SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR PUNJAB AND ADMINISTRATOR, UT CHANDIGARH, SHRI BANWARILAL PUROHIT ON THE OCCASION OF INTERNATIONAL YOGA DAY 2022 AT CHANDIGARH ON JUNE 21, 2022

नमस्कार

सुप्रभात

सर्व प्रथम मैं आप सबका स्वागत करता हूं तथा आप सभी को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभ कामनाएँ देता हूं।

भाईयों और बहनों,

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का 8वां संस्करण ‘‘ मानवता के लिए योग’’ विषय के साथ मनाया जा रहा है। इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विषय यह दर्शाता है कि कैसे कोविड-19 महामारी के चरम के दौरान, योग ने लोगों के कष्टों को कम करने में मानवता की सेवा की है।

मित्रों,

विश्व का पहला योग दर्शनशास्त्र संकलित करने वाले ऋषि पतंजलि ने योग को ‘‘स्वयं के स्वतंत्र विचारों को नियंत्रित करके, स्थिरता और शांति प्राप्त करने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया है, जो आंतरिक सद्भाव पैदा करती है।’’

सो, योग कोई व्यायाम का समूह नहीं है। यह शारीरिक व्यायाम से कहीं ऊपर है और शरीर को वैचारिक प्रक्रियाओं से जोड़ता है। यह एक ऐसी जीवन शैली का निर्माण करता है जो शांति, सद्भाव और सकारात्मक सोच को महत्व देता है। योग जीवन जीने की एक कला है। योग शरीर, मन और आत्मा में समन्वय लाने की जीवन पद्धती है।

भारत के ऋषियों ने भारत में जब भी स्वास्थ्य की बात की है तो इसका मतलब केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं रहा है, इसलिए योग में फिजिकल हेल्थ के साथ साथ मेंटल हेल्थ पर इतना जोर दिया गया है। जब हम प्राणायाम करते हैं, ध्यान करते हैं, दूसरी यौगिक क्रियाएं करते हैं तो हम अपनी अंतर्चेतना को अनुभव करते हैं। योग से हमें यह अनुभव होता है कि हमारी विचार शक्ति, हमारा आंतरिक सामर्थ्य इतना ज्यादा है कि दुनिया की कोई परेशानी, कोई भी निगेटिविटी हमें तोड़ नहीं सकती है। योग हमें स्ट्रेस से स्ट्रेंथ का और निगेटिविटी से क्रिएटिविटी का रास्ता दिखाता है। योग हमें अवसाद से उमंग , प्रमाद से प्रसाद तक ले जाता है।

आज के इस अवसर पर मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को विशेष धन्यवाद देता हूं जिनकी बदौलत संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया और अब इसे दुनिया भर में मनाया जा रहा है। योग का प्राचीन विज्ञान, आधुनिक विश्व को भारत की बहुमूल्य देन है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कुछ वर्ष पहले जब योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की बात कही थी, तो उस समय किसी ने सोचा भी नहीं था कि इतने कम समय में हमारा योग विश्व के कोने-कोने तक पहुंचेगा।

लेकिन यह वास्तव में संभव हुआ है।

योग को आज पूरे विश्व ने अपनाया, उसको स्वीकार किया है।

आज के इस दिन, दुनिया के सभी देशों में लोग योग कर रहे हैं, और मुझे खुशी है की आप सभी इस अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन का हिस्सा बने हैं।

बहनों और भाइयों,

योग के माध्यम से हम हर मन में सहनशीलता के बीज बो रहे हैं। जैसे ही ये बीज अंकुरित होंगे, हमारे पास एक पूर्ण मानव होगा। ऐसा व्यक्ति व्यापक सोच वाला होता है। वह साथी इंसान के दृष्टिकोण, क्षेत्र, धर्म, सिद्धांत और विचारधारा का सम्मान करेगा, चाहे वह कितना भी विविध क्यों न हो। इसके साथ ही, व्यक्ति अच्छे स्वास्थ्य को प्राप्त करेगा और उसे बनाए रखेगा।

मेरा मानना है कि आत्मसंयम और सहनशीलता का गुण जो योग के अभ्यास से विकसित होता है वह हमें शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण समाज और समुदाय बनाने में मदद कर सकता है , जो आज की दुनिया में सबसे अधिक आवश्यक है और जो युद्ध और संघर्ष की भेंट चढ़ रहा है।

आज हमें हर स्तर पर तनाव देखने को मिल रहा है। वर्तमान में बुजुर्गों के साथ-साथ युवा पुरुष और महिलाएं भी तनावग्रस्त हैं। माताएं भी तनाव में हैं और बेटियां भी। यहां तक कि इससे छात्र और बच्चे भी अछूते नहीं हैं। बदलती जीवन शैली से उत्पन्न तनाव हमारे व्यक्तिगत और निजी जीवन में कहर ढा रहा है।

केवल योग ही हमें जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को फैलने से रोकने में मदद कर सकता है। योग पसंद या नापसंद का विषय नहीं है। योग अनिवार्य है।

केवल सुविधाओं के सहारे जीवन को आसान बनाना काफी नहीं है। दवा और सर्जरी के रूप में समाधान पर्याप्त नहीं है। आज के बदलते समय में हमारे लिए जरूरी है कि हम बीमारी से बचाव के साथ-साथ तंदुरूस्ती पर भी ज्यादा ध्यान दें और यह शक्ति हमें योग से ही प्राप्त होती है।

भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी युवा शक्ति है। हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है। यदि इन्हें योग के द्वारा सशक्त किया जाए, तो यह युवा शक्ति राष्ट्र और यहां तक कि विश्व की प्रगति और विकास में अपना पूर्ण योगदान दे सकती है। यह स्वस्थ भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में हमारी मदद कर सकती है।

युवाओं की बढ़ती संख्या नशों का शिकार हो रही है। योग युवाओं को इस तरह के नशों का शिकार बनने से रोकने में मदद कर सकता है। यह उन लोगों के पुनर्वास में भी मदद कर सकता है जो नशों की लत से बाहर आना चाहते हैं।

यह लोगों की जीवन शैली को सकारात्मक रूप से बदलता है और स्वास्थ्य व आत्मकल्याण के स्तर को बढ़ाता है।

आज की तकनीक और व्यस्त जीवन की दुनिया में, योग हमारे मन और शरीर की फिटनेस और मानसिक स्थिरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

योग का कोई तुरंत प्रभाव देखने को नहीं मिलता लेकिन अगर इसका दैनिक आधार पर अभ्यास किया जाए तो परिणाम देखा जा सकता है। सोने और खाने की तरह ही योग हमारे जीवन का अभिन्न अंग होना चाहिए।

इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर, आइए हम एकजुट हों और न केवल अपने स्वस्थ और सुखी जीवन में योगदान दें, बल्कि एक अधिक समृद्ध और शांतिपूर्ण दुनिया और हमारे गृह के एक अधिक सतत भविष्य के लिए भी अपना योगदान दें।

मुझे खुशी है कि भारत में योग के प्रति जागरूकता हर वर्ग तक पहुंच रही है - ड्राइंग रूम से लेकर बेडरूम तक, पार्कों से लेकर शहरों में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स तक, गलियों से लेकर वेलनेस सेंटर तक; आज हर जगह योग का अनुभव किया जा रहा है। योग सबके लिए है और हर कोई योग का है।

मैं आप सबको योग दिवस समारोह में शामिल होने के लिए धन्यवाद देता हूं। और आप सभी से योग को अपनाने और इसे अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाने का आग्रह करता हूं।

आप सभी को उत्तम स्वास्थ्य, शांति, सद्भाव और एक सुव्यवस्थित जीवन के लिए शुभकामनाएं।

धन्यवाद

जय हिन्द!