SPEECH OF PUNJAB GOVERNOR AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF 2ND SESSION OF MANAGING BODY & ANNUAL GENERAL MEETING OF INDIAN RED CROSS SOCIETY, PUNJAB STATE BRANCH AT CHANDIGARH ON OCTOBER 15, 2025.
- by Admin
- 2025-10-15 19:00
पंजाब रेड क्रॉस की वार्षिक आम बैठक के अवसर पर राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधनदिनांकः 15.10.2025, बुधवार समयः दोपहर 2:30 बजे स्थानः पंजाब राजभवन
नमस्कार!
यह हम सबके लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि आज हम भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, पंजाब राज्य शाखा तथा उससे सम्बद्ध संस्थाओं, जैसे सेंट जॉन एम्बुलेंस एंड हॉस्पिटल वेलफेयर सेक्शन की 51वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन कर रहे हैं।
मैं आप सभी को बधाई देता हूँ कि आप विश्व की सबसे बड़ी मानवीय सेवा संस्था, रेड क्रॉस का हिस्सा हैं, जिसका मूल उद्देश्य किसी जाति, धर्म, वर्ग या पंथ के किसी भी भेदभाव के बिना मानवता की पीड़ा को कम करना।
यद्यपि रेड क्रॉस की स्थापना उन्नीसवीं शताब्दी के अंत में हेनरी डुनेंट द्वारा की गई थी, परंतु पंजाब की भूमि पर भाई घनैया जी ने दो सौ वर्ष पहले ही हमें निष्काम सेवा का सर्वोच्च उदाहरण दिया था, जहाँ उन्होंने मित्र और शत्रु, दोनों में कोई भेद नहीं किया।
इसी निःस्वार्थ सेवा की गौरवशाली परंपरा, जिसकी शुरुआत रेड क्रॉस की स्थापना से भी लगभग दो शताब्दियाँ पूर्व हुई थी, आज भी पंजाब रेड क्रॉस के कार्यों की मूल प्रेरणा बनी हुई है। और इस पावन उदाहरण से प्रेरित होकर, हमें स्वयं को पुनः मानवता की सेवा के लिए समर्पित करने की आवश्यकता है।
इससे पहले हमने प्रबंधन समिति की बैठक में स्टेट रेड क्रॉस की गतिविधियों की समीक्षा की है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अन्य सभी मानवीय सेवाओं के साथ-साथ, राज्य शाखा ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में पारदर्शी, प्रभावी और दक्ष ‘फर्स्ट एड ट्रेनिंग’ प्रणाली शुरू की है, जिसकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर की गई है और जिसे अब देश के अन्य राज्यों में भी अपनाया जा रहा है।
पंजाब रेड क्रॉस पी.जी.आई. और अन्य सरकारी अस्पतालों में गरीब मरीजों को प्रतिवर्ष लाखों रुपये की निःशुल्क दवाइयाँ उपलब्ध करवा रही है।
इसके अतिरिक्त, राज्यभर में चल रहे इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटरों के माध्यम से नशा मुक्ति और पुनर्वास के क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य किया जा रहा है। नशे के दुष्प्रभावों से लोगों को जागरूक करने और उन्हें इस बुराई से दूर रखने के लिए राज्य स्तर पर एक विशाल जन-जागरूकता अभियान चलाया गया है।
मैंने स्वयं जालंधर, गुरदासपुर और अमृतसर जिलों में हजारों लोगों के साथ “युद्ध नशों के विरुद्ध” पदयात्राओं में भाग लिया। जब मैं डेरा बाबा नानक से जलियांवाला बाग, अमृतसर तक की पदयात्रा का नेतृत्व कर रहा था, तो ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएँ आगे आकर कह रही थीं कि “राज्यपाल साहब, आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, कृपया हमारे बच्चों की जान इन घातक नशों से बचाइए।” उनकी ये बातें मेरे मन को गहराई से छू गईं।
इस वर्ष आई भयंकर बाढ़ के दौरान, पंजाब रेड क्रॉस ने अद्भुत तत्परता और संवेदनशीलता का परिचय दिया। राज्य मुख्यालय से डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की राहत सामग्री, जैसे टेंट, तिरपाल, किचन सेट, राशन, नौकाएँ, फॉगिंग मशीनें, बिस्तर, कपड़े, पशु-चारा आदि सबसे प्रभावित जिलों में भेजी गई।
रेड क्रॉस की टीमों ने स्वयं ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँचकर जरूरतमंद परिवारों को घरेलू उपयोग की सामग्री और महिलाओं को मासिक स्वास्थ्य किट वितरित कीं।
अब जब पानी उतर चुका है, तो पुनर्वास का एक कठिन कार्य हमारे सामने है। इस कार्य में जिला रेड क्रॉस शाखाओं, जो डिप्टी कमिश्नरों के नेतृत्व में कार्य कर रही हैं, की सहायता हेतु आज हम बाढ़ प्रभावित जिलों को 51 लाख रुपये की राशि प्रदान कर रहे हैं।
आज हम उन सभी जिला शाखाओं, पुलिस जिलों, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, पॉलिटेक्निक संस्थानों, आई.टी.आई. और विद्यालयों को सम्मानित कर रहे हैं जिन्होंने रेड क्रॉस फ्लैग्स बेचकर और यूथ रेड क्रॉस शेयर जमा कराकर रेड क्रॉस की विभिन्न गतिविधियों के लिए उल्लेखनीय धनराशि एकत्र की है।
हम आर.ई.सी. फाउंडेशन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं को भी उनके कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सी.एस.आर.) सहयोग के लिए सम्मानित कर रहे हैं।
आज हम उन रक्तदाताओं को भी सम्मानित कर रहे हैं जिन्होंने 100 से अधिक बार रक्तदान किया है, जो मानवता की सच्ची सेवा का सर्वोच्च उदाहरण है।
इसी प्रकार, हम उन डिप्टी कमिश्नरों को भी सम्मानित कर रहे हैं जिन्होंने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से रेड क्रॉस के कार्यों में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
जो समाजसेवी और स्वयंसेवक विभिन्न जिलों में उत्कृष्ट सामाजिक सेवा कर रहे हैं, वे भी आज हमारे सम्मानित अतिथियों में शामिल हैं।
मैं उन सभी को हार्दिक बधाई देता हूँ और कामना करता हूँ कि उनके प्रयास दूसरों के लिए प्रेरणा बनें।
मैं आप सभी से अपील करता हूँ कि रेड क्रॉस की गतिविधियों को गाँव-गाँव, मोहल्ले-मोहल्ले तक पहुँचाएँ, और इसे एक जन-आंदोलन का स्वरूप दें।
अंत में, मैं विशेष रूप से यह कहना चाहता हूँ कि हमारे “कैच देम यंग” के सिद्धांत के अनुसार, हमें स्कूल और कॉलेजों के युवा विद्यार्थियों को यूथ रेड क्रॉस और जूनियर रेड क्रॉस से जोड़ना चाहिए, ताकि वे आगे चलकर संवेदनशील, जिम्मेदार और करुणामय नागरिक बन सकें।
आप सभी का आज यहाँ आने और इस अवसर को गरिमा प्रदान करने के लिए मैं धन्यवाद देता हूँ।
मैं आप सबको शुभकामनाएँ देता हूँ कि आप सच्चे रेड क्रॉस स्वयंसेवक के रूप में मानवता की सेवा में सदैव अग्रणी रहें।
धन्यवाद,
जय हिंद!