SPEECH OF PUNJAB GOVERNOR AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI GULAB CHAND KATARIA ON THE OCCASION OF 47th ANNUAL DAY FUNCTION OF LUDHIANA MANAGEMENT ASSOCIATION AT LUDHIANA ON DECEMBER 12, 2025.
- by Admin
- 2025-12-12 16:05
लुधियाना मैनेजमेंट एसोसिएशन के वार्षिक दिवस समारोह पर राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया जी का संबोधनदिनांकः 12.12.2025, शुक्रवार समयःदोपहर 12:30 बजे स्थानः लुधियाना
सभी को नमस्कार!
आज लुधियाना मैनेजमेंट एसोसिएशन के 47वें वार्षिक दिवस समारोह तथा वर्ष 2024-25 के लिए पुरस्कार वितरण समारोह में आप सभी के बीच उपस्थित होकर मैं अत्यंत प्रसन्नता और गौरव का अनुभव कर रहा हूँ।
मुझे बताया गया है कि लुधियाना मैनेजमेंट एसोसिएशन की स्थापना 1978 में ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन, नई दिल्ली की एक संबद्ध इकाई के रूप में की गई थी जिसमें 750 से अधिक प्रमुख उद्योगपति, उद्यमी, वरिष्ठ अधिकारी और पेशेवर शामिल हैं।
एल.एम.ए. लुधियाना को 2011 में और फिर 2015 में ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ LMA पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
लुधियाना मैनेजमेंट एसोसिएशन ने पिछले पाँच दशकों में न केवल पंजाब, बल्कि पूरे उत्तरी भारत में प्रबंधन, उद्योग, नवाचार और नेतृत्व के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है। आज का यह आयोजन उद्योग और अकादमिक जगत के उस साझे मंच का उत्सव है, जिसने लुधियाना को “भारत का मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस” बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुझे ज्ञात हुआ है कि एल.एम.ए. विभिन्न प्रशिक्षण और प्रबंधन विकास कार्यक्रम आयोजित करता है। इसके अलावा यह, क्षेत्र में प्रबंधन शिक्षा का प्रसार करने के लिए अग्रणी स्थानीय उद्योगपतियों और प्रबंधन पेशेवरों द्वारा ज्ञान और अनुभवों को साझा करता है, जो लुधियाना और इसके आसपास के कई औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों में प्रबंधन के व्यावसायीकरण में सहायक सिद्ध हुआ है।
एल.एम.ए. हर साल 7 पुरस्कार प्रदान करके प्रबंधन अधिकारियों, उद्यमियों और संगठनों की उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करता है जो संगठन के वार्षिक दिवस समारोह में प्रदान किए जाते हैं।
लुधियाना, जो पहले से ही एक औद्योगिक केंद्र था, को एल.एम.ए. ने व्यावसायिक प्रबंधन और नेतृत्व की नई दिशा प्रदान की है।
देवियो और सज्जनो,
लुधियाना, जिसे अक्सर “भारत का मैनचेस्टर” कहा जाता है, केवल एक औद्योगिक केंद्र नहीं है, बल्कि यह पंजाब की उद्यमिता, धैर्य और नवाचार की जीवंत प्रतीक है। पिछले कई दशकों से लुधियाना भारत के विनिर्माण क्षेत्र का गौरव रहा है, चाहे वह वस्त्र उद्योग हो, साइकिल निर्माण, ऑटो पार्ट्स, मशीन टूल्स या होजरी।
लुधियाना की सबसे बड़ी विशेषता यह रही है कि यहाँ के उद्यमियों ने बदलते बाजार परिवेश में भी स्वयं को लगातार अनुकूलित किया, नवाचार किया और प्रतिस्पर्धा बनाए रखी। आपने न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति दी है, बल्कि भारत के निर्यात में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे देश को मूल्यवान विदेशी मुद्रा अर्जित हुई है।
आज जब हम उत्कृष्टता का सम्मान कर रहे हैं, तब हम पंजाब के उद्योग जगत की उस अदम्य भावना का भी उत्सव मना रहे हैं, जहाँ मेहनत और बुद्धिमत्ता का सुंदर संगम है।
देवियो और सज्जनो,
आज भारत की अर्थव्यवस्था एक परिवर्तनशील दौर में है। लगभग 7 प्रतिशत की अनुमानित जीडीपी वृद्धि दर के साथ, भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।
पंजाब भी अपनी आर्थिक प्राथमिकताओं को पुनर्संरेखित कर रहा है ताकि इस राष्ट्रीय प्रगति की गति का लाभ उठाया जा सके।
राज्य सरकार वर्तमान समय की औद्योगिक आवश्यकताओं और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक औद्योगिक नीति पर कार्य कर रही है, जो चार महत्वपूर्ण स्तंभों पर आधारित है। पहला स्तंभ है ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस, जिसके अंतर्गत अनुपालन बोझ को कम करना, डिजिटल अनुमोदन को सरल बनाना, और समयबद्ध स्वीकृतियाँ सुनिश्चित करना शामिल है।
दूसरा स्तंभ है इन्फ्रास्ट्रक्चर का उन्नयन। इसके अन्तर्गत लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर का विस्तार, औद्योगिक क्लस्टर को सशक्त बनाना, और एक्सप्रेसवे व मल्टीमॉडल पार्कों के माध्यम से बेहतर संपर्कता शामिल है।
तीसरा महत्वपूर्ण स्तंभ है मानव पूंजी में निवेश। इसमें उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल विकास कार्यक्रम, विशेषकर एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग, डिज़ाइन और ग्रीन टेक्नोलॉजी शामिल हैं।
चौथा स्तंभ है क्षेत्रवार नीतियों का निर्माण, जिसके तहत 24 समितियों द्वारा तैयार सिफारिशों को जनवरी 2026 तक लागू किया जा रहा है, जिससे प्रत्येक सेक्टर को एक विशिष्ट नीति प्राप्त हो सके।
इन सभी पहलों का समग्र उद्देश्य स्पष्ट है, पंजाब को घरेलू और विदेशी, दोनों प्रकार के निवेशकों के लिए एक पसंदीदा और विश्वसनीय गंतव्य बनाना।
देवियो और सज्जनो,
वैश्विक व्यापार परिदृश्य में आज हमारे सामने कई चुनौतियाँ हैं। अंतरराष्ट्रीय टैरिफ में उतार-चढ़ाव, भू-राजनीतिक परिवर्तन और सप्लाई चेन में व्यवधानों ने लुधियाना के निर्यात-उन्मुख क्षेत्रों, विशेषकर वस्त्र, ऑटो पार्ट्स और साइकिल उद्योग को प्रभावित किया है।
इन परिस्थितियों से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें दोनों निर्यात बाजारों में विविधता लाने और अधिक स्थिर व्यापार ढाँचे स्थापित करने की दिशा में कार्यरत हैं।
विदेश व्यापार नीति 2023, उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजनाएँ, और यूके, यूरोपीय संघ तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर वार्ताएँ, इन सभी का उद्देश्य पंजाब के निर्माताओं के लिए नए अवसर खोलना है।
साथ ही, मैं यहाँ के उद्योगों को प्रोत्साहित करना चाहूँगा कि वे वैल्यू एडिशन, उत्पाद विविधता, और ब्रांड निर्माण पर ध्यान दें। भविष्य उन्हीं का है जो केवल कुशलता से उत्पादन नहीं करते, बल्कि सार्थक नवाचार भी लाते हैं।
साथियो,
आज की औद्योगिक क्रांति, जिसे चौथी औद्योगिक क्रांति कहा जा रहा है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्वचालन, और हरित ऊर्जा के माध्यम से हमारे उत्पादन और वितरण के तरीकों को पुनर्परिभाषित कर रही है।
भारत सरकार की “मेक इन इंडिया-मेक फॉर द वर्ल्ड” और “वोकल फॉर लोकल” जैसी पहलें लुधियाना के उद्योगों के लिए एक सुनहरा अवसर हैं कि वे स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग अपनाएँ, नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश करें और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं का हिस्सा बनें।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता है कि लुधियाना की कई कंपनियाँ पहले ही सौर ऊर्जा, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे उपायों को अपना चुकी हैं। यह स्थिरता की दिशा में आपकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो न केवल प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाता है बल्कि भारत के 2070 तक नेट-ज़ीरो लक्ष्य के अनुरूप भी है।
साथियो,
आगे की प्रगति की बात करें तो यह स्पष्ट है कि पंजाब का औद्योगिक भविष्य तभी सुदृढ़ होगा, जब सरकार, उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के बीच एक मजबूत, पारदर्शी और स्थायी साझेदारी स्थापित हो। आज का युग सहयोग का युग है, जहाँ केवल सरकारी नीतियाँ ही पर्याप्त नहीं होतीं, बल्कि उद्योगों की सक्रिय भागीदारी और शैक्षणिक संस्थानों की अनुसंधान क्षमता मिलकर एक पूर्ण औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करती है।
इसी संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक महत्वपूर्ण आधारशिला सिद्ध हो रही है। यह नीति शिक्षा को केवल डिग्री-केंद्रित प्रणाली से आगे बढ़ाकर, कौशल-आधारित, नवाचार-उन्मुख और प्रायोगिक शिक्षण की ओर ले जाती है। इसमें व्यावसायिक शिक्षा, उद्योग-संलग्न प्रशिक्षण, डिज़ाइन थिंकिंग, उद्यमिता और तकनीकी दक्षताओं पर विशेष बल दिया गया है।
इस नीति के अंतर्गत ‘अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट’, ‘बहु-विषयक शिक्षा’, ‘उद्योग-शैक्षणिक साझेदारी’ और ‘स्किल इंटीग्रेशन’ जैसी पहलों से छात्रों को न केवल ज्ञान, बल्कि व्यावहारिक अनुभव और नवाचार की दृष्टि भी प्राप्त हो रही है। यह परिवर्तन विशेषकर विनिर्माण और MSME सेक्टर के लिए अत्यंत लाभकारी है।
सरकार अनुमतियों को सरल बनाकर, अवसंरचना को मजबूत बनाकर और उद्योग के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करके निस्संदेह अपनी भूमिका एक सहायक और सुविधाप्रदाता के रूप में निभा रही है। लेकिन वास्तविक विकास की ऊर्जा और गति का स्रोत आप जैसे उद्यमी ही हैं, जिनकी दूरदृष्टि, नवाचार क्षमता और जोखिम उठाने का संकल्प प्रदेश को आगे बढ़ाता है।
साथियो,
लुधियाना का अगला अध्याय अब केवल परंपरागत विनिर्माण पर आधारित नहीं होगा, बल्कि यह नवाचार, समावेशिता और नैतिकता पर आधारित एक आधुनिक औद्योगिक युग की शुरुआत होगा। हमें ऐसे लुधियाना की कल्पना करनी चाहिए जहाँ छोटे और मध्यम उद्यम डिजिटल रूप से सशक्त हों, नई तकनीकों, जैसे ऑटोमेशन, ए.आई और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग को सहजता से अपनाएँ और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी स्थिति मजबूत करें।
साथ ही, यह आवश्यक है कि महिलाएँ और युवा, दोनों ही इस औद्योगिक यात्रा के केंद्र में हों। महिलाएँ न केवल कार्यबल का विस्तार करती हैं, बल्कि उद्योग में स्थिरता, गुणवत्ता और नेतृत्व का एक नया आयाम जोड़ती हैं। युवाओं की ऊर्जा, रचनात्मक सोच और तकनीकी समझ उद्योग को भविष्य के अनुरूप बनाती है। इसलिए, हमें ऐसे अवसर और मंच तैयार करने होंगे, जहाँ ये दोनों वर्ग सक्रिय रूप से योगदान दे सकें।
इसी तरह, उद्योगों का समाज के प्रति उत्तरदायी होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। जिम्मेदार उत्पादन, नैतिक व्यावसायिक प्रथाएँ, पर्यावरण संरक्षण, और समुदाय के विकास में साझेदारी, ये वे स्तंभ हैं जिन पर भविष्य का एक मजबूत और विश्वसनीय औद्योगिक पंजाब खड़ा होगा।
देवियो और सज्जनों,
मेरा दृढ़ मत है कि किसी भी व्यवसाय की वास्तविक सफलता केवल मुनाफे से नहीं आँकी जाती, बल्कि इस बात से भी कि वह समाज, ग्राहकों, कर्मचारियों और अन्य हितधारकों के प्रति कितना नैतिक, जिम्मेदार और संवेदनशील है। उद्योग तभी स्थायी बनते हैं जब वे लाभ के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व का भी समान रूप से पालन करते हैं।
पंजाब के औद्योगिक केंद्र के रूप में लुधियाना ने वर्षों से अपनी अनुकूलनशीलता, नवाचार क्षमता और नेतृत्व को सिद्ध किया है। यह एक ऐसा शहर है जिसे सही मायनों में ‘उद्यमियों का विश्वविद्यालय’ कहा जाता है। अपने सशक्त लघु उद्योगों, वस्त्र और परिधान व्यवसाय, सहायक उत्पादों की विविधता तथा इंजीनियरिंग विनिर्माण में वैश्विक पहचान, इन सबने मिलकर लुधियाना को दृढ़ता, परिश्रम और दूरदृष्टि का प्रतीक बनाया है।
मुझे यह जानकर संतोष है कि एल.एम.ए. में उद्यमियों, शिक्षाविदों, प्रबंधकों और छात्रों का एक समृद्ध मिश्रण मौजूद है। ऐसे संस्थान समाज के लिए सोचने और आगे बढ़ने का सामूहिक प्लेटफ़ॉर्म तैयार करते हैं। हमें ऐसे और अधिक संगठनों की आवश्यकता है, ताकि ज्ञान की सीमाएँ टूटें और उद्योग-शैक्षणिक जगत मिलकर एक सशक्त, नवाचार-उन्मुख पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर सकें।
मैं इस अवसर पर यहाँ उपस्थित सभी उद्योगपतियों से आग्रह करता हूँ कि राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसंधान एवं विकास को मजबूत बनाने में अपना योगदान दें। अनुसंधान तभी फलता-फूलता है जब उद्योग और शैक्षणिक संस्थान एक-दूसरे के पूरक बनते हैं।
मैं एल.एम.ए. के माध्यम से आप सभी से विशेष आग्रह करता हूँ कि सीमावर्ती जिलों और ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को उद्योग द्वारा अपेक्षित कौशल उपलब्ध कराने में सहयोग दें। इन क्षेत्रों में औद्योगिक विकास की पर्याप्त संभावनाएँ हैं। यदि हम उद्योगों को वहाँ प्रोत्साहित करें और रोजगार के अवसर बढ़ाएँ, तो न केवल युवा गलत राहों और नशे से दूर रहेंगे, बल्कि प्रदेश का भविष्य भी अधिक सुरक्षित और उज्ज्वल बनेगा।
साथ ही, मेरा आप सभी से एक विनम्र अनुरोध है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखें। हवा, पानी और मिट्टी जैसे प्राकृतिक संसाधन हमारी सबसे अनमोल धरोहर हैं, और इन्हें संरक्षित रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
इसी क्रम में मैं लुधियाना से गुजरने वाले बुढ्ढा नाला का विशेष उल्लेख करना चाहूँगा। मैं उद्योग जगत से आग्रह करता हूँ कि इस नाले में किसी भी प्रकार का दूषित या अनुपचारित जल न जाने दें। आने वाली पीढ़ियों को इसका भारी मूल्य चुकाना पड़ सकता है। स्वच्छ पर्यावरण ही स्वस्थ समाज और सतत औद्योगिक विकास की आधारशिला है।
साथियो,
आज इस मंच से मैं युवाओं से कहना चाहूंगा कि आज का दौर प्रतिभा, तकनीक, नवाचार और दक्षता का दौर है। इस समय युवाओं के पास अवसरों का असीम विस्तार है, Startups से लेकर global supply chains तक; AI, Robotics, Machine Learning से लेकर Green Energy तक; E-commerce से लेकर Agro-tech तक; Bio-innovation तक, हर क्षेत्र में युवा नई क्रांति के वाहक बन सकते हैं।
मैं पंजाब के युवाओं से विशेष रूप से कहना चाहूँगा कि आप केवल अपनी नौकरी के लिए नहीं, बल्कि नए रोजगार निर्माताओं के रूप में आगे आएँ। आप अपने विचारों, अपनी ऊर्जा और अपनी सृजनात्मकता को समाज निर्माण और राष्ट्र निर्माण के लिए दिशा दें। ड्रग्स जैसी सामाजिक बुराइयों से दूर रहें। आपकी प्रतिभा, आपका आत्मविश्वास और आपका अनुशासन ही पंजाब को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।
देवियो और सज्जनो,
आज का यह समारोह केवल उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित करने का अवसर नहीं है, बल्कि यह पंजाब के उद्योग जगत की संभावनाओं पर हमारे विश्वास की पुनः पुष्टि भी है।
सभी पुरस्कार विजेताओं और नामांकित प्रतिभागियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ। आपकी उपलब्धियाँ केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि इस पूरे क्षेत्र की आकांक्षाओं का प्रतीक हैं।
आइए, हम सब मिलकर एक ऐसे पंजाब का निर्माण करें जो औद्योगिक रूप से समृद्ध, पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी, और सामाजिक रूप से प्रगतिशीलता का उदाहरण प्रस्तुत करे।
आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद कि आपने मुझे इस गौरवपूर्ण अवसर का भागीदार बनाया।
धन्यवाद,
जय हिन्द!