SPEECH OF HON’BLE GOVERNOR OF PUNJAB AND ADMINISTRATOR UNION TERRITORY OF CHANDIGARH, SHRI BANWARILAL PUROHIT ON THE OCCASION OF INVESTITURE CEREMONY AT TAGORE THEATRE, CHANDIGARH AT 04:25 PM ON 19TH SEPTEMBER, 2022

· सर्वप्रथम मैं, श्री पी वी रामा शास्त्री, अपर महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल पश्चिमी कमान चंडीगढ़ एवं प्रहरी परिवार का आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने मुझे बल के वीर प्रहरियों के अलंकरण समारोह में आमंत्रित किया है।

· बल के कर्तव्यनिष्ठ एवं बहादुर कार्मिकों को पदक से अलंकृत करना मेरे लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है।

· देश की प्रथम रक्षापंक्ति India's First Line of Defence के नाम से कहलाए जाने वाली सीमा सुरक्षा बल यानी BSF दुनिया का सबसे बड़ा Border Guarding Force है जिसे भारत - पाक और भारत - बांग्लादेश की सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेवारी दी गई है।

· चाहे युद्ध के समय भारतीय सेना के साथ मिलकर दुश्मन का सामना करने का दायित्व हो या शाँति के समय सीमा पर होने वाले अपराधों की रोकथाम की जिम्मेवारियाँ हों, सीमा सुरक्षा बल के कार्मिकों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन सम्पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण के साथ किया है।

· सीमा प्रबंधन जैसे प्राथमिक कर्तव्यों के अलावा, आतंकवाद के खिलाफ और आतंरिक सुरक्षा ड्यूटी के लिए भी तैनाती के दौरान बल के कार्मिकों का कार्य हमेशा प्रशंसनीय रहा है

मित्रों,

· यह सीमा सुरक्षा बल और देश के अन्य अर्धसैनिक बलों के शहीदों द्वारा किए गए बलिदान ही हैं, जिनके कारण भारत विश्व मानचित्र पर अपनी गौरवपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रहा है।

· आपके बल के जिक्र मात्र से ही शत्रु कांपने लग जाते हैं और इसी कारण हमारा लोकतंत्र विकास के पथ पर आग्रसर है।

· बी.एस.एफ. ने सर्वोच्च बलिदान की परंपरा स्थापित की है। अगर इतिहास पर नज़र डालें तो हम देखते हैं की सीमा सुरक्षा बल की स्थापना के ठीक छह साल बाद, जब तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में हर तरह के मानवाधिकारों का हनन हो रहा था, अकल्पनीय यातनाएं दी जा रही थीं, और जब स्थिति असहनीय हो गई तो उस स्थिति में भारत ने निर्णय लिया औरबी.एस.एफ. के जवानों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ; आज बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया के नक्शे पर मौजूद है।

· हालांकि युद्ध का समय हो या शांति का, बी.एस.एफ. के जवानों ने हमेशा अपने कर्तव्य के निर्वहन में कोई कसर नहीं छोड़ी है और इसके परिणामस्वरूप सीमा सुरक्षा बल को कई वीरता पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है।

· मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने सरहदों पर बुनियादी ढांचे के काम को हमेशा प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री जी का सपना है कि सीमाओं के बुनियादी ढांचे में सुधार हो। अगर ऐसा नहीं होगा, तो वहां से पलायन होता रहेगा और अंततः निर्जन सीमाओं की रक्षा करना बहुत कठिन हो जाएगा।

·मित्रों,

  • सीमा सुरक्षा का अर्थ है राष्ट्रीय सुरक्षा । जिस देश की सीमा सुरक्षित नहीं है, वह राष्ट्र सुरक्षित नहीं रह सकता।

· हमारे सामने घुसपैठ, मानव तस्करी,मवेशी तस्करी, हथियारों की तस्करी और ड्रोन जैसी चुनौतियां हैं, लेकिन देश के अर्धसैनिक बलों की सतर्कता और बदलते परिवेश के अनुकूल होने की इनकी क्षमता के चलते इन सभी चुनौतियों से पार पाकर हम अपनी सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं।

  • मैं हर तीन महीने में एक बार बी.एस.एफ. व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों व सरहदी गावों के सरपंचों से मिलता रहता हूं। मुझे ज्ञात है कि वर्जित वस्तुओं की ड्रोन के द्वारा तस्करी का बढ़ता खतरा आज बहुत गंभीर हो गया है और इससे निपटने के लिए डी.आर.डी.ओ और अन्य एजेंसियां स्वदेशी तकनीक पर काम कर रही हैं।

मित्रों,

· आप सीमा की रक्षा कर रहे हैं और साथ ही देश को सुरक्षित कर इसे विश्व में स्थान दिलाने के लिए एक अच्छा मंच प्रदान करने हेतु काम भी कर रहे हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि भारत सरकार सीमा सुरक्षा बल को सीमाओं की रक्षा के लिए दुनिया की सबसे उत्तम तकनीक उपलब्ध कराने हेतु पूर्ण प्रतिबद्ध है और सरकार इस दिशा में काम भी कर रही है।

· सीमा सुरक्षा बल, एन.एस.जी. और डी.आर.डी.ओ. ड्रोन के खतरे से निपटने और ड्रोन विरोधी प्रतिरोध प्रणाली विकसित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। कुछ ही समय में हम ड्रोन को नियंत्रित करने के लिएएक मजबूत प्रतिरोध प्रणाली बनाने में सक्षम होंगे।

· सरहदों की सुरक्षा के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करके और उनके साथ बातचीत करके आप सीमाओं के लिए सुरक्षा का एक मजबूत घेरा बना सकते हैं।

· अभी श्री पी वी रामा शास्त्री जी ने अपने स्वागत भाषण के दौरान सीमा सुरक्षा बल के गौरवमयी इतिहास का जिक्र करते हुए बताया कि बल के कार्मिकों को 01महावीर चक्र, 04 कीर्ति चक्र, 13वीर चक्र, 13 शौर्य चक्र, 56सेना मेडल सहित 1300 से अधिक अन्य वीरता पदकों से सम्मानित किया जा चुका है।

· पदकों से सम्मानित बल की इस गौरवमयी इतिहास को कायम रखने के लिए 1940 से अधिक कार्मिकों ने शहादत दी है। यही नहीं, इस दौरान कितने ही सीमा प्रहरी, राष्ट्र रक्षा में विभिन्न चुनौतियों से जूझते हुए घायल भी हुए हैं। यह बल की कर्तव्य निर्वहन की क्षमता एवं युद्ध भूमि में प्रहरियों के अद्भूत शौर्य का उत्कृष्ट प्रमाण है।

· आज इस अलंकरण समारोह के शुभ अवसर पर मैं अपनी ओर से सीमा सुरक्षा के वीर प्रहरियों एवं शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है।

  • सीमा सुरक्षा बल द्वारा प्राप्त अनगिनत वीरता पदक इसके सीमा सुरक्षा में अनुपम होने का प्रमाण हैं। मुझे लगता है की वीरता का सम्मान करने के लिए कोई पदक नहीं हो सकता, बल्किआपकी वीरता ही पूरे देश के लिए एक पदक है।

· इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि सुरक्षित सीमाएँ ही एक समृद्ध राष्ट्र की बुनियाद होती हैं। जब हमारी सीमाएँ सुरक्षित हैं तो देश में अमन और शाँति होगी। विदेशी कंपनियों के लिए भारत में निवेश का अनुकूल वातावरण होगा।विकास के नए अवसर बनेंगे और देश समृद्ध होगा।

· मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि सीमा सुरक्षा बल के कार्मिक अपनी लगन, मेहनत और कर्तव्य परायणता से सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं और देश की सीमाएँ बिल्कुल सुरक्षित हैं।

· सीमा सुरक्षा बल द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में सद्भावना व समन्वय को बनाए रखने के लिए किए गए अनेक प्रयास जैसे सिविक एक्शन प्रोग्राम, निःशुल्क मेडीकल कैंप, जागरूकता अभियान इत्यादि न केवलसीमा प्रबंधन बल्कि सीमावर्ती लोगों के सामाजिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भी अनिवार्य हैं। इसके अलावा Border Area Development Programme के अंतर्गत चलाए जा रहे प्रोग्राम में सीमा सुरक्षा बल की सहभागिता से सीमा पर रहने वाले लोगों का सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान अवश्यमेव हुआ है। जिसके लिए समस्त प्रहरीगण बधाई के पात्र हैं।

· अंत में, मैं सीमा सुरक्षा बल के अपर महानिदेशक श्री पी वी रामा शास्त्री, भारतीय पुलिस सेवा एवं उनकी टीम को समारोह के सफल आयोजन के लिए बधाई देता हूँ।

· साथ ही, आज के समारोह में Police Medal for Meritorious Service पदक से सम्मानित हुए 80 कार्मिकों व उनके परिजनों को पदक प्राप्ति के लिए बधाई देता हूँ एवं उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना करता हूँ।

  • मैं , आशा करता हूँ कि सीमा सुरक्षा बल इसी प्रकार अपने यश और कीर्ति को बनाए रखते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता रहेगा।

धन्यवाद,

जय हिंद।