालन नहीं कर रहे होते, बल्कि राष्ट्र की आत्मा को जीवित रख रहे होते हैं।
अंत में, मैं आप सभी को पुनः हार्दिक बधाई देता हूँ। आपके जीवन का यह नया अध्याय राष्ट्र सेवा का एक उज्ज्वल आरंभ है। मैं विश्वास करता हूँ कि आप सभी अपने आचरण, व्यवहार और निर्णयों के माध्यम से ‘‘सुशासन’’, ‘‘सशक्त भारत’’ और ‘‘समावेशी विकास’’ के सपने को साकार करेंगे।
“कर्म ही धर्म है”, इस मंत्र को आत्मसात कीजिए और समाज के अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचाने का संकल्प लीजिए।
मैं पुनः सभी चयनित अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों को बधाई देता हूं और संकल्प चंडीगढ़ के समस्त मार्गदर्शकों, शिक्षकों एवं कार्यकर्ताओं का इस पुण्य कार्य के लिए अभिनंदन करता हूं।
पंजाब और हरियाणा के स्कूलों से आये भावी अभ्यर्थियों और उनके साथ आये उनके अध्यापकों को भी मेरी हार्दिक शुभकामनाएं!
धन्यवाद,
जय हिन्द!