SPEECH OF PUNJAB GOVERNOR AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF ANNUAL ACADEMIC DAY OF YPS MOHALI ON OCTOBER 7, 2025.

यादविंद्रा पब्लिक स्कूल के वार्षिक शैक्षिक दिवस के अवसर पर

राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 07.10.2025, मंगलवार

समयः शाम 4:00 बजे

स्थानः मोहाली

नमस्कार!

मैं आज यादविंद्रा पब्लिक स्कूल, मोहाली के वार्षिक शैक्षिक दिवस के अवसर पर आप सबके बीच उपस्थित होकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। विद्यालय का यह उत्सव विद्यार्थियों की प्रतिभा, उनके परिश्रम और उनके सपनों का उत्सव है।

सर्वप्रथम, मैं आज इस अवसर पर शैक्षणिक सत्र 2024-25 की बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 10वीं और 12वीं कक्षा के सम्मानित सभी 12 मेधावी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ। मैं कामना करता हूँ कि आप इसी तरह आगे भी अपनी प्रतिभा, जिज्ञासा और निष्ठा के बल पर नई ऊँचाइयों को छूते रहें। 

आपकी यह उपलब्धि न केवल आपके व्यक्तिगत परिश्रम और समर्पण का परिणाम है, बल्कि उस प्रेरक शैक्षिक वातावरण का भी प्रमाण है, जो इस स्कूल ने वर्षों से निर्मित किया है। 25 एकड़ में फैला यह स्कूल, अपनी गौरवशाली परंपरा और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के कारण, पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे देश में ज्ञान, मूल्यों और सर्वांगीण विकास का प्रकाशस्तंभ बना हुआ है।

स्वर्गीय मोहिंदर कौर जी ने इस स्कूल की स्थापना 9 अप्रैल, 1979 को महाराज अधिराज यादविंद्र सिंह जी के नाम पर की थी। वर्तमान में, इस स्कूल को कैप्टन एच.एच. महाराजा अमरिंदर सिंह जी और मालविंदर सिंह जी का संरक्षण प्राप्त है।

इस स्कूल का उद्देश्य - ‘‘विद्या, विनय, वीरता’’ - केवल शब्दों में ही नहीं, बल्कि इसकी शिक्षण संस्कृति के प्रत्येक अंग में समाहित है। हर्ष का विषय है कि यह विद्यालय विद्यार्थियों को शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ गरिमा, उत्तरदायित्व और समाजसेवा के योग्य जीवन जीने के लिए तैयार करता आया है।

देवियो और सज्जनो,

इस महान प्रदेश का राज्यपाल होने के नाते मुझे गर्व है कि वाई.पी.एस. मोहाली जैसे विद्यालय पंजाब में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के आदर्श बने हुए हैं। आज जब शिक्षा केवल पाठ्यपुस्तकों और परीक्षाओं तक सीमित नहीं है, यह विद्यालय बच्चों को सोचने-समझने, संवेदनशील और रचनात्मक बनाकर समाज के सशक्त नागरिक के रूप में तैयार कर रहा है।

पंजाब अपनी वीरता, धैर्य और उद्यमशीलता के लिए जाना जाता है। वाई.पी.एस. जैसे विद्यालय यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह भावना नई पीढ़ी में भी सशक्त रूप से विकसित हो और वे बदलती दुनिया की चुनौतियों का साहस और आत्मविश्वास के साथ सामना कर सकें।

वर्षों से वाई.पी.एस. मोहाली ने न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में, बल्कि खेल, कला, संस्कृति और नेतृत्व के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को तैयार किया है।

मुझे बताया गया है कि यहाँ के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में श्रेष्ठता प्राप्त की है, खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, पर्वतारोहण और साहसिक गतिविधियों में विजय पाई है, और सांस्कृतिक मंचों पर भी अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। इस विद्यालय के पूर्व छात्र आज लोकसेवा, व्यवसाय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रचनात्मक कला जैसे विविध क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान बना रहे हैं।

जानकर प्रसन्नता हुई कि यहां अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप एक उन्नत और आधुनिक खेल परिसर भी है। सह-पाठ्यचर्या गतिविधियाँ, शौक, दृश्य और प्रदर्शन कलाएँ, ट्रेकिंग और पर्यटन और सामुदायिक सेवा भी पाठ्यक्रम का एक सक्रिय और अभिन्न अंग हैं।

इसके अलावा, स्कूल में खेलों पर विशेष जोर देते हुए विश्व स्तरीय खेल अवसंरचना का निर्माण किया गया है जहां अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। यह लगभग 14 विभिन्न खेलों से संबंधित खेल सुविधाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।

स्कूल ने बोर्ड परीक्षाओं में लगातार उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त किए हैं और इसके पूर्व छात्र उच्च सैन्य अधिकारी, आई.ए.एस., आई.पी.एस. और खेल सहित विभिन्न पेशेवर क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर चुके हैं। वाईपीएस, मोहाली को शिक्षा के क्षेत्र में पंजाब में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है और पिछले 8 वर्षों से यह स्थान बरकरार है। एजुकेशन वर्ल्ड इंडिया स्कूल रैंकिंग में भी वर्ष 2025-26 के लिए यह संस्थान सह-शिक्षा डे-कम-बोर्डिंग श्रेणी में अखिल भारतीय स्तर पर पाँचवें स्थान पर है।

कुल मिलाकर, वाई.पी.एस. एक सर्व-समावेशी शिक्षा प्रणाली को सक्षम बनाता है, जो छात्रों की मजबूत नींव और चरित्र निर्माण के लिए एक समग्र वातावरण प्रदान करता है।

देवियो और सज्जनो,

भविष्य नए अवसरों और चुनौतियों से भरा है। आज के विद्यार्थी ऐसे समय में बड़े हो रहे हैं, जहाँ कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सतत विकास, दुनिया से जुड़ाव और समाज के प्रति जिम्मेदारी उनके जीवन को आकार देंगे।

मुझे पूरा विश्वास है कि वाई.पी.एस. मोहाली इस दिशा में अग्रणी रहेगा। यहाँ विद्यार्थी तकनीक का सही उपयोग करना सीखेंगे, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग के लिए तैयार होंगे, लेकिन मानवीय मूल्यों को कभी नहीं भूलेंगे। 

मैं इस बात के लिए भी आश्वस्त हूं कि यहाँ से शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी सिर्फ अपने परिवार का भविष्य ही नहीं, बल्कि पंजाब की विरासत और भारत के उज्ज्वल भविष्य के संरक्षक बनकर भी समाज में योगदान देंगे।

मेरे प्यारे विद्यार्थियो,

शिक्षा केवल अंकों या परीक्षाओं का परिणाम नहीं है। शिक्षा वह शक्ति है जो व्यक्ति में सोचने, निर्णय लेने और सही मार्ग चुनने की क्षमता विकसित करती है। 

स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था, “शिक्षा वह है जिससे चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विस्तार हो और जिससे व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा हो सके।” इसलिए सच्ची शिक्षा वही है जो व्यक्ति को आत्मनिर्भर, सशक्त और संवेदनशील बनाए।

जीवन की राह में चुनौतियाँ आएँगी, कभी-कभी असफलताएँ भी मिलेंगी, पर याद रखिए, असफलता कोई अंत नहीं है, वह सफलता की पहली सीढ़ी है। “जो गिरकर भी संभल जाए, वही सच्चा विजेता है।” 

देवियो और सज्जनो,

आज भारत शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग की ओर बढ़ रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने शिक्षा को केवल परीक्षा और डिग्री का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन कौशल और नवाचार का केंद्र बनाया है। अब शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी नहीं, बल्कि नवाचार, उद्यमिता और आत्मनिर्भरता है।

आज का युग Artificial Intelligence, Robotics, Space Research जैसी तकनीक का युग है। भारत आज न केवल एक प्राचीन सभ्यता और सांस्कृतिक धरोहर वाला देश है, बल्कि आर्थिक, तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टि से भी विश्व के अग्रणी देशों में अपना स्थान बना चुका है। 

हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से विकसित हो रही है, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में हमारे योगदान की पहचान हो रही है, और वैश्विक मंच पर भारत की आवाज़ और प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। हम शिक्षा, नवाचार, स्टार्टअप्स, हरित ऊर्जा और डिजिटल क्षेत्रों में नए मानक स्थापित कर रहे हैं। यही कारण है कि आज भारत विश्व के शीर्ष देशों में अपनी शक्ति, प्रतिभा और नेतृत्व के लिए सम्मानित है।

प्रिय विद्यार्थियो,

याद रखिए, “सपने वो नहीं जो सोते हुए देखे जाते हैं, सपने वो हैं जो आपको सोने नहीं देते।” अपने सपनों को जीने का साहस रखिए। अपने लक्ष्य तय कीजिए, कड़ी मेहनत कीजिए और कभी हार मत मानिए। आपकी सफलता केवल आपकी नहीं होगी, वह आपके माता-पिता, शिक्षकों और पूरे देश की सफलता होगी।

यह भी याद रखिए कि शिक्षा केवल अंक प्राप्त करने तक सीमित नहीं है। यह चरित्र निर्माण, जिज्ञासा और करुणा के विकास का नाम है। जब आप वाई.पी.एस. में आकर अपने जीवन के सफ़र की नई शुरुआत करते हो, तो उन मूल्यों को आत्मसात करो जो यह महान संस्था आपको देती है।

आपका ज्ञान केवल व्यक्तिगत सफलता तक सीमित न रहे, बल्कि समाज के विकास के लिए भी उपयोगी बने। आपका साहस केवल अपने अधिकारों की रक्षा तक सीमित न रहे, बल्कि निर्बल और असहाय के अधिकारों की रक्षा भी करे और आपकी विनम्रता यह सुनिश्चित करे कि चाहे आप कितनी भी ऊँचाई प्राप्त कर लें, आप दूसरों के प्रति हमेशा नेक और सच्चे बने रहें ।

अंत में, मैं वाई.पी.एस. मोहाली के डायरेक्टर, अध्यापकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों को उनकी अथक मेहनत और उपलब्धियों के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ। इस संस्था की परंपरा मुझे आश्वस्त करती है कि पंजाब का भविष्य सुरक्षित और सक्षम हाथों में है।

देवियो और सज्जनो,

पंजाब की धरती सदैव वीरता, परिश्रम और संस्कार की प्रतीक रही है। यह केवल मिट्टी का नहीं, बल्कि संघर्ष, आत्मविश्वास और साहस का पर्याय है। यहाँ के युवाओं ने शिक्षा, खेल, विज्ञान, कला, उद्योग और रक्षा के प्रत्येक क्षेत्र में अपने अद्वितीय कौशल और मेहनत से जो पहचान बनाई है, वह पूरे देश के लिए गर्व का कारण है। 

पंजाब में स्वतंत्रता के बाद देश के युवाओं को रक्षा, खेल, सिविल तथा पुलिस प्रशासन जैसे राष्ट्रसेवा के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए तैयार करने के उद्देश्य से कुछ स्कूल स्थापित किए गए थे। इनमें वर्ष 1960 में स्थापित पंजाब पब्लिक स्कूल, नाभा, वर्ष 1908 में स्थापित सैनिक स्कूल, कपूरथला, और वर्ष 1948 में स्थापित यादविंद्रा पब्लिक स्कूल, पटियाला प्रमुख हैं। 

इन स्कूलों ने दशकों तक अपने अनुशासन, उत्कृष्ट शिक्षण व्यवस्था और राष्ट्रीय चेतना से अनगिनत युवाओं को ऐसा मार्ग दिखाया, जिसने उन्हें राष्ट्र के गौरव का आधार बनने योग्य बनाया।

लेकिन, मुझे यह कहते हुए कुछ खेद होता है कि आज ये स्कूल भी धीरे-धीरे अकादमिक प्रतिस्पर्धा की दौड़ में शामिल होते जा रहे हैं, और सर्वांगीण विकास और राष्ट्रसेवी चरित्र निर्माण के अपने मूल उद्देश्य से कुछ हद तक दूर होते दिख रहे हैं।

मेरा मानना है कि इन प्रतिष्ठित स्कूलों को अपने मूल आदर्शों और परंपराओं की ओर पुनः लौटना चाहिए। इन संस्थानों को पहले की भाँति खेलों, शारीरिक प्रशिक्षण, जीवन-कौशल विकास, और नेतृत्व प्रशिक्षण पर विशेष बल देना चाहिए ताकि यहाँ से ऐसे युवा तैयार हों जो न केवल उत्कृष्ट विद्यार्थी हों, बल्कि सक्षम सैन्य अधिकारी, निष्ठावान प्रशासक, और देश के गौरवशाली खिलाड़ी बनकर उभरें।

इसी दिशा में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 हमारे लिए एक प्रेरणादायक मार्गदर्शक है। यह नीति शिक्षा को केवल अंकों और परीक्षाओं तक सीमित न रखकर, विद्यार्थियों के सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास, रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और कौशल-आधारित अधिगम पर बल देती है। एनईपी 2020 का उद्देश्य ऐसे नागरिक तैयार करना है जो न केवल अपने पेशे में उत्कृष्ट हों, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति उत्तरदायी भी हों।

राज्यपाल के रूप में, मैं यादविंद्रा पब्लिक स्कूल, मोहाली को अपनी संपूर्ण शुभकामनाएँ और प्रोत्साहन देता हूँ कि यह निरंतर उत्कृष्टता की ओर अग्रसर रहे। मुझे विश्वास है कि यादविंद्रा पब्लिक स्कूल के विद्यार्थी आने वाले समय में विकसित भारत 2047 के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएँगे।

धन्यवाद,

जय हिन्द!