SPEECH OF HON'BLE GOVERNOR, PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARILAL PUROHIT ON THE OCCASION OF CHIEF GUEST AT THE ICONIC LEADERSHIP AWARDS 2022 BY ZEE MEDIA AT HOTEL MARRIOTT, CHANDIGARH ON MARCH 8, 2022

नमस्कार

ज़ी मीडिया के आइकोनिक लीडरशिप अवार्ड (Iconic Leadership Award) प्रोग्राम में शामिल होकर मुझे अत्यंत हर्ष अनुभव हो रहा है, मुझे यहां बुलाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

दोस्तों

पंजाब गुरुओं, पीरों की धरती है। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे यहां राज्यपाल के रूप में सेवा निभाने का अवसर मिला।

पंजाब का राज्यपाल बने हुए मुझे तकरीबन 7 महीने होने को हैं। यहां के सभी जिलों में गया, पठानकोट से मानसा तक फिरोजपुर-फाज़िल्का से श्री फतेहगढ़ सहिब-पटियाला तक सभी जगह गया।

पुलिस, प्रशासन, सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों व जनता के प्रतिनिधियों से मिला। हर इलाके की विशेषताएं जानीं, मुश्किलें पहचानीं व जनहित में चल रही केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं के जमीनी स्तर तक लागूकरण की समीक्षा की। हालांकि पंजाब किसी परिचय का मोहताज नहीं है पर मैं इसके कोने-कोने से वाकिफ हो रहा हूं।

एक समय ऐसा आया जब पूरा देश अनाज की कमी से जूझ रहा था तो उस वक्त पंजाब के किसानों ने बीड़ा उठाया और हरित क्रांति लाई। यही कारण है कि पंजाब को भारत का ‘धान का कटोरा या अन्न भण्डार’ के नाम से भी जाना जाता है। पंजाब गेहूं की पैदावार करने में देश में अव्वल है और आज भी पूरे देश का पेट भरने में पंजाब के किसानों का अहम योगदान है। गेहूं के साथ साथ कपास, चावल, गन्ना, सरसों और अन्य फसलों के उत्पादन में भी पंजाब काफी आगे है। एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी जिला लुधियाना के खन्ना क्षेत्र में है।

जहां एक तरफ पंजाब की धरती देश का पेट पालने के लिए फसलें पैदा करती है वहीं पंजाब की धरती के वीर सपूत देश की सीमाओं पर हमारी सुरक्षा के लिए दिन रात डटे हैं। जहां पंजाब को सोने की चादर के तौर पर देखा जाता है वहीं तिरंगे की शान बनाए रखने की ज़िम्मेदारी पंजाब के जवान बाखूबी निभा रहें हैं।

अनेकों बार नोर्थ वेस्ट फंर्टीअर द्वारा देश पर प्रहार हुये और हर बार पंजाब ने आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया। पंजाब वह प्रांत है जो सबसे बाद में अंग्रजों के अधीन आया और हमारे लिए गर्व की बात है कि यह वह प्रांत है जिसने सबसे पहले आज़ादी के लिए आवज़ बुलंद की। बार बार हमलों का सामना करने के बावजूद पंजाब अपने पैरों पर खड़ा है। पंजाब ने कई तरह के हालातों को झेला है चाहे वो आंतकवाद का काला दौर हो या फिर सरहदी राज्य होने के कारण बार्डर पार से हो रही साज़िशों का सामना, पंजाब ने हर मुश्किल को बहादुरी से मात दी है। यही कारण है पंजाब की धरती को शूरवीरों की धरती कहा जाता है।

सब जानते हैं कि पंजाब का नाम ‘पंज’ और ‘आब’ शब्दों के सुमेल से बना जिसका अर्थ है पांच नदीयां। यह भी सब जानते हैं कि देश के विभाजन के बाद पंजाब में पांच नदियां नहीं रहीं। लेकिन मैं इससे पूर्णतः सहमत नहीं हूं।

मेरा मानना है कि पंजाब में आज भी एक नदी ऐसी बहती है जो है बलिदान की नदी। यह जलियांवाला बाग, कूका आंदोलन, लाला लाजपत राय, शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, करतार सिंह सराभा की धरती है। इस धरती के सपूत आए दिन सरहदों पर देश की सुरक्षा करते हुए वीरगती को प्राप्त होते हैं। पंजाब में एक नदी और बहती है और वह है भक्ति की। यह श्री दरबार साहिब, श्री दुर्गियाना मंदिर, महाऋषी वाल्मिकी तीर्थ स्थल, देवी तालाब मंदिर, तख़्त श्री केस गढ़ साहिब, श्री दमदमा साहिब व श्री अकाल तख़्त साहिब की धरती है। यहां हर वर्ष देश विदेश से लाखों श्रद्धालु नतमस्तक होने आते हैं। यहां एक नदी कला और संस्कृति की भी बहती है। यह वो धरती है जहां हर वर्ष हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन के रूप में पिछले सवा सौ सालों से भी अधिक समय से कलाकुम्भ का आयोजन होता आ रहा है।

पंजाब का इतिहास गौरवान्वित करने वालों की सूची बहुत लम्बी है। फिर चाहे वह स्व. मिलखा सिंह हों या ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी, वैज्ञानिक हरगोबिंद खुराना हो या देश के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा, मोहम्मद रफी हो या पंजाब की कोकिला सुरिंदर कौर हो।

मेरा मानना है कि एक राज्य की प्रगति के लिए जितनी जिम्मेदारी सरकार की होती है, उतनी ही जिम्मदारी व योगदान वहां पर रहने वाले लोगों का होना अनिवार्य है। पंजाब के लोग मेहनती हैं और विभिन्न क्षेत्रों में उन्होने निपुणता हासिल की है। देश में ही नहीं विदेशों में भी उन्होंने अलग पहचान बनायी है और देश का नाम रोशन किया है।

राज्य तभी मजबूत होता है जब वहां पर शिक्षा, स्वास्थय, उघोग, हर क्षेत्र पर काम हो रहा हो। ज़ी मीडिया ने आज विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए यह सम्मान समारोह आयोजित किया है। मैं ज़ी मीडिया के इस पहल का स्वागत करता हूं और पंजाब की प्रगति के लिए काम कर रही शख़्सियतों को बधाई देता हूं और उन्हें अपना बाहुमूल्य योगदान निरंतर देते रहने के लिए आह्वान करता हूं।

धन्यवाद

जय हिंद!