SPEECH OF PUNJAB GOVERNOR AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF RAISING DAY OF CHANDIGARH POLICE AT CHANDIGARH ON NOVEMBER 6, 2025.

चंडीगढ़ पुलिस के 59वें स्थापना दिवस परेड के अवसर पर

राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधन

दिनांकः 06.11.2025, गुरूवारसमयः सुबह 9:00 बजेस्थानः चंडीगढ़

         

नमस्कार!

मुझे आज चंडीगढ़ पुलिस के 59वें स्थापना दिवस परेड के इस भव्य आयोजन में सम्मिलित होकर अत्यंत प्रसन्नता और गर्व का अनुभव हो रहा है। यह अवसर केवल चंडीगढ़ पुलिस के उत्कृष्ट समर्पण और परिश्रम का उत्सव नहीं है, बल्कि शहर के नागरिकों और प्रशासन के बीच गहरी साझेदारी और विश्वास का भी प्रतीक है।

देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की उस महान कल्पना के अनुरूप, चंडीगढ़ शहर आज पूरी दुनिया में “सिटी ब्यूटीफुल” के रूप में विख्यात है और इस शहर की उस गरिमा, अनुशासन और सौंदर्य को बनाए रखने में चंडीगढ़ पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है।

 

जब शहर के महान योजनाकार ली-कार्बूज़ियर ने इसकी योजना बनाई थी, तब उन्होंने केवल 5 लाख लोगों के लिए एक आदर्श नगर की परिकल्पना की थी। परंतु आज चंडीगढ़ की जनसंख्या 10 लाख से अधिक हो चुकी है। इस बढ़ती आबादी और बदलती शहरी आवश्यकताओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने अपने बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया है और कुशल यातायात प्रबंधन, तकनीकी सशक्तिकरण, तथा सुरक्षा उपायों के आधुनिकीकरण की दिशा में कई उल्लेखनीय कदम उठाए हैं।

स्थापना के समय चंडीगढ़ पुलिस बल की कुल संख्या मात्र 1 हजार 6 सौ 43 थी, जबकि आज यह संख्या बढ़कर 6 हजार से अधिक हो चुकी है, जो इस संस्था की निरंतर प्रगति, समर्पण और विस्तार का प्रतीक है।

वर्ष 1966 में स्थापना के बाद से ही चंडीगढ़ पुलिस ने अपने कर्तव्यनिष्ठा, निष्पक्षता और व्यावसायिक उत्कृष्टता के कारण एक ऐसी ख्याति अर्जित की है जो पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है। यह बल आज न केवल कानून-व्यवस्था का संवाहक है, बल्कि विश्वास, सुरक्षा और सेवा भावना का प्रतीक भी बन चुका है।

“We Care For You”के आदर्श वाक्य को जीवन्त रखते हुए, चंडीगढ़ पुलिस ने नागरिकों की सुरक्षा, कल्याण और सेवा को सदैव सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। कानून व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, महिला और बाल सुरक्षा, साइबर अपराध नियंत्रण, नशा मुक्ति, और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में इस बल की उपलब्धियां अनुकरणीय हैं।

मुझे विशेष प्रसन्नता है कि हमारे पुलिस विभाग ने अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। मैं कुछ प्रमुख पहलों पर प्रकाश डालना चाहूँगा।

जैसा कि मैंने पूर्व में उल्लेख किया था, पुलिसकर्मियों को उनकी लंबी ड्यूटी और समर्पण को ध्यान में रखते हुए 13वाँ वेतन दिया जाता था। आज यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने 13वें वेतन की पुनः स्वीकृति प्रदान कर दी है। 

चंडीगढ़ पुलिस ने संचार क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। एनालॉग वायरलेस प्रणाली से आगे बढ़ते हुए, अब पुलिस बल डिजिटल ट्रंकिंग तकनीक आधारित आधुनिक मोबाइल रेडियो प्रणाली अपना रहा है। गृह मंत्रालय और चंडीगढ़ प्रशासन ने इस परियोजना के लिए 20 करोड़ रुपये की सैद्धांतिक स्वीकृति दी है।

मुझे गर्व है कि चंडीगढ़ में 5 नए पुलिस थानों का निर्माण प्रगति पर है। मौलीजागरां, आईटी पार्क और सेक्टर-49 के थानों का निर्माण लगभग 16 महीनों में पूरा हो जाएगा। सारंगपुर और मालोया क्षेत्र में भी नए थानों की योजना तैयार है। महिला थाना के लिए स्थल स्वीकृत हो चुका है और इस्टेट क्लियरेंस की प्रक्रिया जारी है। इसके अतिरिक्त, साइबर क्राइम थाना का निर्माण आरंभ हो चुका है। सेक्टर-22, बापूधाम और सेक्टर-52 में नई पुलिस चौकियों का विकास किया जा रहा है।

मुझे यह बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि धनास पुलिस कॉम्प्लेक्स में सामुदायिक केंद्र, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और बच्चों के पार्क की स्वीकृति दी जा चुकी है। साथ ही 144 नए आवासों का निर्माण कार्य भी तेजी से जारी है। 

वर्ष 2024 में चंडीगढ़ पुलिस ने देशभर में सबसे पहले अग्रणी भूमिका निभाते हुए तीन नए आपराधिक कानूनों का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया। 

ई-साक्ष्य, ई-समन, न्याय सेतु और न्याय श्रुति जैसे अत्याधुनिक डिजिटल उपकरणों के प्रयोग से पुलिस व्यवस्था और अधिक सशक्त, पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत बनी है। इसके साथ ही, चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया और जनता में विधिक जागरूकता भी बढ़ाई गई।

आरोपों को तैयार करने और निर्णय लेने के लिए सख़्त समय सीमा और फ़ोरेंसिक और डिजिटल साक्ष्य पर मज़बूत निर्भरता के कारण नए क़ानूनों के तहत मामलों का फ़ैसला तेज़ी से किया जा रहा है। खोज और ज़ब्ती के संचालन अब ऑडियो-वीडियो रिकॉर्ड किए गए हैं, और सभी सबूत समय-मुद्रित और भू-मुद्रित हैं, जो छेड़छाड़ को रोकता है और अदालत में स्वीकार्यता को तेज करता है। 

यह बताते हुए मुझे बहुत गर्व हो रहा है कि पहले की तुलना में नए कानून अपनाने से सजा दर 92 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है। 

चंडीगढ़ पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया में देश में प्रथम स्थान पर है। चंडीगढ़ पुलिस एक बार फिर से आपात स्थिति का जवाब देने के लिए देश में सबसे तेज शक्ति साबित हुई है। एम.एच.ए. के आंकड़ों के अनुसार, उनका औसत प्रतिक्रिया समय 2024 में 6.31 मिनट से बेहतर होकर अक्तूबर 2025 में 5 मिनट हो गया है। यह उन्हें अन्य सभी राज्यों में नंबर एक बनाता है। पीसीआर को और मज़बूत करने और अपग्रेड करने के लिए, मारुति अर्टिगा के 26 नई वाहनों को मौजूदा पीसीआर वाहनों के बेड़े में जोड़ा गया है।

पुलिस बल ने कल्याण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जैस 500 से अधिक पुलिस आवासों का आवंटन; शिक्षा, स्वास्थ्य, ऋण एवं पेंशन सुविधाओं का विस्तार और पदोन्नति व प्रशिक्षण के नए अवसर। 

नवाचार की दिशा में भी चंडीगढ़ पुलिस ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, नेशनल फोरेंसिक साईंस युनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पंजाब यूनिवर्सिटी और नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ सहयोग समझौते किए हैं, जिससे अनुसंधान, तकनीकी दक्षता और नवाचार को बल मिला है।

सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि हमारी चंडीगढ़ पुलिस नशे के विरुद्ध संघर्ष में केवल कानून-व्यवस्था तक ही सीमित नहीं है। यह सामाजिक जागरूकता बढ़ाने और युवाओं को सही दिशा देने में भी सक्रिय भूमिका निभा रही है। 

इसी कड़ी में चंडीगढ़ पुलिस द्वारा यू.टी. क्रिकेट एसोसिएशन चंडीगढ़ के साथ मिलकर ‘‘बल्ला घुमाओ, नशा भगाओ’’ के प्रभावशाली नारे के साथ अंडर-14 और अंडर-18 आयु वर्ग के खिलाड़ियों के लिए गली क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है।

जैसा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था, “तुम एक विचार लो, उस पर मनन करो, उसे अपने जीवन का लक्ष्य बना लो। यही सफलता का रहस्य है।” हमारे युवा यदि नशे से मुक्त होकर अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में लगाएँ, तो विकसित भारत का सपना निश्चित रूप से साकार होगा।

देवियो और सज्जनो,

पुलिस केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने वाला विभाग नहीं, बल्कि जनता का रक्षक, मित्र और सहायक है। जब हम सोते हैं, तब पुलिस जागती है; जब हम सुरक्षित रहते हैं, तब वे अपने परिवारों से दूर रहकर हमारी सुरक्षा का दायित्व निभाते हैं। समाज की शांति और राष्ट्र की स्थिरता, इनकी निष्ठा और कर्तव्यपरायणता पर ही टिकी है।

पुलिस बल की भूमिका आज और भी व्यापक हो गई है। तकनीकी प्रगति, साइबर अपराध, नशे का प्रसार, ट्रैफिक प्रबंधन, महिला और बाल सुरक्षा जैसे अनेक क्षेत्रों में पुलिस की जिम्मेदारी पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। यह देखकर गर्व होता है कि हमारे पुलिसकर्मी इन नई चुनौतियों का सामना आधुनिक तकनीक, पेशेवर प्रशिक्षण और संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ कर रहे हैं।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के “स्मार्ट पुलिस” ; (S-M-A-R-T – Strict and Sensitive, Modern and Mobile, Alert and Accountable, Reliable and Responsive, Tech-savvy and Trained)  के विज़न के अनुरूप, आज हमारी पुलिस एक नई पहचान बना रही है, एक ऐसी पुलिस जो अनुशासित होने के साथ मानवीय भी है, कठोर होने के साथ संवेदनशील भी है।

आज जब हमारा देश “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य की ओर अग्रसर है, तो पुलिस की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। विकास तभी सार्थक होगा जब नागरिक सुरक्षित और आत्मविश्वास से भरे होंगे। एक सुरक्षित समाज ही समृद्ध राष्ट्र की नींव है, और यह नींव हमारे पुलिस बल के परिश्रम, अनुशासन और त्याग पर टिकी है।

चंडीगढ़ पुलिस इस दिशा में अग्रणी है। यहाँ के कर्मी केवल “कानून के रखवाले” नहीं, बल्कि लोकतंत्र के प्रहरी और जनता के सच्चे सहयोगी हैं।

देवियो और सज्जनो,

पुलिस केवल अपराध से लड़ने की शक्ति नहीं है, बल्कि मानवता की रक्षा करने वाली संवेदना भी है। पुलिसकर्मी का चेहरा केवल वर्दी में नहीं, बल्कि सेवा में झलकता है। जब कोई पुलिसकर्मी किसी जरूरतमंद की मदद करता है, किसी बच्चे को सुरक्षा देता है, किसी पीड़ित को न्याय दिलाता है, तभी वह वास्तव में “खाकी का मान” बढ़ाता है।

आपदा, दुर्घटना या संकट की घड़ी में जब सब भाग रहे होते हैं, तब पुलिस कर्मी आगे बढ़कर सेवा करते हैं। यह सेवा ही पुलिस का असली धर्म है। जैसा कि कवि रहीम ने कहा है, 

“रहिमन निज मन की व्यथा, मन ही राखो गोय,

सुनि ठगइ हसि जाय हैं, लोग न ठठोई कोय।”

लेकिन पुलिस कर्मी इस “निज व्यथा” को छिपाकर भी जनता की सुरक्षा हेतु निरंतर तत्पर रहते हैं, यही उनका सच्चा बलिदान है।

चंडीगढ़ पुलिस के कर्तव्यनिष्ठ प्रयासों, तकनीकी आधुनिकीकरण एवं कानूनी सुधारों के उत्तम क्रियान्वयन से हमारा “सिटी ब्यूटीफुल” आज वैश्विक मानकों पर एक उत्कृष्ट उदाहरण बन रहा है। आइए, हम सभी मिलकर इस सुंदर नगर को और अधिक सुरक्षित, अपराधमुक्त, डिजिटल और समावेशी समाज का आदर्श बनाएं।

मैं इस अवसर पर चंडीगढ़ पुलिस के सभी अधिकारियों और जवानों को उनके अद्भुत समर्पण, अनुशासन और सेवा-भाव के लिए हृदय से बधाई देता हूँ।

आपकी वर्दी केवल सम्मान की नहीं, बल्कि विश्वास और उत्तरदायित्व की प्रतीक है। आपके परिश्रम से ही चंडीगढ़ आज एक सुरक्षित, अनुशासित और आधुनिक शहर के रूप में देशभर में उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। 

अंत में, मैं यही कहना चाहूँगा, 

“जब तक हमारी वर्दी में सेवा की भावना जीवित है,

तब तक समाज में शांति, न्याय और सुरक्षा अटल है।”

मैं परेड में भाग लेने वाले सभी पुलिसकर्मियों और पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ। आपकी निष्ठापूर्ण समर्पण, पेशेवर दक्षता और सत्यनिष्ठा हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

आप सभी को 59वें स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

धन्यवाद,

जय हिंद!