Speech of Punjab Governor and Administrator, UT, Chandigarh, Shri Gulab Chand Kataria on the occasion of Convocation of GMCH, Sector 32, Chandigarh at Chandigarh on August 8 2025.
- by Admin
- 2025-08-09 12:35
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (GMCH) चंडीगढ़ के
11वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर
राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन
दिनांकः 08.08.2025, शुक्रवार
समयः सुबह 10:00 बजे
स्थानः चंडीगढ़
नमस्कार!
यह मेरे लिए अत्यंत सम्मान और गर्व का विषय है कि आज मैं आप सभी के बीच, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, चंडीगढ़ के 11वें दीक्षांत समारोह के इस अवसर पर उपस्थित हूँ।
इस गौरवपूर्ण दिन पर मैं आप सभी को, विशेष रूप से डिग्री प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को, जिनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का हम सभी मिलकर उत्सव मना रहे हैं, हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ।
आज हमने लगभग 268 छात्रों को डिग्रियां वितरित की हैं जिनमें डी.एम. के 4, एम.डी. के 77, एम.बी.बी.एस. के 147, एम.फिल. के 5, बी.एस.सी. नर्सिंग के 14 आदि छात्र शामिल हैं।
दीक्षांत समारोह हमेशा एक विशेष अवसर होता है। ये जीवन के उस मोड़ को दर्शाता है जहाँ कठोर अध्ययन और प्रशिक्षण की वर्षों लंबी यात्रा समाप्त होती है और व्यवसायिक उत्तरदायित्व एवं जनसेवा से जुड़े एक नए जीवन का आरंभ होता है।
आज जब आप इस महत्वपूर्ण द्वार पर खड़े हैं, तो आप न केवल अपने परिवारों की आशाओं और सपनों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, बल्कि उस राष्ट्र की अपेक्षाओं को भी अपने साथ लेकर चल रहे हैं, जो आपसे नेतृत्व, उपचार और नवाचार की उम्मीद करता है।
मैं गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, चंडीगढ़ को इस अवसर पर विशेष रूप से बधाई देना चाहता हूँ। 1991 में स्थापना के बाद से पिछले 34 वर्षों में इस संस्थान ने जिस गति से प्रगति की है, वह न केवल सराहनीय है, बल्कि प्रेरणादायक भी है।
एक विनम्र शुरुआत से आरंभ होकर यह संस्थान आज चिकित्सा शिक्षा, रोगी देखभाल और अनुसंधान का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है, और भारत के शीर्ष मेडिकल कॉलेजों में अपना स्थान बना चुका है।
ऐसी प्रतिष्ठा यूँ ही प्राप्त नहीं होती। यह संस्थान की दूरदृष्टि, नेतृत्व, सतत परिश्रम और उत्कृष्टता के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता का परिणाम है। मैं इस संस्थान के सभी पूर्व और वर्तमान नेतृत्व, संकाय, स्टाफ और छात्रों को बधाई देता हूँ, जिन्होंने इसे अनुशासन, गुणवत्ता और सेवा का प्रतीक बनाया है।
आज इस संस्थान में 150 एमबीबीएस और 155 पीजी सीटों के साथ एमडी, एमएस और डीएम जैसे उच्च स्तरीय पाठ्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही, बीएससी नर्सिंग, एम.फिल क्लीनिकल साइकोलॉजी, सायकेट्रिक सोशल वर्क, एमएससी मेंटल हेल्थ नर्सिंग और विभिन्न पैरामेडिकल कोर्सेज जैसे संबद्ध स्वास्थ्य कार्यक्रम इस संस्थान के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। यह वास्तव में एक समग्र स्वास्थ्य शिक्षा मॉडल है।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आज का दीक्षांत समारोह इस संस्थान का 11वाँ दीक्षांत समारोह तो है ही, साथ ही यह पहली बार है जब यह स्नातक, स्नातकोत्तर, नर्सिंग, पैरामेडिकल और एलाइड हेल्थ साइंसेज़ के सभी पाठ्यक्रमों के लिए एक साथ आयोजित किया जा रहा है।
मैं इस प्रयास की सराहना करता हूँ। यह एकीकृत आयोजन आज के चिकित्सा जगत की वास्तविकता को दर्शाता है, जहाँ डॉक्टर, नर्स, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता और पैरामेडिकल स्टाफ मिलकर एक टीम की तरह मरीज की सेवा करते हैं। यह सामूहिकता और एकजुटता की भावना को भी सुदृढ़ करता है।
देवियो और सज्जनो,
किसी भी राष्ट्र की उन्नति, समृद्धि और आत्मनिर्भरता का मूल आधार उसके नागरिकों का स्वास्थ्य होता है। जब देश का नागरिक स्वस्थ होता है, तभी वह अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन कर सकता है और राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में पूरी शक्ति से योगदान दे सकता है।
आज जब हम तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगति के नए आयाम छू रहे हैं, तब यह सुनिश्चित करना और भी जरूरी हो गया है कि देश के हर नागरिक को गुणवत्ता से परिपूर्ण, सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त हों। विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की पहुँच को सशक्त बनाना, एक समतामूलक और न्यायपूर्ण समाज की दिशा में हमारा महत्वपूर्ण कदम है।
चिकित्सा केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि यह मानवता की सेवा का सबसे पावन और श्रेष्ठ माध्यम है। डॉक्टरों, नर्सों, और अन्य चिकित्सा कर्मियों की सेवा केवल रोग निवारण तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह सामाजिक चेतना, विश्वास और मनोबल को भी पुनर्जीवित करती है।
डॉक्टर का कार्य न केवल व्यावसायिक जिम्मेदारी है, बल्कि यह समर्पण, त्याग और सेवा का प्रतीक भी है। डॉक्टरों को ‘धरती का भगवान’ कहा गया है। चाहे दिन हो या रात, पर्व हो या आपदा, डॉक्टर सदैव अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहते हैं। उनका कार्य केवल शरीर का उपचार नहीं होता, बल्कि वे जीवन को एक नई उम्मीद और ऊर्जा देते हैं।
एक डॉक्टर केवल बीमारियों का निदान नहीं करता; वह आशा का संचार करता है, विश्वास का निर्माण करता है, और जीवन के सबसे कठिन क्षणों में रोशनी की किरण बनकर उभरता है।
इसलिए, हम सबका कर्तव्य है कि इस महान पेशे के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करते हुए, चिकित्सा व्यवस्था को और अधिक मजबूत और संवेदनशील बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करें ताकि ‘‘सबका स्वास्थ्य, सबका विकास’’ का सपना वास्तव में साकार हो सके।
देवियो और सज्जनो,
हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में जो परिवर्तन हुए हैं, वे देश की प्राथमिकताओं और संकल्पों के प्रतीक हैं। वर्ष 2014 तक जहाँ देश में केवल 7 एम्स थे, वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 23 हो गई है जो उत्तम चिकित्सा सेवाओं के विस्तार की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
इसी तरह, 2014 में जहाँ 387 मेडिकल कॉलेज थे, अब 706 हो गए हैं जो 82 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। 118 प्रतिशत वृद्धि के साथ एमबीबीएस सीटें 51 हजार 348 से बढ़कर 1 लाख 12 हजार 112 हो गई हैं और 133 प्रतिशत वृद्धि के साथ पीजी सीटें 31 हजार 185 से बढ़कर 72 हजार 627 तक पहुंची हैं। इससे न केवल चिकित्सकों की संख्या बढ़ी है, बल्कि देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच भी सशक्त हुई है।
स्वास्थ्य बजट में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। 2014 में यह 33 हजार 278 करोड़ रूपये था, जो अब बढ़कर 90 हजार 958 करोड़ रूपये हो गया है जो 164 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। यह निवेश स्वास्थ्य अवसंरचना, अनुसंधान और नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
ये आँकड़े भारत को एक स्वस्थ, सशक्त और समावेशी राष्ट्र बनाने के हमारे साझा संकल्प का जीवंत प्रमाण हैं।
हमें गर्व है कि उत्तर भारत में चंडीगढ़ और पंजाब क्षेत्र में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य संस्थानों का एक मजबूत नेटवर्क मौजूद है। चंडीगढ़ स्थित पी.जी.आई. और उसका संगरूर सेटेलाइट सेंटर, जीएमसीएच 32, सेक्टर-16 का जनरल हॉस्पिटल, न्यू चंडीगढ़ का होमी भाभा कैंसर अस्पताल, बठिंडा स्थित एम्स, तथा फरीदकोट की बाबा फरीद यूनिवर्सिटी जैसे कई अन्य संस्थान जनस्वास्थ्य की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
इन सभी संस्थानों की समर्पित सेवाएं इस बात की गवाही देती हैं कि हमारे क्षेत्र ने एक सशक्त, सुलभ और समावेशी स्वास्थ्य ढांचे की दिशा में प्रशंसनीय प्रगति की है।
प्रिय विद्यार्थियो,
आप ऐसे समय में अपने करियर की शुरुआत कर रहे हैं जब चिकित्सा क्षेत्र में असाधारण परिवर्तन और चुनौतियाँ सामने हैं। हालिया वर्षों ने हमें यह स्पष्ट रूप से दिखाया है कि स्वास्थ्य सेवा न केवल राष्ट्रीय विकास, बल्कि आर्थिक स्थिरता और वैश्विक सहयोग का भी एक मूल स्तंभ है।
आयुष्मान भारत, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स, पीएम-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन, डिजिटल हेल्थ मिशन और मेडिकल-नर्सिंग कॉलेजों के निरंतर विस्तार जैसे प्रयास ‘यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज’ के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में अग्रसर हैं। लेकिन इन नीतियों की सफलता आप जैसे प्रोफेशनल्स पर ही निर्भर करती है, जो इन्हें जमीनी स्तर पर कार्यान्वित करेंगे।
आज चिकित्सा क्षेत्र को न केवल क्लिनिकल कौशल की आवश्यकता है, बल्कि संवेदनशीलता, नैतिक प्रतिबद्धता, सांस्कृतिक समझ और निरंतर सीखने की भूख की भी अत्यंत आवश्यकता है।
टेलीमेडिसिन, जेनोमिक्स, ए.आई. इन हेल्थकेयर, मेंटल हेल्थ अवेयरनेस और प्रिवेंटिव केयर के क्षेत्रों में हो रहे बदलावों के साथ, भविष्य रोमांचक तो है ही, लेकिन जटिल भी है। मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि इन बदलावों को खुले मन से स्वीकारें, नवीन ज्ञान के लिए सदैव जिज्ञासु रहें और अपनी जड़ों से जुड़े रहें।
मैं इस अवसर पर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, चंडीगढ़ के सभी शिक्षकों का भी आभार प्रकट करता हूँ। आप सभी की तपस्या, धैर्य और मार्गदर्शन ही इन विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की नींव है। साथ ही, उन सभी अभिभावकों और परिजनों को भी सलाम करता हूँ, जिनके बलिदान और सहयोग से यह सफलता संभव हुई।
प्रिय विद्यार्थियो,
आज आपके हाथ में जो डिग्रियाँ और पदक हैं, वे केवल प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारियाँ हैं। आप किसी गाँव में सेवा करें या किसी कॉर्पोरेट अस्पताल में, किसी सरकारी संस्थान में या अनुसंधान प्रयोगशाला में, हमेशा यह याद रखें कि मरीज का कल्याण ही आपका सर्वोच्च कर्तव्य है। अपने सेवा कार्य को ईमानदारी, विनम्रता और उच्चतम व्यावसायिक मानकों से सजाएँ।
अब हम अमृत काल में प्रवेश कर चुके हैं। यह वह महत्वपूर्ण कालखंड है, जब हम ‘विकसित भारत 2047’ की मैराथन यात्रा पर अग्रसर हैं, एक ऐसा भारत, जो अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी पर न केवल विकसित राष्ट्र बल्कि विश्वगुरु के रूप में स्थापित हो।
इस महान लक्ष्य को प्राप्त करना तभी संभव है, जब हमारा समाज, हमारा भारत स्वस्थ और सशक्त होगा। ‘‘फिट इंडिया’’ इस अभियान की नींव है, और यह नींव आपके निरंतर योगदान पर निर्भर करती है।
देश तभी फिट और सशक्त बन सकेगा, जब आप अपनी निष्ठा, करुणा और 24x7 समर्पण के साथ देशवासियों को स्वास्थ्य का संरक्षण प्रदान करते रहेंगे। आपके परिश्रम, आपकी सेवा और आपके द्वारा दिया गया भरोसा ही इस मिशन को सफलता की ओर ले जाएगा।
आपका हर प्रयास न केवल किसी एक रोगी को जीवन देता है, बल्कि पूरे राष्ट्र के भविष्य को ऊर्जा, स्थायित्व और आत्मनिर्भरता देता है। यही भावना हमें 2047 तक एक स्वस्थ, समृद्ध और विकसित भारत की ओर ले जाएगी।
समापन से पूर्व, मैं आपको एक विचार देना चाहता हूँ: ‘‘ज्ञान का उद्देश्य केवल दक्षता नहीं, करुणा भी है।’’
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में यह विशेष रूप से सत्य है। मैं कामना करता हूँ कि आपका करियर केवल सफलता से नहीं, बल्कि सार्थक प्रभाव से परिपूर्ण हो।
एक बार पुनः आप सभी विद्यार्थियों को मेरी हार्दिक बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ। आशा है कि आप गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, चंडीगढ़ की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाएंगे और देश की सेवा में गौरवपूर्ण भूमिका निभाएँगे।
धन्यवाद,
जय हिन्द!