SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASSION OF 55TH CONVOCATION OF PAAWAN PRAKAT DIVAS OF PUNJAB ENGINEERING COLLEGE AT CHANDIGARH ON OCTOBER 18, 2025
- by Admin
- 2025-10-18 13:45
पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के 55वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर
राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन
दिनांकः 18.10.2025, शनिवार
समयः सुबह 10:00 बजे
स्थानः चंडीगढ़
नमस्कार!
आज पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पैक) के 55वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। सबसे पहले, मैं पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के पूरे परिवार, यानी छात्रों, पूर्व छात्रों, संकाय, स्टाफ और प्रशासन को हार्दिक बधाई देता हूँ। आपकी निष्ठा और सामूहिक प्रयासों से यह संस्थान आज शिक्षा, शोध और नवाचार का वैश्विक केंद्र बन चुका है।
मुझे बताया गया है कि आज के इस दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों के विद्यार्थियों को एक मानद उपाधि तथा 24 पदक प्रदान किए जाएंगे।
पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज की 100 वर्षों से भी अधिक लंबी गौरवमयी यात्रा अपने आप में एक प्रेरक गाथा है। इसकी नींव 1921 में लाहौर के मुग़लपुरा में पड़ी और तब से लेकर आज तक यह संस्थान ज्ञान और नवाचार की अलख जगाता रहा है।
1953 में यह चंडीगढ़ का पहला अकादमिक संस्थान बना और 2003 में ‘डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी’ का दर्जा प्राप्त कर इसने उच्च तकनीकी शिक्षा में एक नया आयाम जोड़ा। इस संस्थान के कई प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में शानदार योगदान दिया है, जैसेः-
- डॉ कल्पना चावला, 1982 में यहाँ से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। कल्पना चावला, अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं। उनके ये शब्द हम सभी को हमेशा प्रेरित करते हैं, “सपनों से सफलता तक की राह, मौजूद है। आप में उसे ढूंढने का दृष्टिकोण, उस पर चलने का साहस और उसे पूरा करने का धैर्य होना चाहिए।”
- पद्मभूषण प्रो. सतीश चंद्र धवन, जो कि भारतीय अंतरिक्ष आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भारत में एक्सपेरिमेंटल फ्लुइड डायनामिक्स रिसर्च के जनक माने जाते हैं; प्रो. आर.एन. डोगरा, जो कि आई.आई.टी. दिल्ली के संस्थापक निदेशक बने; और प्रख्यात हास्य कलाकार पद्मभूषण श्री जसपाल भट्टी जी, जिन्होंने हास्य जगत को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया।
हाल ही में इन महान विभूतियों की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए उनकी प्रतिमाओं का अनावरण किया गया, जो आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करेंगी।
यह जानकर, मुझे अत्यंत ख़ुशी का अनुभव हो रहा है, कि पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज अपने रिसर्च और अकादमिक कार्यक्रमों को भारत सरकार द्वारा रेखांकित की गईं प्रमुख योजनाओं जैसे, विकसित भारत 2047, मेक इन इंडिया और डिजिटल भारत इत्यादि के साथ जोड़ रहा है।
भारत सरकार ने भारतीय मोबाइल कांग्रेस के उद्घाटन समारोह के माध्यम से पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ को 5जी यूज़ केस लैब से सम्मानित किया। 5जी यूज़ केस लैब” भारत सरकार के दूरसंचार विभाग की एक पहल है। इन लैब्स का उद्देश्य है कि उच्च शैक्षणिक संस्थानों में 5जी नेटवर्क और उससे जुड़ी तकनीकों पर नवाचार, अनुसंधान और प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जाए।
अभी हाल ही में, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ ने एक और उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। कॉलेज ने पूरे देश के 100 “5जी यूज़ केस लैब्स” में प्रथम स्थान प्राप्त कर नया इतिहास रचा है।
इसी शृंखला में आगे बढ़ते हुए, भारत सरकार के सेमीकंडक्टर मिशन के तहत, सम्पूर्ण राष्ट्र में 31 Cohorts चयनित किये गए है जिसमें पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज को भी शामिल किया गया है। (Cohorts का अर्थ- उन प्रमुख संस्थानों के समूह से है, जिन्हें सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रशिक्षण, अनुसंधान तथा नवाचार के कार्य हेतु चयनित किया गया है। )
मैं यहाँ के प्राध्यापकों द्वारा पिछले एक साल में भारत सरकार के D.R.D.O. और मिनिस्ट्री ऑफ़ एलेक्ट्रॉनिकस एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से स्पॉन्सर्ड कई प्रोजेक्ट्स, रिसर्च और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लाने के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ।
मैं पैक की फैकल्टी मेंबर डॉ. शिमी एस.एल. को, पिछले साल शिक्षक दिवस के अवसर पर भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 से सम्मानित किये जाने पर बधाई देता हूँ।
यह अत्यंत ही हर्ष और गर्व का विषय है कि यहाँ के 3 फैकल्टी मेंबर्स प्रो. अलाकेश मन्ना, डॉ. कमल कुमार और डॉ. सिमरनजीत सिंह ने विश्व के टॉप 2 प्रतिशत साइंटिस्ट की रैंकिंग में अपना नाम दर्ज़ करवा कर संस्थान का नाम रोशन किया है।
हाल ही में, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने 06 जून, 2025 को पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह पॉवरग्रिड के कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी पहल के तहत पैक में ‘‘पॉवरग्रिड सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’’ की स्थापना के लिए हुआ। करीब 17 करोड़ 19 लाख 26 हजार रुपये की अनुमानित लागत से स्थापित होने वाला यह केंद्र छात्रों के लिए सीखने के नए द्वार खोलेगा।
इससे रिसर्च स्कॉलर्स और फैकल्टी को पावर और एनर्जी सेक्टर में अनुसंधान को और मजबूत करने में मदद मिलेगी। यह सुविधा विशेष रूप से पैक के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम को और अधिक व्यावहारिक व औद्योगिक प्रासंगिकता देने के लिए तैयार की गई है। इसमें न्यूमेरिकल रिले, फेज़र मेजरमेंट यूनिट्स (पीएमयू), इन्वर्टर, साइबर सुरक्षा, ई-मोबिलिटी, कंट्रोलर लैब जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी, जो रियल-टाइम सिमुलेशन के माध्यम से प्रशिक्षण व प्रदर्शन में मदद करेंगी।
इसी शृंखला में गौरव और उपलब्धि का एक नया अध्याय जोड़ते हुए, विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह 2025 में पैक को प्रमोशन ऑफ़ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस ग्रांट के तहत लगभग 7.5 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है।
रिसर्च और नवाचार के क्षेत्र में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के 3 छात्रों ने गेट एग्जाम में टॉप रैंक्स प्राप्त किये हैं। यहीं के एन.सी.सी. बैच के छात्र गगनदीप सिंह ने इंडियन आर्मी में लेफ्टनेंट का पद हासिल किया है। इसी के साथ एन.सी.सी. बैच के छात्र मनप्रीत सिंह ने इंडियन नेवी में अपनी जगह बनाई है।
यहीं के रिसर्च स्कॉलर डॉ दीपक सैनी ने एक ऐसा वेब एप्लीकेशन तैयार किया है, जो कि मोबाइल के ज़रिये ये बता देगा, कि बीमारी के किस स्टेज पर, किस तरह के इलाज की ज़रुरत है।
खेलों के क्षेत्र में भी कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग की छात्रा नानकी को साइकिलिंग में चेतन चौहान अवार्ड से सम्मानित किये जाने के लिए मैं इन्हें तहेदिल दिल से बधाई देता हूँ।
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के भवतेग़ सिंह गिल ने 67वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में 3 गोल्ड मैडल और एक सिल्वर मैडल हासिल किया। इसी शृंखला में, 7वीं स्मार्ट इंडिया Hackathon 2024 में पैक की दो टीमों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए दो लाख रुपये का पुरस्कार प्राप्त किया। Hackathon देशव्यापी नवाचार एवं प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता है, जिसमें प्रतिभागी लगातार 36 घंटे तक वास्तविक समस्याओं के तकनीकी समाधान प्रस्तुत करते हैं।
प्रिय विद्यार्थियो,
आज जब मैं देश के सबसे पुराने संस्थानों में से एक, ऐसे अत्यधिक प्रतिष्ठित पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के 55वें दीक्षांत समारोह में उपस्थित हूं, तो मैं उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देता हूं।
मैं पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राध्यापकों और यहां की पूरी टीम को भी बधाई देता हूं, जिनकी कड़ी मेहनत के फलस्वरूप आज आप अपने लक्ष्य को हासिल कर पाए हैं।
देवियो और सज्जनो,
हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब विज्ञान और तकनीक तीव्र गति से बदल रहे हैं। समाज, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के सामने अनेक चुनौतियाँ हैं। इसलिए सीखने की प्रक्रिया कभी न रोकें। नवीनतम तकनीकों से अवगत रहें और अपने कौशल को लगातार अपडेट करते रहें। जैसा कि कहा गया है “जब युवा आगे बढ़ते हैं, तो वे अकेले नहीं बढ़ते, बल्कि अपने साथ पूरे देश और समाज को आगे ले जाते हैं।”
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जो स्वयं एक महान वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति रहे, उन्होंने कहा था -
“एक इंजीनियर वह होता है जो विज्ञान के सिद्धांतों को वास्तविकता में रूपांतरित करता है और इंजीनियरिंग में नवाचार और सेवा का समन्वय होता है।”
भारत के विकास पथ पर इंजीनियरों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। भारत के प्रख्यात अभियंता एवं ‘मेट्रो मैन’ के रूप में विख्यात ई. श्रीधरन के विचार हमें प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा था -
‘‘कार्य संस्कृति के चार स्तंभ हैं - समय की पाबंदी, ईमानदारी, व्यावसायिक दक्षता और सामाजिक उत्तरदायित्व। अगर आप इंजीनियर हैं, तो आप केवल मशीनें नहीं बनाते - आप देश का भविष्य बनाते हैं। इंजीनियरिंग सिर्फ एक पेशा नहीं, यह जिम्मेदारी है - समाज को बेहतर बनाने की।’’
हम सब भली-भाँति जानते हैं कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति का वास्तविक मापदंड उसकी शिक्षा व्यवस्था होती है। शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि यह मनुष्य के विचार, व्यवहार, चरित्र और राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करती है।
इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की है, जो हमारी शिक्षा प्रणाली में एक ऐतिहासिक और व्यापक सुधार का प्रतीक है। यह नीति भारतीय संस्कृति और आधुनिकता, दोनों के समन्वय का एक सशक्त उदाहरण है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त किया है, जहाँ बहुविषयक शिक्षा, लचीले पाठ्यक्रम, अनुसंधान आधारित अध्ययन, और समग्र विकास पर बल दिया गया है।
इंजीनियरिंग जैसे तकनीकी क्षेत्रों में भी अब कला, मानविकी, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान के साथ एकीकृत शिक्षा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे विद्यार्थी न केवल कुशल इंजीनियर बनें, बल्कि समझदार नागरिक और संवेदनशील नेतृत्वकर्ता भी बनें।
प्यारे विद्यार्थियो,
जब हम भारत के विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य, 2047 की बात करते हैं, तो यह केवल सरकारों या नीतियों का नहीं, बल्कि हर नागरिक के योगदान का संकल्प है। इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की इसमें विशेष भूमिका है, क्योंकि वही नई तकनीक, नई ऊर्जा और नई संभावनाएँ लेकर आते हैं।
आज जब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए.आई), रोबोटिक्स, और डिजिटल प्रौद्योगिकी तेजी से जीवन बदल रहे हैं, तब मानवता के मूल्य और भी अधिक आवश्यक हो गए हैं। आपका ज्ञान तभी सार्थक होगा जब उसमें करुणा और नैतिकता का समावेश होगा।
प्रिय स्नातको,
मैं आपको न केवल उज्ज्वल करियर, बल्कि सार्थक जीवन की भी शुभकामनाएँ देता हूँ। आप इस दुनिया को अधिक मानवीय, अधिक प्रगतिशील और अधिक सौहार्दपूर्ण बना सकते हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आने वाले सौ वर्षों में भी पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज नवाचार, शोध और उत्कृष्टता के नए आयाम स्थापित करता रहेगा।
आप सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ, तथा दीपावली के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
धन्यवाद,
जय हिन्द!